Tuesday, August 18, 2020

बहुप्रतिक्षित किलकिला फीडर परियोजना को मिली प्रशासकीय स्वीकृति

  •  6 करोड रूपये की लागत वाली परियोजना का शीघ्र ही प्रारंभ होगा कार्य
  •  परियोजना के मूर्तरूप लेने पर भरेगें लोकपाल सागर एवं धरम सागर तालाब

किलकिला फीडर का अवलोकन करते कलेक्टर श्री शर्मा साथ में कार्यपालन यंत्री बी.एल. दादौरिया। 

अरुण सिंह,पन्ना। शहर के जीवनदायी दो प्राचीन जलाशयों को बारिश के मौसम में लबालब भरने के लिये विगत लम्बे समय से किलकिला फीडर को पुनः चालू कराने की मांग की जा रही थी। पिछले लगभग 4 दशकों में इस बावत कई बार प्रयास भी किये गये किन्तु कोई ठोस प्रगति नही हुई। लेकिन अब स्थानीय मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह एवं सांसद बी.डी. शर्मा के सक्रिय प्रयासों से बहुप्रतिक्षित किलकिला फीडर परियोजना के मूर्तरूप लेने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। मालुम हो कि जिला मुख्यालय पन्ना स्थित प्राचीन लोकपाल सागर एवं धरम सागर तालाब से पन्ना नगर को जहाँ पेयजल की आपूर्ति होती है वहीँ खेतों में फसलों की सिंचाई भी की जाती है। अल्प वर्षा होने की स्थिति में आमतौर पर ये दोनों प्राचीन तालाब अपनी क्षमता के अनुरूप भर नहीं पाते जिससे गर्मियों में पन्ना नगरवासियों को जहाँ पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है वहीँ किसानों को भी सिंचाई के लिये पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता। परियोजना के मूर्तरूप लेने पर इस समस्या का निराकरण हो जायेगा। 

उल्लेखनीय है कि पन्ना शहर के इन दोनों प्राचीन तालाबों को भरने के लिए किलकिला फीडर नाम से स्टेट समय में नहर बनाई गयी थी। परन्तु कालांतर में रख रखाव के अभाव एवं अतिक्रमण के कारण यह नहर बंद हो गयी थी। वर्तमान में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने जनभावना एवं मीडिया के द्वारा उठाये गये मुद्दे को ध्यान में रखते हुए पानी की समस्या का निराकरण करने के लिए इस काम को गंभीरता से लिया। उन्होंने इस पूरे कार्य का सर्वे कराया। स्टीमेट बनवाकर एसई, सीई एवं ईएनसी जल संसाधन विभाग से स्वीकृत कराकर प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा गया। कार्य में निरंतरता बनाए रखने के लिए बीएमएस फंड से राशि स्वीकृत कर कार्य शुरू कराया गया। कार्य के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए  मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह एवं  सांसद  बी.डी. शर्मा द्वारा प्रयास किये गये। इस महत्वपूर्ण मुद्दे को मंत्री श्री सिंह ने उठाते हुए स्वयं जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, जल संसाधन मंत्री से चर्चा की गयी। जिसके परिणाम स्वरूप राज्य शासन से इस बहुप्रतिक्षित परियोजना को प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो गयी है। इस परियोजना में लगभग 6 करोड रूपये की लागत आयेगी। विभाग शीघ्र ही इस परियोजना के लिए निविदाएं आमंत्रित कर कार्य प्रारंभ करेगा। जल संसाधन विभाग पन्ना के कार्यपालन यंत्री बी.एल. दादौरिया ने बताया कि किलकिला फीडर का कुछ कार्य कराया गया है। अब इस परियोजना के लिए  राज्य शासन से प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होने पर नहर निर्माण सहित अन्य कार्य पूरे हो सकेंगे। आपने बताया कि इस वर्ष तो नहीं लेकिन आगामी वर्ष से किलकिला फीडर के द्वारा पन्ना के दोनों बड़े तालाबों को बारिश के पानी से भरा जा सकेगा। 

जिले में अब तक 670.8 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

अधीक्षक भू-अभिलेख ने बताया कि पन्ना जिले की औसत वर्षा 1176.4 मि.मी. है। जिसमें जिले में गत 01 जून से अब तक 670.8 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गयी है। अभी तक वर्षामापी केन्द्र पन्ना में 803.7 मि.मी., गुनौर में 786.7 मि.मी., पवई में 724.0 मि.मी., शाहनगर में 524.1 मि.मी. तथा अजयगढ में 515.6 मि.मी. वर्षा दर्ज की गयी है। गत वर्ष इसी अवधि पन्ना में 463.2 मि.मी., गुनौर में 373.5 मि.मी., पवई में 773.6 मि.मी., शाहनगर में 483.3 मि.मी. एवं अजयगढ में 525.3 मि.मी. वर्षा दर्ज की गयी है। उन्होंने बताया कि 18 अगस्त 2020 को जिले की औसत वर्षा 11.8 मि.मी. दर्ज की गयी है। जिसमें वर्षामापी केन्द्र गुनौर में 4.0 मि.मी., पवई में 40.2 मि.मी. तथा शाहनगर में 12.2 मि.मी. वर्षा दर्ज की गयी है।

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