- प्रदेश में बर्डफ्लू के प्रवेश को देखते हुए सावधानी रखना आवश्यक
- बर्डफ्लू बीमारी के संबंध में जिले के अधिकारियों की हुई बैठक
बर्डफ्लू बीमारी के संबंध में संबंधित विभाग के अधिकारियों की बैठक लेते कलेक्टर व एस.पी. । |
अरुण सिंह पन्ना। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में अभी तक बर्डफ्लू का कोई भी प्रकरण नहीं पाया गया है। जबकि प्रदेश के कई जिलों में बर्ड फ्लू वायरस की पुष्टि हो चुकी है। हाल ही में जिन मृत कौवों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। प्रदेश के 21 जिलों में अब तक 885 कौवों की मौत हो चुकी है। कलेक्टर संजय कुमार मिश्र एवं पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी द्वारा संयुक्त रूप से बर्डफ्लू बीमारी के संबंध में संबंधित विभाग के अधिकारियों की बैठक ली गयी। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में बर्डफ्लू का प्रवेश हो चुका है, इसलिए बचाव के लिए सावधानी रखना आवश्यक है।
उपसंचालक पशुपालन डॉ. सी.के. त्रिपाठी द्वारा बर्ड फ्लू के संबंध में जानकारी देते हुये बताया गया कि मौजूदा समय जिले में किसी पक्षी में वर्ड फ्लू का संक्रमण नहीं है। यह स्पष्ट है कि (कुक्कुट पोल्ट्री) शब्द का अर्थ है मुर्गी के साथ सभी पालतू पक्षियों जैसे बतख, गीज, टर्की, गिनीफाउल, वटेर आदि के लिए है। पालतू पक्षियों में अस्वाभाविक मृत्युदर एवं बीमारी की सूचना का दायित्व पक्षी मालिक का है। अभ्यारण्यों एवं जलाशयों में आने वाले प्रवासी जंगली पक्षियों को भी सर्वेलेन्स में सम्मिलित किया गया है। जंगली एवं प्रवासी पक्षियों के मामले में वन विभाग के मैदानी अमले को ताजे बीट के नमूने एकत्र कर जांच हेतु प्रयोगशाला भेजने की कार्यवाही की जा रही है। सर्वेलेस के दौरान चयनित एवं रेडम सेम्पल एकत्रित किये जाने चहिये। एक प्रक्षेत्र से सामान्यत: 4 से 5 सेम्पल लिया जाना पर्याप्त होगा। बीट की मात्रा स्वाब में कम से कम 1 ग्राम होना चाहिये। सेम्पल को फासफेट बफर स्लाईन जिसका पी.एच. 7.0-7.04 हो में डालकर आईस पैक के साथ भेजना है। पाजिटिव पाये गये स्थान से 1 कि.मी. दूरी तक संक्रमित क्षेत्र घोषित किया जावेगा तथा.1 कि.मी. से 10 कि.मी. तक सर्वलेन्स क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एल.के. तिवारी द्वारा बर्डफ्लू के संबंध में जानकारी देते हुए बताया गया कि बर्डफ्लू की बीमारी पूर्व में भी प्रदेश में पक्षियों में फैल चुकी है। मानव में यह बीमारी बहुत कम ही फैलती है। बर्डफ्लू की बीमारी का ईलाज उपलब्ध है। जिला चिकित्सालय में भी इस बीमारी की दवाएं उपलब्ध हैं। इस बीमारी में भी मरीज को सर्दी, जुखाम, बुखार होता है। लापरवाही बरतने पर इसका असर फेफडों में हो जाने पर रोगी गंभीर अवस्था में पहुंच जाता है। किसी भी व्यक्ति को सर्दी, जुखाम, बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। डॉ0 एल.के. तिवारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला पन्ना द्वारा मनुष्यों में बीमारी के लक्षण की जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि सावधानी सभी व्यक्तियों को जरूरी है, जिस तरह कोविड में सावधानी बरती जा रही है उसी प्रकार से प्रिकाशन लिया जाना जरूरी है।
मुर्गी पालकों एवं आम जनता से यह अपील की गई है कि पन्ना जिले मे कहीं भी वर्ड फ्लू बीमारी की पुष्टि नहीं हुई है। बीमारी से घबराने की जरूरत नही है। जिले में अगर कोई नागरिक अंडा एवं मांस का उपयोग करना चाहते हैं तो 70 डि.से.ग्रेट तापमान से अधिक तापमान पर उबाल कर खा सकते हैं। सम्पन्न हुई बैठक में अपर कलेक्टर जे.पी. धुर्वे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बी.के.एस. परिहार, समस्त एसडीएम, पुलिस अधिकारी एवं पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।
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