Friday, January 8, 2021

पन्ना से दूसरे जिलों तक पहुंच रहा वन्य प्राणियों का मांस

  •  सांभर, जंगली सुअर व खरगोश के मांस सहित पांच गिरफ्तार
  •  एक बार फिर शातिर शिकारियों के निशाने पर हैं पन्ना के बाघ
  •  करंट लगाकर शिकार की घटनाओं को दिया जा रहा अंजाम

मौके से बरामद वन्य प्राणी सांभर का कटा हुआ सिर। 

।। अरुण सिंह ।।

पन्ना। बाघों से आबाद हो चुके मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से लगे आसपास के जंगलों में शातिर शिकारी तेजी से फिर सक्रिय हैं। इन शिकारियों द्वारा करंट लगाकर बड़े पैमाने पर वन्य प्राणियों का शिकार किया जा रहा है। पन्ना टाइगर रिजर्व से सटे उत्तर वन मंडल की झलाई बीट में करंट लगाकर वन्य प्राणियों का शिकार किये जाने का बेहद चौकाने वाला और सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। शातिर शिकारी पन्ना में शिकार कर वन्य प्राणियों का मांस जब ट्रैक्टर ट्राली में लादकर टीकमगढ़ लिए जा रहे थे, उसी दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 39 में धर लिए गये। मामले में कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनसे बड़ी मात्रा में तीन प्रकार के वन्य प्राणियों का मांस बरामद हुआ है।     

मालुम हो कि अभी हाल ही में उत्तर वन मंडल पन्ना के बिश्रमगंज वन परिक्षेत्र में करंट लगाकर मादा तेंदुआ का शिकार हुआ था। इस घटना से वन महकमे के अधिकारी सबक ले पाते इसके पहले ही शिकारियों ने फिर करंट लगाकर एक साथ कई वन्य प्राणियों को मौत के घाट उतार दिया। यह मामला भी उत्तर वन मंडल की झलाई बीट का है। शातिर शिकारियों ने सांभर, जंगली सूअर व जंगली खरगोश का शिकार करके मांस ट्रैक्टर ट्राली में लादकर पन्ना से टीकमगढ़ लेकर जा रहे थे। इसकी भनक लगने पर वन अधिकारियों ने पन्ना व मंडला के बीच खिला वन चौकी के पास ट्रैक्टर ट्राली में लदे मांस सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जबकि तीन आरोपी झलाई बीट में मौके पर पकड़े गये हैं। यहां सांभर का कटा हुआ सिर सहित बिजली के तार व औजार बरामद हुए हैं।

 उल्लेखनीय है कि अधिकारियों द्वारा इस मामले को इतना गोपनीय रखा गया कि घटना के दो दिन बाद भी मीडिया को इसकी भनक नहीं लग पाई। सागौन की दो बोगियां जप्त किए जाने पर फोटो सहित विज्ञप्ति जारी करने वाला वन महकमा शिकार की इतनी बड़ी व संवेदनशील घटना पर मौन साधे रहा। चिन्ता जनक बात तो यह है कि उत्तर मंडल के वन परिक्षेत्र पन्ना अंतर्गत झलाई बीट में करंट लगाकर जहां पर वन्य प्राणियों का शिकार हुआ है, उस पूरे इलाके में बाघों की मौजूदगी रहती है। शिकार की घटना को अंजाम 5 जनवरी को दिया गया और दूसरे ही दिन 6 जनवरी को पन्ना बफर के झलाई बीट में ही नर बाघ पी-234(31) को रेडियो कॉलर किया गया है। जाहिर है कि इस पूरे वन क्षेत्र में बाघों का भी मूवमेंट रहता है, जो कभी भी करंट की चपेट में आ सकते हैं। करंट लगाकर शिकार की अनवरत रूप से हो रही घटनाओं के बावजूद क्षेत्रीय वन का अमला नहीं चेत रहा, जिससे शिकारियों की सक्रियता बढ़ती ही जा रही है।

 सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में बाघों की तादाद बढऩे के साथ ही बुजुर्ग व युवा होते बाघ बफर और क्षेत्रीय जंगल में विचरण कर रहे हैं। लेकिन यहां पर कोर जैसी न तो सुरक्षा है और न ही मॉनिटरिंग की व्यवस्था, ऐसी स्थिति में कोर क्षेत्र के बाहर विचरण करने वाले बाघ  शातिर शिकारियों के निशाने पर हैं। यदि क्षेत्रीय वन की व्यवस्था सुदृढ़ नहीं हुई और जिम्मेदार वन अधिकारीयों व मैदानी वन अमले ने अपने पुराने ढर्रे पर सुधार नहीं किया तो पन्ना एक बार फिर यदि 2009 की ओर चल पड़े तो कोई आश्चर्य नहीं है। झलाई बीट में हुई शिकार की यह वारदात एक चेतावनी है कि वन विभाग सुधर जाए अन्यथा दुबारा पन्ना को आबाद कर पाना कठिन होगा। उत्तर वन मंडल पन्ना के वन परिक्षेत्राधिकारियों का जैसा रवैया है उसे जंगल और वन्य प्राणियों के हित में नहीं कहा जा सकता। इनके द्वारा वन अपराधों को रोकने के लिए सार्थक पहल व प्रयास करने के बजाय उन्हें छिपाने और दबाने का प्रयास किया जाता है। शिकार के इस बड़े और सनसनीखेज मामले में भी इनका यही रवैया रहा है। वन परिक्षेत्र अधिकारी से संपर्क करने पर पहले तो मोबाइल ही नहीं उठाते यदि धोखे से उठा लिया तो जानकारी देने से कतराते हैं।

 ट्रैक्टर ट्राली में जप्त हुआ तीन तरह का मांस

शिकार के इस सनसनीखेज मामले में दो अपराध पंजीबद्ध हुए हैं। एक घटनास्थल पर जहां तीन आरोपी पकड़े गये हैं, वहां उत्तर वन मंडल के वन परिक्षेत्राधिकारी पन्ना कौशलेन्द्र पांडे द्वारा प्रकरण दर्ज किया गया है। यहां पर सांभर का कटा सिर बरामद हुआ है, जबकि पूछे जाने पर रेंजर साहब ने बताया कि सांभर का आधा किलो ग्राम मांस जप्त हुआ है। काबिल और कर्तव्यनिष्ठ वन अधिकारी को यह पता होना चाहिए कि सांभर का कटा हुआ सिर ही 10 किलोग्राम से अधिक वजन का  है। फिर झूठ बोलकर आखिर वे क्या साबित करना चाहते हैं। मामले में दूसरा प्रकरण मड़ला वन परिक्षेत्र में दर्ज हुआ है। यहां के रेन्जर देवेंद्र नायक ने जानकारी देते हुए बताया कि ट्रैक्टर ट्राली में छिपाकर सांभर, जंगली सुअर और खरगोश का मांस बोरियों में रखा था। उबालकर यह मांस पन्ना से टीकमगढ़ ले जाया जा रहा था, लेकिन बीच में ही पकड़ लिए गये। श्री नायक ने बताया कि दो आरोपियों सहित ट्रैक्टर ट्राली तथा 10 किलोग्राम सांभर का मांस, एक किलोग्राम जंगली सुअर व  आधा किलो खरगोश का उबला मांस जप्त हुआ है। अपराध क्रमांक 579/07 दिनांक 5 -1-21 कायम कर आरोपी मुन्नालाल लोधी 55 वर्ष तथा सीताराम लोधी 30 वर्ष निवासी छारकी, थाना बल्देवगढ़ जिला टीकमगढ़ को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। झलाई में पकड़े गए तीन आरोपी भी जेल जा चुके हैं।

मामला बेहद संवेदनशील व चिंताजनक : क्षेत्र संचालक


उत्तम कुमार शर्मा, क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व। 

 शिकार के इस मामले बाबत पूछे जाने पर क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व उत्तम कुमार शर्मा ने इसे बेहद संवेदनशील और चिंताजनक बताया। आपने स्वीकार किया कि क्षेत्रीय वन की स्थिति संतोषप्रद नहीं है, यहां व्यवस्था में अपेक्षित सुधार जरूरी है। श्री शर्मा ने कहा कि पन्ना टाइगर रिजर्व के कई बाघ कोर क्षेत्र से निकलकर बाहर के जंगलों में विचरण कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में बफर सहित उत्तर व दक्षिण वन मंडल के जंगल में बाघ व अन्य दूसरे वन्य प्राणियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। आपने बताया कि झलाई शिकार मामले में पन्ना टाइगर रिजर्व व उत्तर वन मंडल पन्ना द्वारा संयुक्त कार्यवाही की गई है। श्री शर्मा ने कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए ठोस कदम उठाने होंगे।

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