पन्ना। जैव विविधता से परिपूर्ण अपनी अनूठी वाटिका में सब्जियों की भूली बिसरी देशी प्रजातियों का संरक्षण करने के साथ-साथ औषधीय बनस्पतियों को भी जतन के साथ सहेजने वाले सर्जना के उपाध्यक्ष राम लोटन कुशवाह के जैव विविधता वाटिका में यू तो 10 -12 प्रकार के कन्द हैं। पर उनके द्वारा प्रयोजित खनुआ एवं पीड़ी नामक दो कन्दों को अन्य किसानों ने भी तिलवा चौथ फलाहार हेतु विकसित किया है। आज बाजार में यह दोनों कन्द शकरकन्द के विकल्प के रूप में में दिख रहे हैं। जब कि यह दोनों जंगली कन्द थे।
पद्मश्री बाबूलाल दाहिया जी ने यह रोचक जानकारी सोशल मीडिया में साझा किया है। उन्होंने बताया कि यह बगैर रासायनिक उर्वरक पैदा होते हैं और इन्हें कोई कीट ब्याधि भी नहीं सताती अस्तु कीटनाशक जहर से मुक्त होने के कारण यह फलाहारियों के लिए पूर्णत: जैविक फलाहार होते है। रामलोटन कुशवाह 200 से अधिक प्रजाति के पेड़ पौधों बनस्पतियों कन्दों की जैव विविधता को संरक्षण देने वाले वही कृषक हैं, जिनकी विगत अगस्त माह के अपने "मन की बात" में प्रधानमंत्री ने भरपूर प्रसंशा की थी एवं अन्य किसानों को भी उनका अनुकरण करने की सलाह दी थी।
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