- पन्ना जिले में अब तक डेंगू के 69 केसों की हो चुकी है पुष्टि
- गहरे रंग का होता है डेंगू फैलाने वाला एडीज इजिप्टी मच्छर
।। अरुण सिंह ।।
पन्ना। कोरोना का संकट अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ और डेंगू ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। ये बुखार प्रदेश में जहाँ तेजी से पांव पसार रहा है वहीँ पन्ना जिले में भी इसने दस्तक दे दी है। बेहद पीड़ादायी यह बुखार बड़ों से लेकर बच्चों तक को अपना शिकार बना रहा है। ऐसे में हमें डेंगू से बचाव के लिए सावधानियां बरतने की जरूरत है। जानकारी के लिए बता दें कि डेंगू बुखार एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। यह मादा मच्छर होती है जो आपके आस-पास पानी के बर्तनों और पौधों में अंडे देती है।
डेंगू फैलाने वाला एडीज इजिप्टी एक छोटा, गहरे रंग का मच्छर है जिसमें बंधी हुई टांगें होती हैं। इस वजह से ये मादा मच्छर ज्यादा ऊपर नहीं उड़ पाते हैं और दूसरे मच्छरों की तुलना में इजिप्टी छोटे होते हैं। मच्छर आमतौर पर लोगों को घर के अंदर काटता है और दिन के समय पानी में अंडे देता है जिसमें पत्तियां, शैवाल आदि जैसे कार्बनिक पदार्थ होते हैं। मच्छर, इंसानों को काटने के तीन दिन बाद अंडे देता है। जब बारिश में अंडे पानी से भर जाते हैं, तो इनमें से लार्वा निकलता है। आम तौर पर, लार्वा पानी से भरे कंटेनरों में शैवाल, छोटे जलीय जीवों, पौधों के कणों को खाते हैं। अंडे से वयस्क यानी मच्छर बनने तक का पूरा चक्र 7-12 दिनों में होता है और एक वयस्क मच्छर का जीवनकाल लगभग तीन सप्ताह का होता है।
बचाव व नियत्रण हेतु जनजागरण आवश्यक
मच्छर से फैलने वाले डेंगू, चिकुनगुनिया जैसी बीमारियों से सुरक्षा के लिए मच्छरों से बचाव व नियत्रण हेतु जनभागीदारी व जनजाग्रति का होना आवश्यक है। वर्षाकाल में जगह-जगह पानी इकटठा हो जाने से उनमें मच्छरों की उत्पत्ति व वृद्धि होती है। ये मच्छर रोगी व्यक्ति को काटने पर संक्रमित हो जाते हैं व इन संक्रमित मच्छर के काटने से डेगू, चिकुनगुनिया, रोग का प्रसार होता है। इस बीमारी से ग्रसित रोगी को बुखार, सिरदर्द, बदनदर्द, उल्टी आना, ठंड लगना जैसे लक्षण होते हैं जिनका त्वरित उपचार आवश्यक है।
डेंगू व चिकुनगुनिया रोग सफेद चकत्ते वाले ,एडीज मच्छर के काटने से फैेलता है। यह मच्छर दिन में सक्रिय रहता है। बीमारी फैलाने वाले मच्छर घरों में नमी वाले अंधेरे स्थान में विश्राम करते हैं एवं साफ व रूके पानी में पनपते हैं जो कि हमारे घरों में व आसपास पानी से भरे पात्र जैसे- गमले, टंकी, टायर, मटके, कूलर, टूटा-फूटा कबाड़ में भरे पानी, नल, हैण्डपंप व कुएं के आसपास भरे पानी में मच्छर अपने अण्डे देते हैं व 7 से 12 दिन में अंडे से मच्छर बनने का जीवनचक्र पूर्ण हो जाता है। अत: पानी से भरे बर्तन, टंकियों आदि का पानी सप्ताह में अवश्य बदलते रहें व कुएं, हैण्डपंप, नल के आसपास पानी इक_ा न होने दें। उन्हें मिट्टी से भराव करायें या पानी की निकासी कराकर मच्छरों कीे उत्पत्ति स्थल को नष्ट करें व मच्छरों के लार्वा नहीं पनपने दें। मच्छरों से बचाव करें। मच्छरों से बचाव के लिए सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, पूरे आस्तीन के कपडे पहने, मच्छर भगाने वाली क्रीम या क्वाइल का उपयोग करें, नीम की पत्ती का धुंआ करें।
जाने, कैसे होते हैं डेंगू के लक्षण
डेंगू के लक्षण जैसे तीव्र बुखार, सिरदर्द ,मांसपेशियों में दर्द, जी मचलना ,उलटी होना ,गंभीर मामलों में नाक ,मुंह, मसूड़ों से खून आना, आँखों के पीछे दर्द होना ,त्वचा पर लाल चकत्ते होना, डेंगू के लक्षण प्रमुख लक्षण होते हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह ले, डेंगू की जाँच जिला चिकित्सालय पन्ना में नि:शुल्क की जाती है। मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की उपविधि-11 के अंतर्गत नगरी निकायों को यह अधिकार प्राप्त है कि यदि किसी व्यक्ति या प्रतिष्ठान या कार्यालय में मच्छर के लार्वा पाए जाते हैं तो अधिकतम 500 रूपये तक का जुर्माना सम्बंधित व्यक्ति के ऊपर किया जा सकता है। शुक्रवार 22 अक्टूबर को जिला मलेरिया के दो दलों द्वारा 137 घरों में लार्वा सर्वे का कार्य किया गया, जिनमें कुल 590 कंटेनर,176 पानी की टंकी ,कूलर 148 चेक किये गए जिनमें से 24 कंटेनर में लार्वा पाया गया। टीम के द्वारा अपने समक्ष लार्वा विनिष्टीकरण कर लोगों को डेंगू से बचाव हेतु समझाइश दी गयी, 90 घरों में स्पेस स्प्रे किया गया। अब तक जिले में कुल 69 डेंगू के केस दर्ज हुए हैं। धाम मोहल्ला और इन्द्रपुरी क्षेत्र में पम्पलेट वितरित कर प्रचार प्रसार किया गया।
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