Thursday, December 17, 2020

कलेक्टर जब पहुंचे नगरपालिका तो वहां पसरा था सन्नाटा

  •  कार्यालय में खाली पड़ी थीं कुर्सियां, कर्मचारी मिले नदारत 
  • शासकीय कार्यालयों की कार्यप्रणाली में नहीं आ रहा सुधार 

कलेक्टर द्वारा आकस्मिक निरीक्षण के दौरान नगर पालिका कार्यालय पन्ना का नजारा। 

अरुण सिंह,पन्ना। नगर पालिका परिषद पन्ना के प्रशासक व जिले के कलेक्टर संजय कुमार मिश्र आज अचानक निरीक्षण करने जब नगर पालिका कार्यालय पहुंचे तो वहां कर्मचारियों की जगह ख़ाली पड़ी कुर्सियां मिलीं। कार्यालय टाइम में भी वहां सन्नाटा था और कर्मचारी नदारत थे। कोरोना संकट के इस दौर में आम जनता को भले ही मुसीबतों से जूझना पड़ रहा है. लेकिन अधिकांश सरकारी अधिकारीयों व कर्मचारियों के लिए यह आपदा वरदान साबित हुआ है। वेतन और सरकारी सुख सुविधाओं के लिए हमेशा सजग रहने वाले अधिकारी और कर्मचारी अपने दायित्यों के निर्वहन में उतने ही उदासीन और लापरवाह हैं। कोरोना संकट ने तो रही सही कसर और पूरी कर दी है। कार्यालय से अमूमन नदारत रहने वाले अधिकारी और कर्मचारी इस आपदा को ढाल की तरह इस्तेमाल करते हुए इसे अवसर में तब्दील कर दिया है और इसका भरपूर लाभ भी उठा रहे हैं। यहाँ यह बता देना जरुरी है कि अपवाद स्वरुप कुछ लोग निश्चित रूप से इस समय भी अपने दायित्यों का पूरी ईमानदारी से निर्वहन करने में पीछे नहीं हैं। लेकिन इनकी संख्या बहुत ही कम है। 

सरकारी कार्यालयों की कार्य संस्कृति बीते 8 - 9 माह में कुछ इस तरह उलट पलट गई है कि आम जनता छोटे - छोटे काम के लिए भटकती रहती है। हर कार्यालय में कोरोना संक्रमण के सम्बन्ध में दिशा निर्देश वाली जानकारी व हिदायतें जरूर दीवारों पर चस्पा हैं, जिसे पढ़कर आम जन हरहाजा अन्दर जाने का साहस नहीं कर पाता। इसके बावजूद यदि कोई चला गया तो न साहब मिलते हैं और न ही जवाबदार कर्मचारी, जाहिर है उसे बैरंग वापस लौटना पड़ता है। जिला मुख्यालय में कुछ कार्यालय ऐसे भी हैं जहाँ चहल - पहल दिन ढलने के बाद बढ़ती है, जबकि दिन में यहाँ सन्नाटा पसरा रहता है। ऐसा क्यों होता है यह भी विचारणीय है। जिले के कलेक्टर संजय कुमार मिश्र शासकीय कार्यालयों के कामकाज की व्यवस्था में सुधार लाने के लिए प्रयासरत हैं, निश्चित ही यह स्वागत योग्य और जरुरी कदम है, जिसे अभियान की तरह लिया जाना चाहिये। 

उल्लेखनीय है कि आज नगरपालिका कार्यालय खुलने के साथ कलेक्टर श्री मिश्रा जब कार्यालय का आकस्मिक निरीक्षण करने पहुंचे तो वहां का नजारा देख दंग रह गये। कार्यालय में उस समय सन्नाटा पसरा हुआ था, कुर्सियां खाली थीं और ज्यादातर कर्मचारी कार्यालय से नदारत थे।मौजूदा समय कलेक्टर नगर पालिका पन्ना के प्रशासक भी हैं, जाहिर है कार्यालय में कर्मचारियों की नगण्य उपस्थिति उन्हें नागवार गुजरी। इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए सभी कर्मचारियों को स्पष्टीकरण दिए जाने के निर्देश दिये हैं। नगरपालिका तो महज एक नमूना है, कमोबेश यही स्थिति अधिकांश कार्यालयों की है। अधिकृत रूप से दी गई जानकारी के मुताबिक इसके पूर्व कलेक्टर श्री मिश्र द्वारा शिक्षा विभाग, आजीविका मिशन, कलेक्ट्रेट के विभिन्न शाखाओं का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान जो भी अधिकारी/कर्मचारी अनुपस्थित पाये गये उनसे स्पष्टीकरण लेते हुए हिदायत दी गयी थी कि समय पर कार्यालय में उपस्थित होकर दायित्वों का निर्वहन करें। जिससे आमजनता को किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पडे। भविष्य में कोई भी अधिकारी/कर्मचारी कार्यालयीन समय में अनुपस्थित पाया जाएगा तो उसके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। आश्चर्य की बात यह है कि कलेक्टर की कड़ी हिदायत के बावजूद अधिकारी व कर्मचारी अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने के प्रति गंभीर नजर नहीं आ रहे। नगर पालिका पन्ना का कार्यालय इसका जीता जागता प्रमाण है। 

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