Thursday, September 10, 2020

सब्जी की खेती से जनवार गाँव के किसान की बदली तकदीर

  •  आदिवासी बहुल इस गांव ने फल-सब्जी उत्पादन के लिए बनाई पहचान 
  • कृषक लखनलाल सब्जी से प्रतिवर्ष औसतन 15 से 17 लाख रुपये कमा रहे 

जनवार गांव में कृषक लखनलाल के खेत का अवलोकन करते सहायक संचालक श्री भट्ट। 

अरुण सिंह,पन्ना। लगन, मेहनत और उन्नत कृषि तकनीक को अपनाकर यदि सही तरीके से खेती की जाये तो वह लाभ का धंधा बन सकती है। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में आदिवासी बहुल ग्राम जनवार के किसान लखनलाल कुशवाहा ने यह साबित कर दिखाया है। इस कृषक की प्रगति और आय को देखकर गांव के अन्य दूसरे छोटे किसान भी सब्जी की खेती के प्रति आकर्षित हुए हैं जिससे इस जनवार की पहचान फल-सब्जी उत्पादक गांव के रूप में हो रही है।  

उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय पन्ना के समीपस्थ ग्राम जनवार में कृषक लखनलाल कुशवाहा द्वारा लगभग 16-17 में एकड़ में उद्यानिकी की खेती की जा रही है। उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक महेन्द्र मोहन भट्ट एवं उ.वि.अधिकारी आर.टी. त्रिपाठी द्वारा लखनलाल के खेत में लगाई गई सब्जियॉ कद्दू, लौकी, गिलकी, ककड़ी, करेला का अवलोकन किया गया। श्री कुषवाहा द्वारा बताया गया कि वे प्रतिदिन देवेन्द्रनगर, सतना, पन्ना अमानगंज में टेम्पों से उपरोक्त सभी सब्जियॉ विक्रय करने के लिये ले जाते हैं, जिसके विक्रय से उन्हें प्रतिदिन 20 से 25 हजार रूपये आय प्राप्त होती है। कृषक द्वारा बताया गया कि लाकडाउन एवं खरीफ मौसम समाप्त होने तक लगभग 7-8 लाख रूपये की सब्जियॉ व फल उनके द्वारा विक्रय की जा चुकी है। वे प्रतिदिन अपनी सब्जियॉ ककडीध्लौकी लगभग 250 कैरेट दिल्ली भेजने की तैयारी में भी है। विभागीय अधिकारियों के मौके पर पहॅुचने से उनका मनोबल एवं उत्साह भी बढा है। आधुनिक एवं उन्नत किस्म की संकर सब्जियॉ लगाने हेतु अधिकारियों ने उन्हें मार्गदर्शन भी दिया है। सहायक संचालक उद्यान महेन्द्र मोहन भट्ट ने बताया कि आगामी रबी मौसम की सब्जियॉ लगाने हेतु कृषक द्वारा अभी से तैयारी कर ली गई है। मूली एवं धनियां की बोनी उनके द्वारा की जा चुकी है। प्याज (पीली पत्ती) एवं आलू लगाने की पूरी तैयारी कृषक द्वारा कर ली गई है। उन्होने उद्यानिकी अधिकारियो से समय सीमा में प्याज बीज 10 किलो तथा आलू बीज 50 क्विंटल लगाये जाने की मांग से भी अवगत कराया है। 

कृषक श्री कुशवाहा द्वारा उद्यानिकी विभाग से प्याज भंडारण गृह निर्माण एवं छोटा ट्रेक्टर अनुदान पर दिलाये जाने की मांग की गई है। सहायक संचालक उद्यान श्री भट्ट द्वारा आश्वासन दिया गया कि जब भी उक्त योजनाओं में लक्ष्य प्राप्त होते हैं आपको अनिवार्यतः लाभांवित किया जावेगा। वर्तमान में उनके पास घर में ही लगभग 60-70 क्विंटल प्याज भी विक्रय करने के लिये रखी हुई हैं। उन्होंने किसान भाईयों से उद्यानिकी की खेती करने की अपील की है क्योंकि जिन किसान भाइयों के पास कम जमीन है वे भी सब्जी की खेती करके अधिक से अधिक लाभ कमा सकते हैं। 


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