Tuesday, January 11, 2022

गांव तक सड़क नहीं, कोई बीमार पड़ा तो खाट में ले जाना मजबूरी

मध्यप्रदेश का पन्ना जिला देश और दुनिया में बेशकीमती हीरों के लिए भले ही जाना जाता है लेकिन यहां के लोगों की जिंदगी में इन हीरों की चमक कहीं नजर नहीं आती। जिले की अधिसंख्य आबादी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। इस जिले के छोटे से गांव मढ़िया राव के लोगों की जिंदगी तो मुसीबतों का पर्याय बन चुकी है।

सड़क विहीन पन्ना जिले के  मढ़िया राव गांव में घायल व्यक्ति को खाट के सहारे ले जाते ग्रामीण। 

।। अरुण सिंह ।।

पन्ना। बेमौसम बारिश, कड़ाके की ठंड और ओलों की बौछार से बेहाल हुए किसानों को जनप्रतिनिधियों और जिम्मेदार अधिकारियों की बेरुखी के चलते कैसी-कैसी मुसीबतें झेलनी पड़ती हैं, मध्यप्रदेश के पन्ना जिले का मढिया राव गांव इसका जीता जागता उदाहरण है। जिला मुख्यालय पन्ना से लगभग 50 किलोमीटर दूर अमानगंज तहसील के इस गांव तक पहुंच मार्ग नहीं है। हल्की बारिश होने पर इस गांव तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में गांव का कोई व्यक्ति यदि बीमार होता है तो इलाज के लिए सड़क मार्ग तक खाट में ले जाने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं रहता।

मढ़िया राव गांव के प्रमोद शर्मा (40 वर्ष) ने बताया कि पिछले दिनों निर्माणाधीन मकान के ऊपर से लखन लाल शर्मा (50 वर्ष) गिर गए थे, जिससे उनकी कमर में अंदरूनी चोट के कारण उनकी स्थिति गंभीर हो गई, वे चल फिर भी नहीं सकते थे। बारिश के कारण इलाज के लिए उन्हें कहीं ले जाना भी संभव नहीं था, क्योंकि एंबुलेंस तो दूर गांव तक दो पहिया वाहन भी नहीं आ सकता। वे बताते हैं कि बारिश थमने पर शनिवार को उन्हें खाट पर लिटा कर गांव के लोग पैदल खेतों से होकर 4 किलोमीटर दूर सड़क मार्ग तक ले गए। जहां से उन्हें अमानगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। मकान के ऊपर से गिरकर घायल हुए लखन लाल शर्मा के छोटे भाई राम प्रकाश शर्मा ने बताया कि हमारे गांव तक सड़क नहीं है, इसलिए एंबुलेंस नहीं आ पाती। बीमार मरीजों व गर्भवती महिलाओं को खाट के सहारे ही ग्राम वासियों की मदद से सड़क तक पहुंचाया जाता है।

गांव तक सड़क मार्ग ना होने से ग्राम पंचायत जिजगांव तहसील अमानगंज के मढिया राव गांव की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। इसी गांव के 48 वर्षीय शिक्षक सामंत सिंह राव ने बताया कि मढ़िया राव में सिर्फ पांचवी तक प्राथमिक शाला है। पांचवी के बाद गांव के बच्चों को पड़ोसी गांव कमताना पढऩे के लिए जाना पड़ता है, जो 2 किलोमीटर दूर है। लेकिन इस दूरी को तय करना बच्चों के लिए आसान नहीं है। बारिश में हर तरफ कीचड़ मच जाता है तथा कड़वानी नाला को भी पार करना पड़ता है, जिससे बारिश के मौसम में बच्चे पढऩे के लिए स्कूल नहीं जा पाते।

सामंत सिंह राव बताते हैं की बारिश में सांप और बिच्छू भी खूब निकलते हैं जिनसे हमेशा खतरा बना रहता है। आपने बताया कि 4 साल पूर्व गांव के ही नौवीं कक्षा में पढऩे वाले बच्चे मनीष को रास्ते में सर्प ने डस लिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। इस घटना के बाद से गांव के बच्चे व उनके परिजन और भी डरने लगे हैं। जाहिर है बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है, गांव की बच्चियां तो पांचवी के बाद आगे की पढ़ाई कर ही नहीं पातीं।

