- यूनेस्को ने 12वें बायोस्फीयर रिजर्व के रूप में पन्ना को किया चिन्हित
- बाघों की धरती पन्ना का इस अनूठी उपलब्धि से बढ़ा गौरव व सम्मान
पन्ना टाईगर रिज़र्व के जंगल का मनमोहक द्रश्य। |
अरुण सिंह,पन्ना। बाघ पुनर्स्थापना योजना की चमत्कारिक सफलता के बाद से विश्व प्रसिद्ध हुए पन्ना को यूनेस्को ने 12वें बायोस्फीयर रिजर्व के रूप में चिन्हित किया है। पन्ना की नैसर्गिक खूबियों को अंतर्राष्ट्रीय क्षितिज में स्थापित कर गौरव बढ़ाने वाली यह घोषणा बुधवार को की गई थी। यूनेस्को वर्ल्ड नेटवर्क आफ बायोस्फीयर रिजर्व में भारत के पन्ना को जोड़े जाने की खबर से प्रकृति, पर्यावरण और वन्यजीव प्रेमी आल्हादित हैं। पन्ना बाघ पुनर्स्थापना योजना को कामयाब बनाकर दुनिया को बाघ संरक्षण का पाठ सिखाने वाले सेवानिवृत्त वन अधिकारी आर श्रीनिवास मूर्ति ने इस अनूठी उपलब्धि पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए पन्ना वासियों को बधाई दी है।
उल्लेखनीय है कि विंध्य पर्वत श्रंखला में स्थित पन्ना के खूबसूरत जंगल और वादियां किसी चमत्कार से कम नहीं हैं। यहां की भौगोलिक संरचना, जैव विविधता व प्राकृतिक सौंदर्य मंत्रमुग्ध कर देने वाला है। इस अनमोल प्राकृतिक धरोहर को पन्ना के लोगों ने विपरीत परिस्थितियों और आर्थिक पिछड़ेपन के बावजूद भी काफी हद तक सहेज व संभालकर रखा है। यही धरोहर अब पन्ना को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाकर यहां के रहवासियों का न सिर्फ गौरव बढ़ाया है अपितु इससे पन्ना के विकास व समृद्धि का एक नया आयाम खुलेगा। प्रकृति, पर्यावरण और वन्य जीव का संरक्षण कर दुनिया को नई राह दिखाने वाले पन्ना में खुशहाली के फूल खिलेंगे, यूनेस्को की घोषणा इस बात का संकेत है। मालूम हो कि पन्ना बायोस्फीयर रिजर्व दो जिलों पन्ना एवं छतरपुर को कवर करता है। यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर खजुराहो के मंदिर भी पन्ना बायोस्फीयर रिजर्व की जद में आते हैं। कल की घोषणा के बाद से पन्ना और छतरपुर जिले का यह पूरा इलाका महत्वपूर्ण व विश्व धरोहर बन गया है। बायोस्फीयर रिजर्व क्षेत्र में पर्यावरण, वन्य प्राणी संरक्षण व जैव विविधता संरक्षण के क्षेत्र में होने वाले कार्यों को लेकर यूनेस्को से आर्थिक मदद मिलेगी और पन्ना बायोस्फीयर रिजर्व की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित हो सकेगी। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र का एक घटक निकाय है। इसका कार्य शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति तथा संचार के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देना है। संयुक्त राष्ट्र की इस विशेष संस्था का गठन 16 नवंबर 1945 को हुआ था। यूनेस्को के 193 सदस्य देश हैं और 11 सहयोगी सदस्य देश व दो पर्यवेक्षक सदस्य देश हैं। इसका मुख्यालय पेरिस (फ्रांस) में है। यूनेस्को वैश्विक धरोहर की इमारतों और पार्कों के संरक्षण में भी सहयोग करता है। यूनेस्को की विरासत सूची में हमारे देश की कई ऐतिहासिक महत्व वाली प्राचीन इमारतें और पार्क शामिल हैं। भारत 1946 से यूनेस्को का सदस्य देश है।
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