Monday, December 7, 2020

बाघ पी-111 का रेडियो कॉलर टाइट होने से गले में हुआ घाव

  •  बेहोश करके गले से निकाला गया रेडियो कॉलर 
  •  पुनर्स्थापना योजना के तहत जन्मा यह पहला बाघ 


बाघ पी-111 को बेहोश कर उसका निरीक्षण करते वन्य प्राणी चिकित्सक। 

अरुण सिंह,पन्ना।
मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ पुनर्स्थापना योजना के तहत जन्मे पहले बाघ पी-111 के गले में रेडियो कॉलर टाइट होने के कारण जख्म हो गये हैं। कैमरा ट्रैप से गत दिनों इस बाघ की फोटो मिलने पर पार्क प्रबंधन को जब इसकी जानकारी हुई तो बाघ के गले से रेडियो कॉलर निकालकर उसका उपचार करने की प्रक्रिया शुरू की गई। क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में आज सोमवार को वन्य प्राणी चिकित्सक डॉक्टर संजीव कुमार गुप्ता द्वारा बाघ पी-111 को ट्रेंकुलाइज कर उसके गले से सफलतापूर्वक रेडियो कॉलर निकाला गया।

 क्षेत्र संचालक श्री शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि गत सप्ताह है कैमरा ट्रैप से बाघ की फोटो प्राप्त हुई थी। जिससे पता चला कि बाघ पी-111 के गले में रेडियो कॉलर टाइट हो गया है। इस पर तत्काल कार्यवाही करते हुए आज पन्ना कोर परिक्षेत्र के बीट रमपुरा के कक्ष क्रमांक 1368 में इस नर बाघ को बेहोश कर रेडियो कॉलर निकाला गया। श्री शर्मा ने बताया कि रेडियो कॉलर टाइट होने के कारण बाघ के गले में छोटा घाव था, जिसका उपचार किया गया। वन्य प्राणी चिकित्सक डॉक्टर संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि रेडियो कॉलर निकालने के बाद बाघ को होश में लाकर उसे स्वच्छंद विचरण के लिए छोड़ दिया गया है। आपने बताया कि घाव ठीक होने तक यह बाघ सतत निगरानी में रहेगा। इसके लिए हाथी दल को जरूरी दिशा-निर्देश के साथ मॉनिटर करने के लिए लगाया गया है।

बाघिन टी-1 की प्रथम संतान है यह बाघ

 बाघ पुनर्स्थापना योजना के तहत बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से 4 मार्च 2009 को पन्ना लाई गई बाघिन टी-1 के पहले लीटर की यह बाघ प्रथम संतान है। पहली संस्थापक बाघिन टी-1 ने 16 अप्रैल 2010 को चार नन्हे शावकों को जन्म दिया था, उन्ही शावकों में से यह पहला शावक है जो अब 10 वर्ष 7 माह का हो चुका है। इसी पहले बाघ का जन्म दिवस 16 अप्रैल को प्रतिवर्ष बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बाघ पुनर्स्थापना को मिली कामयाबी की खुशी में बाघ के जन्मदिन पर उत्सव मनाने की अनूठी परंपरा तत्कालीन क्षेत्र संचालक आर श्रीनिवास मूर्ति ने शुरू की थी, जो अनवरत रूप से जारी है। दुनिया में शायद पन्ना टाइगर रिजर्व ही है जहां किसी बाघ का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।

 पन्ना का डोमिनेंट मेल है पी-111

 साढे 10 वर्ष की आयु के हो चुके बाघ पी-111 की हुकूमत आज भी पन्ना टाइगर रिजर्व के बड़े इलाके में चलती है। इस बाघ का आकार व वजन अन्य बाघों की तुलना में अधिक है तथा ताकत के मामले में भी इसका कोई मुकाबला नहीं है। यही वजह है कि पन्ना टाइगर रिजर्व के बड़े क्षेत्र में इसका आधिपत्य बना हुआ है।  इसके आधिपत्य वाले वन क्षेत्र में तीन से चार बाघिनें रहती हैं, इसीलिए इस बाघ को पन्ना टाइगर रिजर्व का डोमिनेंट मेल भी कहते हैं।

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