गांव के लड़कों की नहीं हो पाती शादी 



महज दो-तीन किलोमीटर की सड़क न बन पाने से इस गांव का सामाजिक तानाबाना भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। गांव के लड़कों की शादी तक नहीं हो पाती, जिससे उन्हें एकाकी जीवन जीने को मजबूर होना पड़ रहा है। सामंत सिंह राव बताते हैं कि लड़की वाले आते हैं और अमानगंज से ही वापस लौट जाते हैं। वे कहते हैं कि जिस गांव तक जाने के लिए सड़क नहीं है वहां हम अपनी लड़की की शादी नहीं कर सकते। सामंत सिंह राव के मुताबिक गांव में 30 वर्ष से अधिक आयु के अनेकों युवक हैं, जिनकी शादी नहीं हुई। सड़क न बन पाने का असर सिर्फ गांव के लड़कों की ही जिंदगी पर पड़ रहा हो ऐसा नहीं है, लड़कियों की शादी में भी दिक्कत आती है।

सेवानिवृत्त फौजी व क्षेत्र के समाजसेवी मंगल सिंह राजावत ने बताया कि विगत कई वर्षों से मढ़िया राव गांव तक सड़क निर्माण की मांग की जा रही है। कई बार कलेक्टर पन्ना को आवेदन भी दिया गया लेकिन आज तक सड़क नहीं बन सकी। राजावत बताते हैं कि पूर्व में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग से सड़क स्वीकृत हुई थी लेकिन ठेकेदार ने सिर्फ कुछ दूरी तक मिट्टी डलवाई और अधूरा काम छोड़कर चला गया। उसने काम क्यों छोड़ा इसकी भी खोज खबर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा नहीं ली गई, जिससे हालात जस के तस बने हुए हैं।

ग्रामीण चुनाव का भी कर चुके हैं बहिष्कार 

गांव तक सड़क मार्ग न बन पाने से परेशान ग्रामीणों ने पिछले लोक सभा चुनाव के दौरान मतदान का बहिष्कार भी किया था। मढय़िा राव गांव के रामकृपाल शर्मा ने बताया कि चुनाव के समय जब ग्रामवासियों ने मतदान का बहिष्कार किया तो अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि सड़क का निर्माण कराया जाएगा लेकिन वोट पडऩे के बाद फिर किसी ने भी सुध नहीं ली। प्रमोद शर्मा बताते हैं कि चुनाव के समय हमें सिर्फ आश्वासन मिलता है, सड़क बनवाना तो दूर जनप्रतिनिधि फिर यहां झांकने तक नहीं हैं। आप बताते हैं कि हमारे गांव मढ़िया राव में विधायक तक कभी नहीं आए, एक बार सिर्फ तत्कालीन भाजपा विधायक राजेश वर्मा आए थे। वे भी एक बच्चे की सर्प काटने से हुई मौत की वजह से चेक देने के लिए, फिर इसके बाद कोई नहीं आया।

सड़क निर्माण के लिए ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन 



घायल व्यक्ति को खटिया से अस्पताल ले जाने का वीडियो सोशल मीडिया में आने के बाद मढ़िया राव गांव चर्चा में है। इस गांव के लोगों ने समस्या की ओर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराने तथा सड़क निर्माण की मांग को लेकर सोमवार 10 जनवरी को कलेक्टर पन्ना के नाम अमानगंज तहसीलदार दीपा चतुर्वेदी को ज्ञापन सौंपा है। ग्राम वासियों ने तहसीलदार को बताया कि गांव तक सड़क न होने से उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गर्भवती महिलाओं व बीमार व्यक्तियों को इलाज के लिए खाट में लिटा कर ले जाने को मजबूर होना पड़ता है। ग्रामीणों ने तहसीलदार से अनुरोध किया है कि ग्राम मढ़िया राव की वर्षों से अधूरी पड़ी सड़क का निर्माण शीघ्र पूरा कराया जाए ताकि ग्राम वासियों को समस्या से निजात मिल सके। मामले के संबंध में तहसीलदार दीपा चतुर्वेदी ने कहा कि सड़क के काम की क्या स्थिति है इस संबंध में मैं जनपद पंचायत गुनौर के सीईओ से बात करके पता लगाती हूं। सड़क निर्माण का कार्य पूरा कराया जाएगा।

वीडियो : घायल को खाट में खेतों के रास्ते अस्पताल ले जाते ग्रामवासी 




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