- अतिक्रमण का केस ख़ारिज करवाने के लिये मांगे थे एक लाख
- पहली क़िस्त के 25 हजार रु. के साथ लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ा
फरियादी विकास जैन स्थानीय पत्रकारों से चर्चा करते हुये। |
अरुण सिंह,पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पवई हल्का पटवारी राजेंद्र सोनी को लोकायुक्त पुलिस सागर की टीम ने बुद्धवार 26 अगस्त को अपरान्ह रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। पटवारी जमीनी विवाद का निपटारा कराने के एवज में फरियादी से रिश्वत की मांग की थी। लोकायुक्त सागर के निरीक्षक अभिषेक वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि स्थानीय बस स्टैंड के समीप स्थित भूमि पर फरियादी विकास जैन द्वारा बाउंड्री वाल का निर्माण कराये जाने पर तहसीलदार और पटवारी ने कुछ समय पूर्व उनके विरुद्ध शासकीय भूमि में अतिक्रमण करने का केस दर्ज किया था। उक्त केस तहसीलदार के न्यायालय में विचाराधीन है। कथित तौर पर इसे खारिज करने के एवज में एक लाख रुपये की मांग विकास जैन से पटवारी राजेंद्र सोनी के द्वारा की गई थी। विकास जैन ने इसकी लिखित शिकायत लोकायुक्त पुलिस से की थी। फलस्वरूप योजना के मुताबिक रिश्वत की प्रथम किस्त के रूप में आज 25 हजार रुपये की राशि विकास जैन के द्वारा पटवारी आवास में पहुंचकर पटवारी को जब दी गई, उसी समय लोकायुक्त पुलिस की टीम ने दबिश देकर उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। मामले में आरोपी पटवारी ने अपने आप को निर्दोष बताते हुए कहा है कि उसे साजिश के तहत फसाया जा रहा है। लोकायुक्त पुलिस सागर की टीम द्वारा इस मामले में पटवारी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की गई है।
मामले से पटवारी संघ के अभियान को लगा धक्का
भ्रष्टाचार और काम करने के एवज में रिश्वत मांगे जाने की वृत्ति के खिलाफ पटवारी संघ ने हाल ही में श् न खायेंगे और न खाने देंगे श् अभियान की शुरुआत की थी। इस अनूठे अभियान की सभी ने मुक्त कंठ से सराहना भी की थी। लेकिन यह अभियान जोर पकड़ता और पटवारियों के प्रति आम जनता की सोच में बदलाव आता इसके पूर्व ही यह अप्रिय घटनाक्रम हो गया। जिससे पटवारी संघ द्वारा शुरू किये गये अभियान को निश्चित ही धक्का पहुंचा है। अभियान की शुरुआत करते हुए पटवारी संघ के अध्यक्ष ने कहा था कि अधिकारियों व शासन का पटवारी वर्ग के प्रति सोच बदले, इसके लिए जागरूकता अभियान जरुरी है। उन्होंने बड़े ही बेबाक ढंग से यह भी कहा था कि आज भी कोई काम न होने पर उच्च अधिकारियों से लेकर आम आदमी तक के मन में यही धारणा रहती है कि पटवारी को पर्याप्त रिश्वत नहीं दी इसलिए काम नहीं हुआ, सभी के मन में पटवारी ही दोषी रहता है। इस अभियान में संघ अपने बैनर तले निम्न क्रियाकलाप करने का संकल्प लिया था। इस मौके पर बड़ी संख्या में पटवारी शामिल हुये थे। कार्यक्रम में कहा गया था कि संघ ऑडियो, वीडियो, पंपलेट ,रैली आदि के माध्यम से लोगों को जागरूक करें कि एक भी पैसा न अधिकारियों को दी जाए न पटवारी को। शासन की निर्धारित फीस जहां आवश्यक हो बतलाया जाये। यह भी बताया जाये कि यदि कोई आवेदक वकील के माध्यम से अपना काम कराना चाहता है तो उसे भी न अधिकारियों के नाम का पैसा दिया जाये न पटवारी के नाम का पैसा दिया जाये। संघ का यह मानना था कि यही मौका है जब संघ और पटवारी आम जनमानस में अपनी छवि सुधार सकता है। उस वक्त हमें कृषकों का भी सहयोग मिलेगा।संघ तब अपनी जायज मांगों जैसे ग्रेड पे ,ओहर वर्क लोड ,अपर्याप्त संसाधन जैसी मांगों को शासन के सामने रखेगा तब सरकार को हमारी बातों के प्रति ज्यादा संजीदा होना पड़ेगा। उस वक्त हम आम लोगों का सहयोग भी प्राप्त कर पायेंगे और लोग मन से हमारे साथ में होंगे।
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