Saturday, November 14, 2020

पन्ना में बाघिन को अज्ञात वाहन ने कुचला, हुई मौत

  •  पन्ना-अमानगंज मार्ग पर अकोला के पास की घटना 
  •  बाघिन की मौत से पन्ना टाइगर रिजर्व को अपूर्णीय क्षति

सड़क हादसे का शिकार बाघिन तथा मौके पर मौजूद वन्य प्राणी चिकित्सक व अन्य। 

अरुण सिंह,पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से दीपावली की सुबह बेहद अफसोस जनक और दुखद खबर मिली है। पन्ना-अमानगंज सड़क मार्ग पर अकोला पर्यटन गेट से लगभग 500 मीटर आगे अकोला बफर वृत्त के बीट अमझिरिया में कक्ष क्रमांक 399 एवं 400 की सीमा पर गर्रोहा नाला की पुलिया पर किसी तेज रफ्तार वाहन की टक्कर से एक वर्षीय बाघिन की घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई है।  वाहन ने बाघिन के सिर को बुरी तरह से कुचल दिया है। सुबह जैसे ही इस हादसे की खबर मिली तुरंत पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा, उपसंचालक जरांडे ईश्वर राम हरि तथा वन्य प्राणी चिकित्सक डॉक्टर संजीव कुमार गुप्ता सहित वन अमला मौके पर पहुंच गया। इस दुखद हादसे के चलते पन्ना टाइगर रिजर्व में शोक का माहौल है। एक वर्ष की उम्र में ही वयस्क सी दिखने वाली इस बाघिन की असमय मौत से पन्ना टाइगर रिजर्व की अपूर्णीय  क्षति हुई है। 

पन्ना-अमानगंज मार्ग पर वह स्थल जहाँ अज्ञात वाहन ने बाघिन को टक्कर मारी। 


 उल्लेखनीय है कि हादसे का शिकार हुई बाघिन अक्सर पन्ना कोर क्षेत्र से बाहर निकलकर अपनी मां पी-234 के साथ अकोला बफर क्षेत्र के जंगल में आती रही है। पन्ना कोर व अकोला बफर के बीच से यह सड़क मार्ग गुजरता है, जो बाघिन के लिए काल साबित हुआ।  इस क्षेत्र में 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन चलाने के स्पष्ट निर्देश हैं, इसके बावजूद वाहन चालक दिशा निर्देशों को अनदेखा करते हुए तेज रफ्तार से वाहन चलाते हैं जो हादसे की वजह बनता है। पन्ना-अमानगंज मार्ग पर अकोला के आसपास पूर्व में भी तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आने से चीतल, सांभर, नीलगाय सहित कई वन्य जीवों की मौत हो चुकी है। लेकिन तेज रफ्तार वाहन की टक्कर से किसी बाघ के मौत की यह पहली घटना है। मालूम हो कि मौजूदा समय पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा तेजी से बढ़ रहा है। कोर क्षेत्र में क्षमता से अधिक बाघों की मौजूदगी के चलते अनेकों बाघ कोर क्षेत्र से बाहर निकलकर बफर क्षेत्र के जंगल में विचरण कर रहे हैं। अकोला बफर के जंगल में भी कई बाघों की मौजूदगी रहती है, जो सड़क पार कर कोर से बफर व बफर से कोर क्षेत्र में आते जाते रहते हैं।  बाघिन पी-234 का एक वर्षीय मादा शावक भी सड़क पार करते समय हादसे का शिकार हुआ, जिससे उसकी असमय मौत हो गई। 

 अज्ञात वाहन की शुरू हुई तलाश 

बाघिन को असमय काल कवलित करने वाले तेज रफ्तार अज्ञात वाहन की वन अमले द्वारा पहचान करने की हर संभव कोशिश शुरू कर दी गई है। घटनास्थल पर डॉग स्क्वॉड भी पहुंचा तथा मौके से जरूरी साक्ष्य एकत्र किये गये हैं। वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ संजीव कुमार गुप्ता ने बाघिन का पोस्टमार्टम करने के उपरांत बताया कि इसकी मौत सिर में घातक चोट के कारण हुई है। हादसा रात 12:00 बजे के बाद तड़के 3:00 से 5:00 बजे के दौरान होने का अनुमान लगाया गया है। फल स्वरुप इस दौरान पन्ना अमानगंज मार्ग से निकले वाहनों की तहकीकात और छानबीन की जा रही है, इसके लिए सीसीटीवी कैमरों की भी मदद ली जा रही है।  

पोस्टमार्टम के बाद किया गया अंतिम संस्कार 

बाघिन का पोस्टमार्टम करने के बाद वही निकट स्थित राजाबरिया कैंप के पीछे अंतिम संस्कार किया गया। बाघिन के शव को जब आग के हवाले किया गया, उस समय पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा सहित उपसंचालक, वन्य प्राणी चिकित्सक व अन्य अधिकारी मौजूद रहे। युवावस्था की दहलीज पर पहुंच चुकी इस बाघिन की ऐसी मौत से पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारी काफी विचलित और चिंतित नजर आये। क्योंकि पन्ना में इसके पूर्व कभी किसी बाघ की सड़क हादसे में मौत नहीं हुई। चूंकि पन्ना टाइगर रिजर्व से होकर दो प्रमुख मार्ग पन्ना-अमानगंज व राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-39 गुजरता है तथा इन दोनों ही मार्गों पर काफी अधिक ट्रैफिक रहता है। जिसे देखते हुए वन्य प्राणियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने प्रभावी कदम उठाने होंगे, ताकि ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो। मालूम हो कि एक साल के भीतर पन्ना टाइगर रिजर्व में लगातार 6 बाघों की दुर्भाग्यजनक परिस्थितियों में मौत हो चुकी है, जो शुभ संकेत नहीं है।

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