- आरोपियों ने फंदा लगाकर कुत्ते की मदद से किया शिकार
- अकोला बफर से लगे इटवांकला गांव के पास की घटना
वन्य प्राणी सेही के साथ शिकार के आरोपी तथा पीछे खड़े वन कर्मचारी। |
अरुण सिंह,पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से लगे बफर व टेरिटोरियल के जंगल में वन्य प्राणियों के शिकार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं। कुछ ही दिनों पूर्व झलाई बीट में सांभर, जंगली सुअर व खरगोश का शिकार हुआ था और अब सेही के शिकार की घटना प्रकाश में आई है। शिकार का यह मामला भी पन्ना टाइगर रिजर्व के अकोला बफर से लगे क्षेत्र का है। जहां दो आरोपियों ने वन्य प्राणियों का शिकार करने के लिए फंदा लगाया था। फंदे में जब सेही नहीं फसी तो कुत्ते की मदद से उसका शिकार किया गया। शिकार के इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
वन परिक्षेत्र अधिकारी अकोला बफर लालबाबू तिवारी ने आज सायं बताया कि इटवांकला गांव के पास अकोला बफर की सीमा पर स्थित खेत में सेही का शिकार किया गया है। मामले में आरोपी आदेश आदिवासी व अनिल आदिवासी जो रिश्ते में पिता व पुत्र हैं, उन्हें मृत सेही, उसके कांटे, फंदा और खूंटा सहित गिरफ्तार किया गया है। दोनों आरोपियों को आज न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। रेंजर श्री तिवारी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ वन अपराध क्रमांक 51/04 वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी में परिक्षेत्र सहायक मूरध्वज पटेल, रोहित गुप्ता बीट गार्ड, बृजमोहन सहरिया तथा ओमप्रकाश कुरेले वनरक्षक की सराहनीय भूमिका रही।
गौरतलब है कि जंगलों में पाये जाने वाले वन्य प्राणी सेही के शरीर में बड़ी संख्या में नुकीले कांटे होते हैं, जिनके भय से हिंसक मांसाहारी वन्य जीव भी सेही का शिकार करने से परहेज करते हैं। अपने ऊपर हमला होने पर यह तेज धारदार और नुकीले काँटों को अपने शरीर के ऊपर आवरण बनाकर अपनी सुरक्षा करता है। लेकिन हिंसक वन्य प्राणियों से अपनी सुरक्षा कर लेने वाली सेही शिकारियों से नहीं बच पाती। शातिर शिकारी जाल व कुत्तों की मदद से इस खूबसूरत और निर्दोष वन्य जीव को निशाना बना लेते हैं।
00000
No comments:
Post a Comment