Saturday, May 14, 2022

विश्व प्रवासी पक्षी दिवस : पीटीआर के गिद्धों ने की रूस,चीन, पाकिस्तान और नेपाल की यात्रा

  • विश्व में बीते 30 सालों में पक्षियों की 21 प्रजातियां लुप्त हो गई हैं। वैश्विक स्तर पर पक्षियों की 192 प्रजातियों को अति संकटग्रस्त श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। 


।। अरुण सिंह ।।

पन्ना। पूरी दुनिया में आज विश्व प्रवासी पक्षी दिवस मनाया जा रहा है। देशों की सीमाओं का बंधन मनुष्यों के लिए भले हो लेकिन परिंदे इससे मुक्त हैं। वे बिना पासपोर्ट वीजा के एक देश से दूसरे देश तक हजारों किलोमीटर का सफर तय कर लेते हैं। बसुधैव कुटुम्बकम का उद्घोष सही अर्थों में हजारों किमी. की दूरी तय करके एक देश से दूसरे देश तक पहुंचकर प्रवास करने वाले पक्षी करते हैं। 

विश्व प्रवासी पक्षी दिवस मनाने का मकसद क्या है इस सम्बन्ध में पन्ना टाइगर रिज़र्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा बताते हैं कि विश्व प्रवासी पक्षी दिवस एक वार्षिक जागरूकता अभियान है जो प्रवासी पक्षियों और उनके आवासों के संरक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। इसकी वैश्विक पहुंच है और यह प्रवासी पक्षियों के सामने आने वाले खतरों, उनके पारिस्थितिक महत्व और उनके संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने में मदद करने के लिए एक प्रभावी उपकरण है।


पन्ना टाइगर रिज़र्व के प्रवासी गिद्धों के साथ विश्व प्रवासी पक्षी दिवस मनाने की अपील करते हुए क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिज़र्व ने प्रवासी गिद्धों के विचरण क्षेत्र व यात्रा मार्ग की जानकारी साझा की है जो हैरत में डालती है। आपने बताया कि यूरेशियन ग्रिफान गिद्ध EG_8661 पाकिस्तान गया और फिर मध्यप्रदेश आया। अब वह फिर पाकिस्तान चला गया है जिसकी लोकेशन मुल्तान के पास शोरकोट प्लांटेशन रिज़र्व में 12 मई 22 तक मिली है। पहला यूरेशियन ग्रिफान गिद्ध EG_8643 कुछ दिन पहले पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में भावलपुर जिले के लाल सुहानरा राष्ट्रीय उद्यान में था। पन्ना टाइगर रिज़र्व के प्रवासी गिद्धों ने रूस, चीन, पाकिस्तान व नेपाल की यात्रा की है।   

उल्लेखनीय है कि भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून की मदद से मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में फरवरी 2022 में 25 गिद्धों को सौर ऊर्जा चलित जीपीएस टैग लगाए गए थे। टैग किए गए गिद्धों में 13 इंडियन वल्चर, 2 रेड हेडेड वल्चर, 8 हिमालयन ग्रिफिन एवं 2 यूरेशियन ग्रिफिन वल्चर हैं। गिद्धों को टैग करने का मुख्य उद्देश उनके आवागमन एवं रहवास के संबंध में सतत जानकारी एकत्र करना है। क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि टैगिंग के पश्चात जो जानकारी निरंतर प्राप्त हो रही है, वह बहुत ही रोचक एवं गिद्धों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण है।

संकटग्रस्त श्रेणी में 21 प्रजाति के पक्षी

विश्व में बीते 30 सालों में पक्षियों की 21 प्रजातियां लुप्त हो गई हैं। वैश्विक स्तर पर पक्षियों की 192 प्रजातियों को अति संकटग्रस्त श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। इनमें भारत की तीन प्रजातियां ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (सोन चिरैया), एशियाई हाथी और बंगाल फ्लोरिकन (बंगाल बस्टर्ड) शामिल है। बंगाल फ्लोरिकन को खरमोर नाम से भी जाता है। प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए भारत सरकार ने परियोजना भी बनाई है।  दुनिया भर में हर साल कृत्रिम प्रकाश कम से कम 2 फीसदी बढ़ रहा है और यह कई पक्षी प्रजातियों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए जाना जाता है। प्रकाश प्रदूषण प्रवासी पक्षियों के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा है, जो रात में उडऩे पर भटकाव पैदा करता है, जिससे ये इमारतों से टकरा जाते हैं।

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