Monday, July 4, 2022

नर हाथी रामबहादुर ने हमला कर महावत की ली जान

  •  पन्ना टाइगर रिजर्व का हाथी हुआ बागी, महावतों में दहशत 
  •  दो वर्ष पूर्व इसी तरह रेंज ऑफीसर पर भी कर चुका है हमला

 

हांथी के हमले में काल कवलित महावत बुधराम का शव एम्बुलेंस से उतारते हुए वनकर्मी । 

।। अरुण सिंह ।।

पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में नर हाथी रामबहादुर ने आज सुबह महावत पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया है। बागी हो चुके इस हाथी ने 2 वर्ष पूर्व इसी तरह रेंज ऑफिसर बीएस भगत पर भी हमला किया था, जिससे उनकी घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी। हाथी के हमले से महावत बुधराम रोटिया 60 वर्ष की सुबह हुई मौत के बाद से पन्ना टाइगर रिजर्व में हड़कंप मचा हुआ है।

क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि नर हाथी रामबहादुर द्वारा हमला किए जाने की यह दूसरी घटना है। इसके पूर्व अगस्त 2020 में इस हाथी ने वन परीक्षेत्र अधिकारी पर हमला किया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी। उसी समय से इस हाथी को अलग रखा जा रहा था। जंगल की निगरानी व अन्य कार्यों में भी इसका उपयोग नहीं किया जा रहा था। क्षेत्र संचालक श्री शर्मा ने बताया कि डेंजर बी.एस. भगत की मौत के बाद से सभी महावत इस हाथी से सतर्क रहते थे। कोई भी इस पर सवार नहीं होता था। बताया जा रहा है कि आज सुबह महावत बुधराम जंगल में जब हाथी रामबहादुर को ढूंढ रहा था, उसी समय हाथी ने हमला किया। 

दो दशक से पन्ना टाइगर रिजर्व में है हाथी रामबहादुर


जंगल में गस्ती करता हांथियों का दल।  ( फ़ाइल फोटो )

बगावती तेवर अपना चुके नर हाथी रामबहादुर के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक सितंबर 2002 में संजय टाइगर रिजर्व से यह नर हाथी, हथिनी गंगावती व मोहन कली के साथ पन्ना टाइगर रिजर्व में आया था। महावत बुधराम उसी समय रामबहादुर के साथ ही पन्ना आया था और तभी से वह इस हाथी की देखरेख करता रहा है। क्षेत्र संचालक के मुताबिक महावत बुधराम छत्तीसगढ़ का निवासी है तथा हाथी रामबहादुर भी छत्तीसगढ़ से ही संजय टाइगर रिजर्व पहुंचा था। उसी समय से महावत बुधराम इस हाथी के साथ रहा है। फिर भी उसने महावत पर हमला कर दिया, जो कई दशकों से उसकी देखरेख व सेवा करता रहा है।

नर हाथी ने दो बार हथिनी वत्सला पर भी किया प्राणघातक हमला

पन्ना टाइगर रिजर्व की ही नहीं दुनिया की सबसे उम्रदराज हथिनी वत्सला पर भी नर हाथी रामबहादुर ने वर्ष 2003 और 2008 में दो बार प्राणघातक हमला कर वत्सला को बुरी तरह से घायल कर दिया था। वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ संजीव गुप्ता ने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व के मंडला परिक्षेत्र स्थित जूड़ी हाथी कैंप में नर हाथी रामबहादुर ने मस्त के दौरान वत्सला के पेट पर जब हमला किया तो उसके दांत पेट में घुस गये। हाथी ने झटके के साथ सिर को ऊपर किया, जिससे वत्सला का पेट फट गया और उसकी आंतें बाहर निकल आईं। डॉ. गुप्ता ने 200 टांके 6 घंटे में लगाए तथा पूरे 9 महीने तक वत्सला का इलाज किया। समुचित देखरेख व बेहतर इलाज से अगस्त 2004 में वत्सला का घाव भर गया। लेकिन फरवरी 2008 में नर हाथी रामबहादुर ने दुबारा अपने टस्क (दाँत) से वत्सला हथिनी पर हमला करके गहरा घाव कर दिया, जो 6 माह तक चले उपचार से ठीक हुआ।

मृतक महावत के दो बेटे, दोनों करते हैं हाथियों की सेवा


हांथी बच्चे के साथ प्रशन्न मुद्रा में महावत बुधराम।  ( फोटो सोशल मीडिया से साभार )

पन्ना टाइगर रिजर्व के सबसे पुराने व अनुभवी महावत बुधराम की अचनक इस तरह से हुई मौत के बाद से पन्ना टाइगर रिजर्व में दुख का माहौल है। क्षेत्र संचालक श्री शर्मा ने बताया कि मृतक महावत के दो बेटे हैं, और दोनों ही बेटे पन्ना टाइगर रिजर्व में चारा कटर के रूप में कार्यरत हैं। चारा कटर एक तरह से महावत के सहयोगी होते हैं, जो हाथियों की देखरेख व उनकी सेवा करते हैं। पूरी जिंदगी जिस हाथी के साथ रहकर उसकी सेवा में गुजार दी, उसी हाथी ने महावत बुधराम को जब मौत के घाट उतार दिया तो उसके दोनों बेटे सदमे में हैं। पन्ना टाइगर रिजर्व के अन्य दूसरे महावत व चारा कटर भी इस घटना के बाद से डरे और सहमे हुए हैं।

मृतक के परिजनों को मिलेगी आर्थिक सहायता 

हाथी के हमले से असमय काल कवलित हुए महावत बुधराम के परिजनों को हरसंभव आर्थिक सहायता पार्क प्रबंधन द्वारा प्रदान की जाएगी। क्षेत्र संचालक श्री शर्मा ने बताया कि बुधराम स्थाई वनकर्मी के रूप में पदस्थ रहे हैं। तात्कालिक रूप से उनके परिजनों को 2 लाख रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है। इसके अलावा भी शासन के नियमानुसार जो भी प्रावधान होंगे, हर संभव मदद की जाएगी। आपने बताया कि वन्य प्राणी के हमले में हुई मौत पर अतिरिक्त सहायता राशि प्रदान करने का प्रावधान है, वह राशि भी परिजनों को मिलेगी।

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