Saturday, March 5, 2022

दूरगामी सोच एवं भावना से जुड़ा है अंकुर अभियान

  • जब तक त्रिवेणी रहेगी, सांस कम नहीं होगी
  • समर्थन  संस्था ने 1846 पौधों का किया रोपण


पन्ना। पेड़-पौधे हमारे जीवन का आधार एवं संस्कृति कें अंग रहे हैं। पेड़-पौधे के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। धरती पर मनुष्य के जीवन को सहेजने एवं जीने में वृक्षों का अपना विशेष महत्व है। हमारे धर्म ग्रन्थो में त्रिवेणी अर्थात पीपल,बरगद एवं नीम के वृक्षों का पूजा एवं कर्मकांण्ड में विशेष महत्व है। इन जीवनदायी पौधों की एक साथ मौजूदगी को त्रिवेणी के नाम से जाना जाता है। रसीले फलदार वृक्ष स्वाद के साथ-साथ हमें पोषण भी प्रदान करते हैं। आम,नीबू, आंवला, ईमली, मुनगा जैसे कई पौधे भोज्य पदार्थ में स्वाद एवं पोषण की द्रष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं। 

पन्ना जिले में स्वयेसेवी संस्था समर्थन ने 18 गांव में 1846 पौधों का रोपण कराया जाकर वायुदूत एप में अपलोड किया गया है। जो निश्चित ही कल्याणकारी और पर्यावरण को समृद्ध करने की सराहनीय पहल है। जिले के विल्हा गांव से पौधरोपण का शुरू हुआ यह सफर 5 मार्च को कुंजवन गांव में पूरा हुआ। इस मौके पर पौधरोपण कार्यक्रम को आगे भी अनवरत जारी रखने का संकल्प लिया गया। समर्थन संस्था के रीजनल क्वार्डिनेटर ज्ञानेंद्र तिवारी ने बताया कि सभी पौधे किसान परिवारों ने लगाये हैं। उन्होने रोपे गए पौधों को अपने स्वजनो के नाम पर लगाया एवं उनकी समुचित देखरेख कर उन्हें बड़ा करने का संकल्प भी लिया।

ग्राम विल्हा में बच्चो के जन्म, शादी एवं उत्सव में पौधारोपण करने का प्रस्ताव महिलाओ ने अपनी बैठक में लिया। समर्थन टीम ने 150 पौधे किसानो के ही खेत में स्वयं रोपे, जिसका भुगतान टीम के सदस्यो ने किया। सभी पौधे फलदार हैं जो जलसंरक्षण एवं आमदनी का जरिया बन किसान को आत्मनिर्भर  बनने में मददगार साबित होंगे। अंकुर अभियान एक जिम्मेदारी का एहसास है, हम सब अपने पर्यावरण को बेहतर बनाये रखें क्योंकि हम सब के जीवन में इसका महत्व है। 

अंकुर अभियान के पांचवे दिन पीपल,बरगद एवं नीम का एक साथ कुजवन में देवी मन्दिर के पास समिति के अध्यक्ष ध्रुव कुमार मंडल एवं संजीत मंडल के सहयोग से लगावाया गया। इसमें जिले के पत्रकार अरूण सिंह, मानसी संस्था के निदेशक सुदीप श्रीवास्तव एवं समर्थन से ज्ञानेन्द्र तिवारी,अंकुर पाण्डेय, प्रदीप पिड़िहा, लखन लाल, चालीराला उपस्थिति रहे। अंत में सभी ने लगाये गये पौधों को संरक्षित करने की सपथ ली। 

00000 

No comments:

Post a Comment