Saturday, June 20, 2020

पेड़ - पौधे भी आपसे कुछ अपेक्षा रखते हैं ?

  • हमसे फल, फूल, छाया और ओषधि सब लें, लेकिन कम से कम इतना तो करें  

                .


आप के घरों के आस पास बगीचों, खेत या तलाब के मेड़ो आदि में आम, जामुन, नीम, महुआ, कैथा, बेल आदि कोई न कोई पेड़ अवश्य उगे होंगे, जो बारहो महीने आपको फल ,फूल ,हवा,छांव कुछ न कुछ देते रहते हैं। यह भी एक आश्चर्य है कि सभी पेड़ धरती में एक जैसे  उग कर बड़े होते हैं। वे सूर्य से रोशनी व बादलों से पानी भी एक जैसे ही ग्रहण करते हैं। पर फल, फूल अलग - अलग महीने में आते हैं। वे यह सब अपने लिए नहीं बल्कि  हमारे हित में ही ऐसा करते हैं।
 आज मनुष्य ने हर क्षेत्र में तरक्की कर प्रकृति को अपना गुलाम सा बना लिया है और सारी सुबिधा घर बैठे पा लेता है । पर हजारों साल पहले जब वह प्रकृति के समीप था तब इन पेड़ पौधों ने अलग अलग महीनों व अलग - अलग ऋतुओं में फल दे कर हमारे पूर्वजों का बड़ा उपकार किया है। इनके हमारे हित में किये गये संगठन को तो देखिये कि सावन मास में यदि आम जामुन फल दे रहे हैं तो भादो में कठजामुन ,अकोल्हा, क्वार - कातिक में कैथा ,सीताफल तो अगहन से फागुन तक बेर अमरूद  आदि फल देते हैं। उधर चौत, बैशाख  में यदि महुआ ,तेंदू  भोजन की आपूर्ति कर रहा है तो जेठ अषाढ़ में अचार आम  बेल आदि। इसी तरह कुछ पेडो में यदि चौत , बैसाख में पत्ते  आ जाते हैं तो कुछ में जेठ से भादो तक व कुछ पेड़ सदाबहार भी हैं। ताकि हमें बारहो महीने भोजन भी मिलता रहे और गर्मी में छाया व बरसात में हमारा पानी से बचाव भी होता रहे। जो कुछ नहीं दे रहे तो हवा और औषधि तो दे ही रहे हैं ? हमको इतनी सौगात देने के बाद  यह पेड़ पौधे हमसे भी कुछ अपेक्षा रखते हैं।

आम चाहता है कि आप मेरा फल तो खाइये पर मेरी सुरक्षा कवच लगी गुठली कहीं ऐसे स्थान में डाल दीजिए जहां मैं आसानी से उग कर दोबारा आप और आपकी  आने वाली पीढ़ी के लिए उपयोगी बन सकूँ ? पीपल बरगद का कथन है क़ि चिड़ियों के बीट से उगने के कारण हमारे  पौधे आप के घर आंगन मुडेर में जम आते हैं तो आप हमें उखाड़ कर फेकने के बजाय किसी सड़क के किनारे या किसी तलाब की मेड में लगा सकते हैं। महुआ, नीम ,जामुन का कथन है कि हमारे बीज में तभी अंकुरण होता है जब पक कर झड़ने के बाद एक सप्ताह में पानी पड़ जाये। इसलिए हमारी गुठली को उस समय बाग बगीचे मैदानों में बिखेर दे जब पानी गिरने वाला हो। ताकि हम आराम से अंकुरित हो पेड़ बन जायें और हमारी छाया औषधि या फल आप को इसी तरह मिलते रहें। ऐसी ही कुछ अपने अनुरूप अपेक्षा कैथा ,बेल, अमरूद ,सीताफल ,करंज, अचार आदि तमाम पौधे भी करते हैं। अधिकांश पेड़ो में गर्मी में बीज बनता है। यदि उस बीज को हम एकत्र कर लें और गोबर मिट्टी को सान बीज के ऊपर उस मिट्टी का एक आवरण चढा कर गोली सी बना लें तो उस बीज को बोने में हमें सहूलियत होगी। क्यों कि यदि उस गोली को हम  जंगल मैदान बाग़ आदि में  कहीं भी बिखेर देंगे  तो वर्षा होते ही बीज मिटटी से खुराख लेकर आसानी से उग आयेगा और आराम से उसकी जड़े धरती को पकड़ लेंगी।
@बाबूलाल दाहिया 
00000

No comments:

Post a Comment