Sunday, February 14, 2021

आंवला उत्पाद से पूरे देश में बनेगी पन्ना की पहचान

  • एक जिला एक उत्पाद के तहत आंवला उत्पाद चयनित
  • इकाई लगाने हेतु प्रशासन करेगा पूरा सहयोग - कलेक्टर

आंवला उत्पाद बनाने हेतु प्रशिक्षणार्थी को आंवला प्रदान करते कलेक्टर संजय कुमार मिश्र।

अरुण सिंह,पन्ना। औषधीय गुणों की खान आंवला फल के उत्पाद से पूरे देश में अब  पन्ना की पहचान बनेगी। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिए एक जिला एक उत्पाद योजना प्रदेश शासन द्वारा प्रारंभ की गई है। इस योजना के तहत पन्ना जिले में आंवला उत्पाद को चुना गया है। जिले में औषधि गुणों से भरपूर आंवले की प्रजाति पायी जाती है। इस प्रजाति के कारण पन्ना की पहचान पूरे देश में स्थापित हुई है। यहां पैदा होने वाले आंवले को मुख्य रूप से च्यवनप्राश बनाने वाली कम्पनियां आंवला उत्पाद बनाने के लिए खरीदती हैं। लेकिन अब पन्ना जिले के लोग आंवले की खेती करने के साथ - साथ आंवले के विभिन्न तरह के उत्पाद भी बनायेंगे। यहां स्थानीय स्तर पर ताजे आंवले से बने उत्पाद अधिक गुणकारी होंगे। इन उत्पादों को बनाने के लिए ललित भटनागर इन्दौर से दो दिवसीय प्रशिक्षण देने के लिए पन्ना आये। प्रशिक्षण में आंवला के उत्पादों में आंवला मुरब्बा, आंवला सुपाडी, आंवला रस, आंवला चूर्ण, च्यवनप्राश आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर कलेक्टर संजय कुमार मिश्र ने कहा कि शासन की इस महत्वपूर्ण योजना को भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा मदद की जा रही है। आंवला उत्पाद की इकाईयां स्थापित करने वालों को जिला प्रशासन द्वारा हरसंभव सहयोग दिया जायेगा।

कलेक्टर श्री मिश्र ने कहा कि शासन की परिकल्पना है कि जिले के औषधीय गुण वाले आंवले से बने उत्पादों को देश के साथ विदेशों में भी विक्रय के लिए भेजा जाये। हमारे जिले में 45 प्रतिशत जंगल है, यह जंगल जिले की 11 लाख 26 हजार आबादी के लिए वरदान है। जंगलों में पाये जाने वाले आंवले और अन्य औषधीय वृक्षों के साथ औषधीय पौधे उगते हैं। इन सबका उपयोग हम अपने जिले में ही च्यवनप्राश जैसी गुणकारी औषधी बनाकर अच्छी आय  अर्जित कर सकते हैं। इसके अलावा जिले के निवासियों से अपील करते हुए कहा कि आप लोग आंवले के वृक्ष खेतों, खाली पडी जगहों, मेड-बंधानों आदि पर लगायें। लगभग 3 वर्ष में आंवले के फल मिलना शुरू हो जाते हैं। आंवले के वृक्ष खेतों, मेड बंधानों में लगाने से कोई नुकसान नहीं होता। वृक्ष के नीचे दूसरी फसलें आसानी से उगाई जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि औद्योगिक इकाईयां स्थापित करने के लिए शासन द्वारा हर तरह से मदद की जाती है। जिले में आंवले के विभिन्न उत्पाद तैयार करने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं। आगे आने वाले समय में जब भी प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।

प्रशिक्षण लेने वाली युवतियां आंवला उत्पाद तैयार करते हुए। 

 उन्होंने कहा कि एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत चयनित आंवला उत्पाद से संबंधित जानकारी पन्ना जिले की बेवसाईट पर डाली गयी है। कोई भी व्यक्ति कम्प्यूटर या मोबाइल पर इसे देख सकता है। इसके अलावा अन्य सहयोग के लिए जिला उद्यानिकी कार्यालय, उद्योग विभाग आदि से सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है। शासन द्वारा छोटे छोटे कोल्ड स्टोरेज स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इन्हें स्थापित करके अपने खेती में होने वाले उत्पादों को सुरक्षित रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि पंजीयन एवं बाजार संबंधी कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है। आपको केवल उत्पादन करना है। इस अवसर पर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष  माधवेन्द्र सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि उद्यानिकी विभाग के माध्यम से शासन अनेक तरह की कल्याणकारी योजना संचालित कर रहा है। उनका लाभ सभी को लेना चाहिए। उन्होंने स्वयं स्टीविया की खेती प्रारंभ करने के बारे में बताया। उन्होंने यह भी बताया कि कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए मैं स्वयं आवेदन कर रहा हॅू और भी लोगों को करना चाहिए। जिले के लिए चयनित आंवला उत्पाद योजना में अधिक से अधिक लोगों को अपनाकर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने में सहयोग करना चाहिए। 

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