Wednesday, January 13, 2021

पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघिन ने 4 शावकों को दिया जन्म

  •   नन्हे शावकों के साथ चहल कदमी करते हुए दिखी बाघिन 
  •   नये मेहमानों के आने से टाइगर रिजर्व में खुशी का माहौल

पन्ना की बाघिन पी- 213 (32) अपने शावक को मुँह में दबाकर ले जाते हुए। 

अरुण सिंह,पन्ना। बाघों से आबाद हो चुके मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से नये वर्ष में एक बड़ी खुशखबरी आई है। यहां बाघिन पी- 213 (32) ने चार नन्हे शावकों को जन्म दिया है। क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व उत्तम कुमार शर्मा ने आज सायं यह खुशखबरी देते हुए बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व में ही जन्मी तथा यहीं  पली-बढ़ी बाघिन पी-213(32) ने दूसरी बार शावकों को जन्म दिया है। 

क्षेत्र संचालक श्री शर्मा ने बताया कि बाघिन ने पन्ना टाइगर रिजर्व के वन परीक्षेत्र गहरीघाट में 2 से 3 माह पूर्व शावकों को जन्म दिया है। यह बाघिन जब अपने नन्हें शावकों को एक स्थान से दूसरे किसी सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर रही थी, उसी दौरान कैमरा ट्रैप में शावक को मुंह में दबाकर ले जाते हुए उसका फोटोग्राफ प्राप्त हुआ है। आपने बताया कि बाघिन और शावकों की नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जा रही है। श्री शर्मा ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हाल ही में मॉनिटरिंग दल को चारों शावकों के साथ बाघिन प्रत्यक्ष दिखाई दी है। अब ये नन्हें शावक अपनी मां के साथ चहल कदमी करने लगे हैं। श्री शर्मा ने बताया कि बाघिन तथा उसके चारों शावक पूर्णरूपेण स्वस्थ हैं।

 पन्ना में लगातार बढ़ रहा बाघों का कुनबा

 बाघ पुनर्स्थापना योजना को मिली शानदार सफलता के बाद से ही पन्ना में बाघों का कुनबा लगातार बढ़ रहा है। विगत 10 वर्ष पूर्व बांधवगढ़ से पन्ना आई संस्थापक बाघिन टी-1 ने यहाँ शावकों को जन्म देने का सिलसिला जब से शुरू किया, तभी से नये मेहमानों का आगमन निरंतर जारी है। इस बाघिन ने 16 अप्रैल 2010 को धुँधुआ सेहा में चार शावकों को जन्म देकर पन्ना में बाघों के उजड़ चुके संसार को आबाद कर एक नया इतिहास रचा था। मौजूदा समय आलम यह है कि पन्ना टाइगर रिजर्व का कोर क्षेत्र बाघों के बढ़ते कुनबे के चलते छोटा पड़ गया है। तकरीबन 576 वर्ग किलोमीटर में फैले कोर क्षेत्र में 30 वयस्क बाघ रह सकते हैं, जबकि यहां बाघों की संख्या आधा सैकड़ा के पार जा पहुंची है। ऐसी स्थिति में कई बुजुर्ग व युवा बाघ कोर क्षेत्र के बाहर बफर व टेरिटोरियल में विचरण करने लगे हैं।



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