Monday, July 27, 2020

पन्ना में 5 वर्ष के नर बाघ की संदिग्ध मौत

  •  ठीक एक माह पूर्व 27 जून को मिला था बाघिन का कंकाल
  •  थमने का नाम नहीं ले रहा बाघों की मौत का सिलसिला

       
पन्ना टाइगर रिज़र्व में मिले बाघ के शव का दृश्य। 
                            ।।अरुण सिंह।।  
पन्ना,27 जुलाई 20।  मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में आज फिर एक 5 वर्ष के नर बाघ का सडा-गला कंकाल मिला है। इसके ठीक एक माह पूर्व 27 जून 20 को रेडियो कॉलर युक्त बाघिन पी-213 का कंकाल मिला था। एक माह के भीतर यहाँ दो बाघों की संदिग्ध मौत हो चुकी है जिससे पार्क प्रबंधन में खलबली मची हुई है। युवा नर बाघ की मौत कैसे व किन परिस्थितियों में हुई पार्क प्रबंधन स्पष्ट रूप से कुछ भी बता पाने की स्थिति में नहीं है। पूर्व की ही तरह यह आशंका जताई गई है कि आपसी संघर्ष में मौत हुई होगी। लेकिन लगातार जिस तरह से यहाँ बाघों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा उससे निगरानी व्यवस्था को लेकर जहाँ सवाल उठ रहे हैं, वहीँ यह आशंका भी जताई जाने लगी है कि बाघों से आबाद हो चुका पन्ना टाइगर रिज़र्व कहीं फिर 2009 की ओर तो अग्रसर नहीं हो रहा ?
युवा बाघ की संदिग्ध मौत के संबंध में जानकारी देते हुए क्षेत्र संचालक के. एस. भदौरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि गहरीघाट रेंज के बीट मझौली कक्ष क्रमांक पी-511 में 5 वर्ष की आयु वाले नर बाघ का 4 - 5 दिन पुराना शव मिला है।आज बीट गार्ड जब गस्त पर गया तो दुर्गन्ध आने पर खोजबीन की, तब उसे बुरी तरह से सड़ चुका बाघ का शव नजर आया। कोर क्षेत्र में बाघ की संदिग्ध मौत होने की खबर मिलते ही क्षेत्र संचालक श्री भदौरिया सहित उप संचालक श्री जरांडे, वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता व वन अधिकारी मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। क्षेत्र संचालक श्री भदौरिया ने बताया कि कोर क्षेत्र में बाघों की संख्या क्षमता से अधिक 39 के लगभग है, जिससे आपसी संघर्ष की घटनायें बढ़ी हैं। युवा नर बाघ की मौत इसी संघर्ष का नतीजा है। श्री भदौरिया के मुताबिक मौके पर खरोंच के निशान व पग मार्क भी मिले हैं।

निगरानी व्यवस्था पर उठ रहे सवाल 

पन्ना टाइगर रिजर्व में जिस तरह से बाघों की संदिग्ध मौतें हो रही हैं, उससे यहाँ की निगरानी व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। आश्चर्य की बात तो यह है कि बीते एक साल के दौरान जिन बाघों की मौत हुई है, सभी के शव सड़ी - गली स्थिति में मिले हैं। रेडियो कॉलर वाली बाघिन पी-213 जिसकी निगरानी चौबीसों घण्टे होती रही है उसकी मौत की भनक निगरानी दल कई दिन बाद शव के सड जाने पर लगी। यही स्थिति इस नर बाघ के मामले में भी देखी गई, जिससे कई सवाल उठ रहे हैं लेकिन उनका जवाब नहीं है।

मादा तेंदुआ की भी हुई है संदिग्ध मौत 

  युवा नर बाघ की संदिग्ध मौत के एक दिन पूर्व रविवार को बीट दक्षिण बांधी पन्ना कोर के रमपुरा बीट के निकट एक मादा तेंदुआ का भी संदिग्ध हालत में सड़ा गला शव मिला था, जिसे रविवार को ही मौके पर जला दिया गया। इस तेंदुआ से किसी दूसरे वन्यजीव का संघर्ष होने के भी कोई प्रमाण मौके पर नहीं मिले।  चूँकि यह कोर क्षेत्र है इसलिए शिकार की संभावना भी बहुत कम है ऐसी स्थिति में अब यह आशंका जताई जा रही है कि किसी अज्ञात बीमारी की चपेट में आकर तो इन वन्य प्राणियों की मौत नहीं हो रही? मामला जो भी हो लेकिन पन्ना टाइगर रिजर्व की स्थिति मौजूदा समय सामान्य नहीं कही जा सकती।

 जांच के लिए बाघ का भेजा गया सैंपल 

क्षेत्र संचालक के एस भदौरिया ने बताया कि मृत नर बाघ का पोस्टमार्टम पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉक्टर संजीव कुमार गुप्ता द्वारा आज मौके पर किया गया तथा जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं।  पोस्टमार्टम के बाद मौके पर ही वन अधिकारियों की मौजूदगी में बाघ के शव को जला दिया गया है।  श्री भदौरिया ने बताया कि बीमारी से मौत की आशंका को नकारा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आने पर मौत की वजह का खुलासा हो सकेगा।
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2 comments:

  1. क्या इनके विभाग के डॉक्टरों के द्वारा किए गए पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट्स आर टी आई के तहत आम जनता को प्रदाय की का सकती है.... हांथी तेंदुआ बाघ सभी मर रहे है और मैनेजमेंट रिपोर्ट आने की बात कर रहा है...दुखद

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  2. लापरवाही का आलम है बस

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