- बृहस्पति कुण्ड जल प्रपात के सौंदर्य को निहारने जा रहे थे पर्यटक
- सुरक्षा के माकूल इंतजाम न होने से नीचे कुण्ड तक जाना खतरनाक
बृहस्पति कुण्ड जहाँ सैकड़ों फिट नीचे गिरता है बाघिन नदी का पानी। |
।। अरुण सिंह ।।
पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश के चलते नदी नाले उफान पर हैं। यहाँ के जलप्रपातों को देखने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के अलावा पर्यटक भी पहुँच रहे हैं। पन्ना शहर से लगभग 30 किमी. दूर बृहस्पति कुण्ड जल प्रपात के सौंदर्य को निहारने लोगों का तांता लगा हुआ है। नतीजतन जरा सी लापरवाही होने पर हादसे भी घटित हो रहे हैं। गत रविवार को बृहस्पति कुण्ड में गिरने वाली बाघिन नदी के तेज प्रवाह में एक पर्यटक वाहन फंस गया, जिसमें एक बच्ची सहित 7 पर्यटक सवार थे। अथक प्रयासों के बाद इनकी जान बचाई जा सकी।
उल्लेखनीय है कि बारिश के मौसम में पन्ना जिले के बृजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बाघिन नदी पर बने बृहस्पति कुण्ड की भव्यता को निहारने बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। सोशल मीडिया पर बृहस्पति कुण्ड पर गिरने वाले झरने की भव्यता को देखकर हर कोई यहां पहुंच रहा है। लेकिन अभी पर्यटक स्थल के रूप में पूरी तरह विकसित नहीं हुए इस स्थान पर लोग हादसों का शिकार भी होते हैं। रविवार की शाम कुछ ऐसा ही हुआ और 7 पर्यटकों की जान मुश्किल में पड़ गई।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पड़ोसी जिले छतरपुर के नौगांव निवासी यशवंत सिंह यादव का परिवार दो वाहनों में सवार होकर वृहस्पति कुण्ड को निहारने पहुंचा था। लेकिन यहां बाघिन नदी के पुल पर अति उत्साह में कार उतार दी और उनकी एक कार आई-20 नदी के बहाव में फंस कर बहती चली गई। इसी बीच नदी की धारा से कार पास ही अटक गई और दूसरी कार में सवार अन्य साथियों ने कार से लोगों को निकाल कर उनकी जान बचाई। बताया जाता है कि उक्त कार में 5 महिलाओं सहित 2 पुरूष व एक मासूम बच्ची सवार थी। यहां जरा सी चूक हो जाती तो यह परिवार सैंकड़ों फिट गहरी खाई में समां जाता। हालांकि गनीमत रही कि कार अटक गई और लोगों की जान बचाई जा सकी।
इसके बाद घटना की जानकारी मिलते ही बृजपुर थाना पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंची और कार को नदी से निकालने के प्रयास किए जा रहे थे। हालांकि नदी में फंसी कार को निकालना भी बेहद मुश्किलों भरा काम जान पड़ रहा है। लगातार बारिश से नदी उफान पर है और अत्याधिक पानी होने के कारण पर्यटकों के लिए यहां मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। ऐसे में प्रतिदिन सैंकड़ों की संख्या में यहां आने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए प्रशासन को सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम करने चाहिए। मानसून टूरिज्म स्पॉट के रूप में स्वत: ही विकसित हो चुके वृहस्पति कुण्ड को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में प्रयास करने चाहिए। ताकि लोग यहां बिना किसी डर व जोखिम के प्राकृतिक सौंदर्य को निहार सकें।
खतरों से परिपूर्ण है कुण्ड तक जाने का मार्ग
कुण्ड तक नीचे जाने वाला मार्ग जिससे होकर लोग जाते हैं। |
बृहस्पति कुण्ड के अदभुत नज़ारे को देखने के लिए पन्ना सहित पडोसी जिलों के सैकड़ों लोग प्रतिदिन यहाँ पहुँच रहे हैं लेकिन उसके अनुरूप यहाँ पर व्यवस्थायें तथा सुरक्षा इंतजाम न के बराबर हैं। यह प्राकृतिक स्थल देखने में सुन्दर और मनोरम जरूर है लेकिन खतरों से भी परिपूर्ण है। जरा सी लापरवाही व असावधानी यहाँ जानलेवा भी साबित हो सकती है। बाघिन नदी का पानी सैकड़ों फिट नीचे जिस जगह पर गिरता है, उसे ही बृहस्पति कुण्ड के नाम से जाना जाता है। यहाँ तक पहुँचने के लिए बेहद खतरनाक संकीर्ण मार्ग से होकर लोग पहुंचते हैं, जहाँ न तो कोई सुरक्षा दीवाल है और न ही रेलिंग। ऐसी स्थिति में यहाँ जरा सी लापरवाही बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
उफनाते नाला में बहे युवक का 18 घंटे बाद मिला शव
वह नाला जहाँ युवक का शव बरामद हुआ। |
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