Saturday, April 10, 2021

केन-बेतवा लिंक परियोजना का सोनिया गांधी ने भी किया विरोध

  •  केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर इसे बताया विनाशकारी 
  •  लिंक परियोजना के विरोध की हवा पन्ना से निकलकर अब राष्ट्रीय स्तर पर पहुंची 

पन्ना परिवर्तन मंच द्वारा तीन वर्ष पूर्व किये गए विरोध प्रदर्शन का द्रश्य। (फोटो - अरुण सिंह) 

।। अरुण सिंह ।। 

पन्ना। बाघों से आबाद हो चुके मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व का बड़ा हिस्सा डुबाने वाली विवादित केन-बेतवा लिंक परियोजना के विरोध में पन्ना वासियों द्वारा चलाई जा रही मुहिम का असर अब दिखने लगा है। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने पर्यावरण से खिलवाड़ करने वाली तथा बाघों सहित विलुप्तप्राय गिद्धों व वन्यजीवों के रहवास को उजाडऩे वाली इस परियोजना का विरोध किया है।

 उल्लेखनीय है कि पन्ना टाइगर रिजर्व के मध्य से प्रवाहित होने वाली बुंदेलखंड क्षेत्र की जीवन रेखा केन नदी को बेतवा से जोडऩे की परियोजना पर गत 22 मार्च को जलशक्ति मंत्रालय, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकारों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। इस कथित समझौते के बाद पन्ना से लेकर बांदा तक आम लोगों ने जहां इस विवादित और विनाशकारी परियोजना का विरोध करना शुरू किया, वहीं पर्यावरण विदों, वन्यजीव प्रेमियों तथा समाजसेवियों ने भी पर्यावरण के लिए घातक इस लिंक परियोजना के खिलाफ विरोध दर्ज किया है। सोशल मीडिया में जहां इसके खिलाफ व्यापक स्तर पर अभियान चल रहा है, वहीं क्षेत्रीय और राष्ट्रीय समाचार पत्रों व न्यूज़ पोर्टलों पर भी इस परियोजना के घातक परिणामों के बारे में लिखा जा रहा है।

जीवनदायनी केन नदी को बड़े ध्यान से निहारता वनराज। 

 पन्ना राजघराने की बुजुर्ग सदस्य राजमाता दिलहर कुमारी ने परियोजना के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का खुला समर्थन किया है और इस लिंक परियोजना को विनाशकारी बताया है। पन्ना जिले का युवा वर्ग बाघों के घर को बचाने के लिए जहां संकल्पित है, वहीं समाज के हर तबके के लोग भी अब इस अभियान से जुड़ रहे हैं। प्रबुद्ध कहा जाने वाला तबका  जिले के अधिवक्ताओं ने भी हाथों में स्लोगन लिखे पोस्टर लेकर अपना विरोध जताया है। विरोध की यह हवा अब आंधी बन चुकी है तथा पन्ना से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर चलने लगी है। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष का विरोध इस बात का जीता - जागता प्रमाण है। 

केन - बेतवा लिंक परियोजना से होने वाले दुष्प्रभावों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गाँधी का पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को लिखा गया पत्र। 

मालुम हो कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना को उसके मौजूदा स्वरूप में क्रियान्वित नहीं किया जाए क्योंकि इसका मध्य प्रदेश के पन्ना बाघ अभयारण्य पर 'भयावह' प्रभाव पड़ेगा। पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को लिखे पत्र में उन्होंने यह भी कहा कि इस परियोजना से बाघ अभयारण्य को इतना नुकसान पहुंचेगा कि उसकी क्षतिपूर्ति कभी नहीं हो सकेगी।

उन्होंने पत्र में कहा, ''मैं आपसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह करती हूं कि इस परियोजना को इसके मौजूदा स्वरूप में क्रियान्वित नहीं किया जाए। इसको लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण और उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिकाएं भी लंबित हैं"। सोनिया गाँधी के अनुसार, मध्य प्रदेश और देश भर के कई पर्यावरणविदों ने इस परियोजना को रोकने की पैरवी की है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पिछले एक दशक में पन्ना अभयारण्य बहुत मुश्किलों और समर्पित प्रयासों से पुनजीर्वित हुआ है। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि इस अभयारण्य में करीब 18 लाख पेड़ हैं, जिन्हें इस परियोजना के तहत हटाया जाएगा।

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