Monday, September 21, 2020

दो शावकों के साथ दिखी बाघिन पी-141

  • प्रकृति अपना काम कर रही, प्रबंधन भी अपना दायित्व निभाये   

पन्ना टाइगर रिजर्व की बाघिन पी-141 अपने दो नन्हें शावकों के साथ। 

अरुण सिंह,पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा लगातार बढ़ रहा है। बाघों की संख्या बढ़ने से कई बाघ अपने लिए अनुकूल रहवास की तलाश में कोर क्षेत्र से बाहर भी निकल रहे हैं। नये शावकों के जन्म लेने तथा उनके वयस्क होने पर बाहर निकलने का सिलसिला भी अब और तेज हो गया है। पन्ना टाइगर रिजर्व की बाघिनें प्रतिवर्ष शावकों को जन्म दे रही हैं, जिससे बाघों का कुनबा बढ़ रहा है। इसी के साथ वयस्क नर बाघों में इलाके को लेकर आपसी संघर्ष की घटनाएं भी बढ़ी हैं।

 क्षेत्र संचालक के.एस. भदोरिया द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक पन्ना टाइगर रिजर्व की बाघिन पी-141 अपने दो नन्हें शावकों के साथ देखी गई है। इस बाघिन को शावकों के साथ हिनौता वन परिक्षेत्र के उत्तर हिनौता बीट में विचरण करते हुए देखा गया है। बताया गया है कि बाघिन व उसके दोनों शावक पूर्णरूपेण स्वस्थ हैं। क्षेत्र संचालक श्री भदौरिया ने बताया कि बाघिन के साथ देखे गए शावकों की उम्र लगभग ढाई माह है, जो बाघिन पी-141 के दूसरे लिटर की संतान है। इस बाघ ने अपने पहले लिटर में भी दो शावकों को जन्म दिया था, जो पन्ना टाइगर रिजर्व में स्वच्छन्द रूप से विचरण कर रहे हैं। प्राकृतिक रूप से बाघों की लगातार बढ़ रही संख्या जहाँ शुभ संकेत है, वहीँ वन क्षेत्रों में शिकार की घटनायें व मानवीय दखलंदाजी बढ़ना चिंता की बात है। प्रकृति अपना काम बखूबी कर रही है, लेकिन बेहतर सुरक्षा और वन्य प्राणियों विशेषकर बाघों के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करना तथा इस दिशा में निरन्तर प्रयासरत रहना प्रबंधन की जवाबदारी है। अपने दायित्यों के निर्वहन में वर्त्तमान प्रबंधन कितना कामयाब रहा इसका मूल्यांकन प्रबंधन को खुद करना होगा और जो भी गलतियां हुई हैं उन पर पर्दा डालने अथवा ध्यान भटकाने के बजाय ईमानदारी से सुधारात्मक कदम उठाने होंगे। पन्ना टाइगर रिज़र्व की बेहतरी तथा बाघों की सुरक्षा के लिये यह जरुरी है।    

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