Sunday, December 6, 2020

घोटालों के लिए चर्चित पन्ना जिले ने फिर किया नाम रोशन !

  •  पीएम आवास घोटाले में अध्यक्ष, सीएमओ, उपयंत्री समेत 7 के खिलाफ मामला दर्ज 
  • पन्ना जिले की नगर परिषद पवई का है यह हैरतअंगेज मामला, जाँच में हुआ खुलासा  


नगर परिषद पवई जहाँ प्रधानमंत्री आवास योजना में हुआ है फर्जीवाड़ा। 

अरुण सिंह, पन्ना। घोटालों, फर्जीवाड़ा और शासकीय योजनाओं में भ्रष्टाचार के लिए चर्चित  मध्य प्रदेश के पन्ना जिले ने फर्जीवाड़े के एक हैरतअंगेज मामले में फिर अपना नाम रोशन किया है। यहाँ जनप्रतिनिधियों, अधिकारीयों व ठेकेदारों के गठजोड़ ने मिलकर ऐसा कारनामा किया है कि दूसरे जिलों के बड़े भ्रष्टाचारी भी हैरत में हैं। विकास और जनसुविधाओं के मामले में यह जिला क्यों फिसड्डी बना हुआ है, इस फर्जीवाड़े को देख आसानी से समझा जा सकता है। मालुम हो कि जिले की नगर परिषद पवई में प्रधानमंत्री आवास योजना में हुए घोटाले पर थाना पुलिस ने सात आरोपियों के खिलाफ नामजद आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया है। आवास योजना के पात्र हितग्राहियों की स्वीकृत सूची में छेड़छाड़ करते हुए अपात्रों के नाम जोड़कर उनके बैंक खातों में राशि जारी करने के फर्जीवाड़े में पुलिस ने नगर पंचायत अध्यक्ष पवई किरण बागरी, अध्यक्ष पति बृजपाल बागरी, तत्कालीन सीएमओ विजय रैकवार, उपयंत्री विक्रम बागरी समेत सात लोगों के विरुद्ध जालसाजी, गबन और भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए मामले को विवेचना में लिया है। इस प्रकरण में अब तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।

उल्लेखनीय है कि नगर परिषद पवई में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़े पैमाने पर अनियमिततायें होने की शिकायतें मिलने पर कलेक्टर पन्ना ने विगत 2 माह पूर्व जांच हेतु चार सदस्सीय समिति गठित की थी। समिति ने जांच उपरान्त प्रस्तुत की गई अपनी रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा करते हुए उल्लेख किया है कि वर्ष 2018-19 में प्रधानमंत्री आवास योजना के 774 हितग्राहियों की कलेक्टर पन्ना द्वारा स्वीकृत सूची में शामिल 139 पात्र हितग्राहियों के नाम हटाकर इतने ही अपात्रों के नाम जोड़े गये हैं। कूटरचना कर दस्तावेजों में हेराफेरी करने के पश्चात अपात्र हितग्राहियों के खातों में आवास की राशि दो-दो लाख रुपए डाल दिये गये। आवास योजना में हुए इस घपले के लिए जांच कमिटी ने तत्कालीन नगर परिषद अध्यक्ष किरण बागरी, उनके पति बृजपाल बागरी, तत्कालीन सीएमओ विजय रैकवार, उपयंत्री विक्रम बागरी समेत सात लोगों को दोषी ठहराया है।

 थाना प्रभारी पवई सुदामा प्रसाद शुक्ला ने बताया कि नगर परिषद पवई में आवास योजना की स्वीकृत सूची में फेरबदल कर घोटाला करने के मामले में तत्कालीन नगर पंचायत अध्यक्ष पवई किरण बागरी, अध्यक्ष पति बृजपाल बागरी उर्फ़ भोलू, तत्कालीन सीएमओ विजय रैकवार, उपयंत्री विक्रम बागरी, अस्थाई कर्मचारी सच्चिदानंद पटेल, बलराम पटेल, नीलेश विश्वकर्मा के विरुद्ध धारा 420, 467, 468, 471, 34 ताहि एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर मामले को जांच में लिया गया है।

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