- जो कहीं देखने को नहीं मिला वह पन्ना में हो रहा साकार
- शावकों की मां बाघिन पी-213(32) की हो चुकी है मौत
नर बाघ पी-243 जो जंगल में नन्हे शावकों की कर रहा है परवरिश। |
।। अरुण सिंह ।।
पन्ना। जंगल की निराली दुनिया में ऐसा कुछ न कुछ घटित होता रहता है, जिसे देख लोग अचंभित होते हैं और हैरत में पड़ जाते हैं। टाइगर स्टेट कहे जाने वाले मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिज़र्व में इन दिनों ऐसा ही कुछ दुर्लभ नजारा देखने को मिल रहा है, जिससे वन अधिकारी आश्चर्यचकित तो हैं ही उत्साहित और प्रसन्न भी हैं। दरअसल कम उम्र में ही अनाथ हो चुके चार शावकों की मां बाघिन पी-213 (32) की गत 15 मई को जब असमय मौत हो गई तो नन्हे शावक बेसहारा हो गये। इन शावकों की सुरक्षा व उनके भविष्य को लेकर हर कोई चिंतित था। लेकिन बाघों के स्वभाव व आचरण से अलहदा इन शावकों का पिता नर बाघ पी-243 नन्हे शावकों की न सिर्फ रखवाली करता है अपितु उनका पालन-पोषण भी कर रहा है। आमतौर पर जो कहीं भी देखने और सुनने को नहीं मिला, वह पन्ना टाइगर रिजर्व में साकार हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि बाघ पुनर्स्थापना योजना की चमत्कारिक सफलता के साथ-साथ अभिनव और अनूठे प्रयोगों के लिए भी पन्ना टाइगर रिजर्व देश व दुनिया में जाना जाता है। यह वन क्षेत्र दुनिया भर के वन्यजीव प्रेमियों तथा वन अधिकारियों के लिए एक ऐसा केंद्र बन चुका है, जहां आकर वे यहां की कामयाबी व अनूठे प्रयोगों को न सिर्फ देखते और समझते हैं बल्कि अध्ययन भी करते हैं। अभी हाल ही में गत 15 मई को पन्ना टाइगर रिजर्व की 6 वर्षीय युवा बाघिन की अज्ञात कारणों के चलते मौत हो गई थी। इस बाघिन के चार नन्हे शावकों की जिंदगी में यह किसी वज्रपात से कम नहीं था। इन नन्हे शावकों की सुरक्षा, संरक्षण तथा उनके भविष्य को लेकर पार्क प्रबंधन ऊहापोह की स्थिति में था। प्रबंधन के सामने सिर्फ दो ही विकल्प थे, पहला यह कि उनका रेस्क्यू कर किसी सुरक्षित जगह में रखकर उनका पालन-पोषण हो। लेकिन यह उनके लिए किसी सजा से कम नहीं था क्योंकि चारों शावक स्वाभाविक प्राकृतिक जीवन से वंचित रह जाते। दूसरा विकल्प शावकों को जंगल में ही चुनौतियों के बीच संघर्ष करते हुए अपने आप को बचाने का अवसर प्रदान करना था, जो रिस्की और शावकों की जिंदगी के लिए खतरनाक था।
नर बाघ के व्यवहार को देख लिया गया साहसिक फैसला
चट्टान पर बैठे शावक तथा निकट ही मौजूद नर बाघ पी-243 |
नर बाघ पी-243 जो शावकों का पिता है, उसके अप्रत्याशित और शावकों के प्रति सकारात्मक व्यवहार को देख पार्क प्रबंधन ने शावकों को रेस्क्यू कर उन्हें किसी जू में भेजने के बजाय खुले जंगल में ही रखने का बेहद साहसिक निर्णय लिया है। क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व उत्तम कुमार शर्मा बताते हैं कि बाघिन की मौत के बाद से नर बाघ उसी इलाके में हैं जहां चारों शावक हैं। नर बाघ यह एरिया छोड़कर कहीं भी अन्यत्र नहीं गया। सबसे ज्यादा हैरत वाली बात यह है कि शावक भी नर बाघ के साथ सहज रूप से चहल-कदमी कर रहे हैं तथा उसके पीछे-पीछे घूमते और टहलते हैं। नर बाघ न सिर्फ शावकों की देखरेख कर रहा है, बल्कि उनके लिए खाने का भी प्रबंध करता है। श्री शर्मा बताते हैं कि आमतौर पर नर बाघों में इस तरह का व्यवहार देखने को नहीं मिलता। बाघों की जीवन चर्या व खुले जंगल में उनके व्यवहार पर जो भी शोध व अध्ययन हुए हैं, कहीं भी यह बात निकलकर नहीं आई कि मां की मौत होने पर अनाथ शावकों की देखरेख नर बाघ करता हो। लेकिन पन्ना में यह चमत्कार देखने को मिल रहा है।
बाघ पी-243 को पहनाया गया रेडियो कॉलर
जंगल में नर बाघ के पीछे विचरण करते चारो शावक। |
बाघिन की मौत के बाद अनाथ हो चुके शावकों के प्रति नर बाघ का अच्छा व सहयोगात्मक व्यवहार देखकर पार्क प्रबंधन ने बाघ पी-243 को रेडियो कॉलर पहनाकर सूझबूझ का परिचय दिया है। ऐसा करने से न सिर्फ नर बाघ पी-243 की मॉनिटरिंग हो रही है, बल्कि उसके साथ रह रहे चारो शावकों पर भी नजर रखी जा रही है। यदि सब कुछ सामान्य रहा और आने वाले तीन-चार माह तक नर बाघ इसी तरह शावकों की देखरेख करता रहा, तो शावक एक वर्ष के होने पर खुद ही शिकार करने व स्वतंत्र रूप से अपना जीवन जीने में सक्षम हो जाएंगे। पन्ना टाइगर रिजर्व का यह अभिनव प्रयोग यदि सफल रहा तो भविष्य में अनाथ शावकों के लिए यह एक मिसाल बनेगा। मालूम हो कि बाघिन की मौत के बाद यह आशंका जताई जा रही थी कि नर बाघ शावकों को मार सकता है, लेकिन फिलहाल यह आशंका निर्मूल साबित हुई है।
बाघ के साथ अठखेलियां करते शावकों का वीडियो जारी
जंगल में नर बाघ पी-243 के साथ चहल-कदमी व अठखेलियाँ करते शावकों का एक दिलचस्प वीडियो पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा जारी किया गया है। इस वीडियो को देखकर प्रतीत होता है कि चारों अनाथ शावक नर बाघ (पिता) के साथ सहज हैं। बाघ जंगल में जहां जाता है शावक भी उसके पीछे चलते हैं, जैसा मां के साथ चलते थे। बाघ के आसपास ही चारो शावक चट्टानों में बैठे नजर आते हैं। वन अधिकारियों ने बताया कि नर बाघ जब शिकार करता है तो वह इन शावकों को भी खिलाता है। अधिकारी बताते हैं कि नर बाघ व शावकों की सघन निगरानी की जा रही है। इसके लिए इलाके में दो प्रशिक्षित हाथियों सहित वन अमले को तैनात किया गया है।
वीडियो का अवलोकन करें -
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Excellent decision. Earlier similar father care was seen in Rabathambore.
ReplyDeleteबहुत ही सकरात्मक घटना! यह समाचार वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र में काम कर रहे तथा सामान्य प्रकृति प्रेमियों के लिए भी अत्यंत उत्साहजनक है।
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