- कर्नाटक और महाराष्ट्र को पछाड़कर मध्यप्रदेश बना नंबर वन
- गणना रिपोर्ट के बाद अब मध्यप्रदेश में पर्यटन को लगेंगे पंख
।। अरुण सिंह ।।प्रदेश के लिए नए वर्ष के पहले ही एक बड़ी खुशखबरी मिली है। अब मध्य प्रदेश सिर्फ टाइगर स्टेट ही नहीं अपितु लेपर्ड स्टेट ऑफ इंडिया भी बन गया है। जंगल के राजा बाघ के साथ-साथ जंगल के राजकुमार कहे जाने वाले तेंदुओं की संख्या भी पूरे देश में सबसे अधिक मध्य प्रदेश में पाई गई है। तेंदुओं की सोमवार को जारी हुई गणना रिपोर्ट में कर्नाटक और महाराष्ट्र को पछाड़कर मध्यप्रदेश नंबर वन राज्य बन गया है। इस महत्वपूर्ण और खुशी देने वाली जानकारी को एमपीटीएफएस (मध्य प्रदेश टाइगर फाउंडेशन सोसाइटी, इंडिया) ने अपनी साईट पर साझा किया है। अपने साइट पर यह खुशखबरी साझा करते हुए एमपीटीएफ़एस ने कहा कि हमें गर्व है कि मध्य प्रदेश टाइगर स्टेट आफ इंडिया के साथ अब लेपर्ड स्टेट ऑफ इंडिया भी बन गया है। भारत में तेंदुओं की अधिकारिक संख्या के अनुसार मध्य प्रदेश में 3421 तेंदुओं का अनुमान लगाया गया है, जो देश में सर्वाधिक है। इस तरह से मध्यप्रदेश बाघ स्टेट के साथ-साथ लेपर्ड स्टेट होने का भी गौरव हासिल कर लिया है, जो प्रदेशवासियों के लिए गर्व की बात है।
उल्लेखनीय है कि टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने के बाद मध्य प्रदेश तेंदुओं की संख्या में भी पहले नंबर पर आ गया है। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने सोमवार को देश में तेंदुए की गणना के आंकड़े जारी किये हैं। देश में अब सबसे ज्यादा 3,421 तेंदुए मध्यप्रदेश में हैं। मध्य प्रदेश को यह तमगा कर्नाटक और महाराष्ट्र को पछाड़कर मिला है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को 2018 में तेंदुए की स्थिति रिपोर्ट जारी की। इसके मुताबिक, मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 3,421, कर्नाटक में 1783 और महाराष्ट्र में 1690 तेंदुए पाए गए हैं। जावड़ेकर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में टाइगर, शेर और तेंदुए की संख्या बढऩा वन्यजीव और जैव विविधता की गवाही है। जावड़ेकर ने कहा कि भारत में अब 12,852 तेंदुए हैं। इनकी तादाद में रिकॉर्ड 60त्न से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले 2014 में वन्य जीवों की गणना की गई थी। 2014 में मध्य प्रदेश में 1817 तेंदुए मिले थे।
एमपी में तेंदुए की आबादी में पूरे 80 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। जबकि, देश में तेंदुए की आबादी में औसत बढ़ोतरी 60 प्रतिशत से ऊपर है। मध्य प्रदेश में 2000 तक 3600 से ज्यादा तेंदुए थे। 2014 की गणना में मध्य प्रदेश में 1817 तेंदुए पाए गए थे। कर्नाटक दूसरे नंबर पर था। वहां 1129 तेंदुए मिले थे। मालुम हो कि मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिज़र्व में जहाँ बाघों की संख्या आधा सैकड़ा के पार है वहीँ जंगल के राजकुमार तेंदुओं की भी अच्छी खासी तादाद है। टाइगर रिज़र्व के अलावा जिले के उत्तर व दक्षिण वन मंडल क्षेत्र में भी तेंदुओं की मौजूदगी पाई गई है। जाहिर है मध्यप्रदेश को तेंदुआ स्टेट का दर्जा दिलाने में पन्ना जिले की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। ज्ञातब्य हो कि देशभर में दिसंबर 2017 से मार्च 2018 के बीच बाघों की गिनती कराई गई थी। इसी दौरान तेंदुए भी गिने गये। केंद्र सरकार ने बाघों के आंकड़े सार्वजनिक कर दिये थे, लेकिन दूसरे कई मांसाहारी और शाकाहारी जंगली जानवरों के आंकड़े घोषित नहीं किये हैं। माना जा रहा है कि तेंदुओं के साथ-साथ भालुओं की संख्या भी बढ़ी है।
शिवराज बोले- हमारी कोशिशों का नतीजा
टाइगर के बाद तेंदुआ स्टेट का दर्जा मिलने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए हमारी सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम हमें मिल रहे हैं। हर्ष का विषय है कि वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूशन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में सबसे ज्यादा तेंदुए हमारे प्रदेश में हैं। इनकी संख्या 3,421 है। मैं इस अनूठी उपलब्धि के लिए मध्यप्रदेश वन विभाग और वन्य जीव संरक्षण से जुड़े सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।
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