Wednesday, July 21, 2021

चरवाहे को मौत के घाट उतारने वाले भालू की भी हुई मौत

  •  मंगलवार की शाम जंगल में भालू ने किया था हमला
  •  बुधवार को दोपहर उसी इलाके में मृत पड़ा मिला भालू 


भालू की सांकेतिक फाइल फोटो


।। अरुण सिंह ।। 

पन्ना। जंगल में एक चरवाहे के ऊपर हमला कर मंगलवार की शाम उसे मौत के घाट उतारने वाले भालू की भी संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई है। भालू की अचानक इस तरह से मौत कैसे व क्यों हुई, यह अभी रहस्य है। मामला मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व अंतर्गत गंगऊ अभ्यारण्य के बगौंहा बीट का है। मामले की खबर मिलते ही पार्क के अधिकारी व रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गई है।

 उल्लेखनीय है कि गत 20 जुलाई मंगलवार को सायं बगौंहा बीट के जंगल में भालू ने 55 वर्षीय चरवाहे हरदास अहिरवार के ऊपर उस समय हमला कर दिया था, जब वह अपनी भैंस को ढूंढते हुए अकेले ही जंगल में चला गया था। इस हमले में चरवाहे की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी। आज सुबह ही मृतक का पोस्टमार्टम हुआ और उसके कुछ घंटे बाद ही यह चौंकाने वाली खबर मिली कि हमलावर भालू की भी मौत हो गई है।

 इस संबंध में पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा से संपर्क किए जाने पर उन्होंने बताया कि दोपहर लगभग 12:30 बजे जंगल के उसी इलाके में भालू का शव मिला है, जिससे यह प्रतीत होता है कि यह वही भालू है जिसने चरवाहे के ऊपर हमला किया था। भालू की अचानक इस तरह से मौत क्यों हुई ? इस सवाल के जवाब में क्षेत्र संचालक श्री शर्मा ने कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। पोस्टमार्टम होने के बाद ही पता चलेगा की मौत की असल वजह क्या है।

फील्ड में मौजूद वन कर्मियों के मुताबिक हमला करने वाले भालू की जंगल में सर्चिंग की जा रही थी। सर्चिंग के दौरान भालू ने वन कर्मियों के वाहन की तरफ  आक्रामक ढंग से दौड़ा था। इसके कुछ देर बाद ही भालू गिर गया और उसकी मौत हो गई। इस मामले में कुछ जानकारों से चर्चा करने पर उन्होंने लक्षणों के आधार पर यह आशंका जताई है कि भालू की मौत रैबीज के संक्रमण से संभावित है। मालूम हो कि रैबीज से संक्रमित जानवर आक्रामक हो जाता है तथा सामने जो भी आता है उसके ऊपर हमला कर देता है। मृत भालू का व्यवहार कल से कुछ ऐसा ही देखा गया है।

रेबीज संक्रमित जानवरों के बारे में यह बताया जाता है कि संक्रमित जानवर की अधिकतम 10 दिनों में मौत हो जाती है। रैबीज सहित बाघों में फैलने वाली घातक बीमारी केनाइन डिस्टेंपर की रोकथाम के लिए रिजर्व क्षेत्र के आसपास स्थित ग्रामों के आवारा कुत्तों का वैक्सीनेशन किया जाता है। इस वैक्सीनेशन से कैनाइन डिस्टेंपर सहित सात अन्य बीमारियां जिसमें रैबीज भी शामिल है, उनसे वन्य प्राणियों का बचाव होता है। यदि भालू की मौत रैबीज से हुई है तो निश्चित ही यह पार्क प्रबंधन के लिए चिन्ता की बात है। सच्चाई क्या है यह पोस्टमार्टम के बाद ही पता चलेगा।

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