- अकोला बफर की संरक्षण गतिविधियों को पन्ना विधायक ने सराहा
- जंगल का भ्रमण कर नवनिर्मित पेट्रोलिंग कैंप का किया लोकार्पण
पेट्रोलिंग कैम्प के लोकार्पण अवसर पर विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह साथ में क्षेत्र संचालक श्री भदौरिया व अन्य। |
अरुण सिंह, पन्ना। पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में बिगड़े वनों के सुधार व संरक्षण के लिए शुरू की गई गतिविधियां सराहनीय हैं। इन क्षेत्रों में वन व वन्य प्राणियों का संरक्षण होने तथा पर्यटन को बढ़ावा मिलने से इसका लाभ ग्रामवासियों को भी मिलेगा। यह बात पन्ना विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह ने अकोला बफर क्षेत्र में नवनिर्मित पेट्रोलिंग कैंप के लोकार्पण अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि अकोला बफर के जंगल को देखकर उन्हें अत्यधिक प्रसन्नता हुई, यहां वनों के सुधार और संरक्षण हेतु जिस तरह के अभिनव प्रयास हुए हैं उसकी जितनी भी सराहना की जाए वह कम है। इस तरह के प्रयास अन्य दूसरे वन क्षेत्रों में भी होना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय पन्ना के निकट स्थित पन्ना बफर यह जंगल अवैध कटाई व मवेशियों की धमाचौकड़ी के कारण पूरी तरह से उजड़ गया था।इस उजड़े हुए क्षेत्र को फिर से हरा-भरा और वन्य प्राणियों के रहवास हेतु अनुकूल बनाने की पहल डेढ़ वर्ष पूर्व जनवरी 2019 में क्षेत्र संचालक के.एस. भदोरिया द्वारा की गई। उस समय किसी ने भी यह कल्पना नहीं की थी कि उजड़ा हुआ यह वन क्षेत्र इतनी जल्दी न सिर्फ हरा - भरा हो जाएगा बल्कि इस इलाके में वन्य प्राणी भी निर्भय होकर विचरण करने लगेंगे। डेढ़ वर्ष पूर्व शुरू की गई पहल के जो परिणाम अब दिखाई दे रहे हैं उसे देखकर लोग हैरत में हैं। इससे यह साबित होता है यदि जंगल की थोड़ी भी देखरेख की जाए और अवैध कटाई रोक दी जाए तो प्रकृति शीघ्रता से उजड़े हुए क्षेत्र को सजा संवार कर फिर से हरा भरा कर देती है। पन्ना वन परिक्षेत्र का अकोला बफर इसका जीता-जागता उदाहरण है।
बराछ पेट्रोलिंग कैम्प का लोकार्पण करते हुये विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह। |
क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व के.एस. भदोरिया, उपसंचालक जरांडे ईश्वर रामहरि के साथ पन्ना विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह, पर्यावरण प्रेमी हनुमंत सिंह रजऊ राजा, सुनील गुरु व भाजपा नेता विनोद तिवारी ने सोमवार को सायं अकोला बफर के जंगल का भ्रमण किया। यहां के प्राकृतिक मनोरम स्थलों व जंगल में आये निखार को देख विधायक श्री सिंह सहित अन्य सभी लोग मंत्रमुग्ध हो गये। विधायक श्री सिंह ने क्षेत्र संचालक श्री भदौरिया से कहा कि वन व पर्यावरण संरक्षण के कार्य में ग्रामीणों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए ताकि उनका जंगल से न सिर्फ जुड़ाव हो बल्कि उन्हें लाभ भी मिले। विधायक जी ने यह भी कहा कि ग्रामीणों की फसलों का नुकसान न हो इस दिशा में भी रणनीति बनाई जानी चाहिए तथा क्षति होने पर शीघ्रता से उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। इस संबंध में क्षेत्र संचालक श्री भदौरिया ने शासन के प्रावधानों और नियमों के संबंध में विधायक जी को अवगत कराया। श्री भदौरिया ने बताया कि मवेशियों का शिकार होने के मामलों में पीड़ित व्यक्ति को त्वरित रूप से एक सप्ताह में मुआवजा प्रदान कर दिया जाता है।
पेट्रोलिंग कैंप का विधायक ने किया अवलोकन
नवनिर्मित पेट्रोलिंग कैम्प का लोकार्पण करने के बाद विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह ने भवन का अवलोकन किया। उन्हें बताया गया कि यह स्थाई कैम्प साढे़ पांच लाख रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है। कम लागत में इतना अच्छा पेट्रोलिंग कैम्प का निर्माण कराये जाने पर विधायक ने प्रसन्नता जताई। उन्होंने मौके पर मौजूद ईको विकास समिति अकोला, बराछ और डोभा के पदाधिकारियों से भी चर्चा की। समिति के सदस्यों ने बताया कि अब यहां के जंगल में अवैध कटाई और शिकार के मामले नहीं होते। ग्रामवासी जंगल की अहमियत को समझने लगे हैं तथा संरक्षण गतिविधियों में सहयोग भी कर रहे हैं। अकोला बफर के जंगल को फिर से हरा-भरा बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले वन परिक्षेत्र अधिकारी लालबाबू तिवारी ने ग्रामवासियों से मिल रहे सहयोग व संरक्षण में उनकी भागीदारी से विधायक जी को अवगत कराया।
अब यहां बाघ परिवार का रहता है बसेरा
पहाड़ी की चट्टानों में बने प्राचीन शैल का अवलोकन करते हुये। |
पन्ना टाईगर रिजर्व में बाघों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होने के कारण अनेकों बाघ आसपास के क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं। अकोला बफर का यह जंगल मौजूदा समय बाघों का पसंदीदा स्थल बन चुका है। यहां करधई का शानदार जंगल तथा प्राकृतिक नालों में अविरल बहने वाली जलधार शाकाहारी वन्य जीवों के साथ - साथ शिकारी वन्य प्राणियों को भी अपनी ओर आकर्षित करती है। मौजूदा समय इस बफर क्षेत्र के जंगल में अपने तीन शावकों के साथ बाघिन व एक नर बाघ डेरा डाले हुए है। इस बाघ परिवार ने तो इस जंगल को ही अपना रहवास बना लिया है। सोमवार को विधायक श्री सिंह जब पेट्रोलिंग कैम्प का लोकार्पण करने पहुंचे, उस समय बाघ ने किसी मवेशी का शिकार किया था। घना जंगल होने के कारण बाघ के दीदार तो नहीं हुए लेकिन शावकों के साथ बाघिन और बाघ की मौजूदगी वहीं किल आस-पास होने के संकेत मिल रहे थे।
00000
No comments:
Post a Comment