Saturday, June 13, 2020

कोरोना संक्रमण के बीच आखिर क्यों खोले जा रहे टाइगर रिजर्व ?

पन्ना टाइगर रिज़र्व का मंडला स्थित प्रवेश द्वार। 

अरुण सिंह,पन्ना। पन्ना सहित प्रदेश के सभी टाइगर रिज़र्व 15 से 30 जून तक पर्यटकों के भ्रमण हेतु खुलने जा रहे हैं। कोविड-19 कोरोना संक्रमण से वन्य प्राणियों को बचाने के लिए मार्च में ही सभी टाइगर रिजर्व पर्यटकों के भ्रमण हेतु बंद कर दिए गए थे। लंबे लॉकडाउन के दौरान पर्यटकों की धमाचौकड़ी थमने से वन्य प्राणियों ने जहां राहत की सांस ली थी, वहीं मानवीय हस्तक्षेप खत्म होने से वे स्वच्छन्द रूप से अपना नैसर्गिक जीवन जीने लगे थे। लेकिन तकरीबन ढाई माह तक चले इस लंबे लॉकडाउन के बाद अचानक सरकार ने 15 जून से टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश के सभी कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, पन्ना व सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के प्रवेश द्वार पर्यटकों के भ्रमण हेतु खोलने का निर्णय लिया है जो आश्चर्यजनक है।
 यहां  विचारणीय बात यह है कि ढाई माह पूर्व 20-25 मार्च के आसपास टाइगर रिजर्व पर्यटकों के भ्रमण हेतु क्यों बंद कर दिए गए थे ? क्या अब वन्य प्राणियों में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा नहीं है ? जबकि कोरोना महामारी को द्रष्टिगत रखते हुये ही टाइगर रिज़र्व इसलिये बंद किये गये थे ताकि वन्यप्राणी विशेषकर बाघ संक्रमण से बचे रहें। लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही सभी टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिये बंद करने का फैसला इसलिये लिया गया था क्योकि अमेरिका के एक चिड़ियाघर में कोरोना से एक बाघ संक्रमित पाया गया था। उस समय अपने देश व प्रदेश में गिनती के ही कोरोना पॉजिटिव केस थे, इसके बावजूद सभी टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिये बंद करने का निर्णय लिया गया। पहले की तुलना में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या अब बहुत अधिक यानि लाखों में है जो निरंतर बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में पर्यटकों के भ्रमण हेतु टाइगर रिजर्व को खोलना कहां तक उचित है ? ऐसा करना आखिर किसके हित में है तथा ऐसी कौन सी इमरजेंसी है कि गिनती के कुछ दिनों हेतु महीनों से सुरक्षित और आइसोलेट टाइगर रिजर्व तथा वहां विचरण करने वाले वन्य प्राणियों को खतरे में डाला जा रहा है। सामान्य दिनों में भी बारिश के समय 15 जून से सभी टाइगर रिजर्व बंद हो जाते हैं, यदि बारिश नहीं हुई तभी 15 जून के बाद अधिकतम 30 जून तक पर्यटन होता है। ऐसी स्थिति में महज कुछ दिनों के लिए पर्यटन शुरू कर आखिर जंगल के खुशनुमा माहौल व वन्य प्राणियों की जिंदगी व शांति में खलल क्यों पैदा की जा रही है ? यदि इस दौरान वन्य प्राणियों में संक्रमण फैला तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा ?
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