- स्थापना व निर्माण के लिए राशि आवंटित
- खनिज मंत्री के प्रयास से मिली बड़ी सौगात
- उम्मीद है वर्षों से रिक्त पड़े पद भी भरेंगें
पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में डायमण्ड पार्क की स्थापना के साथ ही खनिज कार्यालय पन्ना के सामने स्थित शासकीय भूमि पर हीरा कार्यालय भवन निर्माण का कार्य होगा, इसके लिए राशि स्वीकृत हुई है। खनिज साधन एवं श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह के विशेष प्रयास से जिले को छः विकास कार्यों की सौगात मिली है, जिसमें डायमण्ड पार्क की स्थापना व हीरा कार्यालय भवन का निर्माण कार्य शामिल है। खनिज साधन विभाग के डीएमएफ मद से सभी कार्य स्वीकृत किए गए हैं।
मिली अधिकृत जानकारी के मुताबिक पन्ना नगर में पानी की सुलभ उपलब्धता के लिए कटरा डैम से लोकपाल सागर तक 6 किलोमीटर और निरपत सागर से पहाड़कोठी तक पाइपलाइन बिछाने का कार्य शीघ्र शुरू होगा। इसके लिए तीन करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की गई है। इसी तरह पन्ना विधानसभा अंतर्गत विभिन्न मजरा टोलों में 12 करोड़ 73 लाख की राशि से विद्युतीकरण का कार्य किया जाएगा। शासकीय उत्कृष्ट उ.मा.विद्यालय के खेल मैदान को सुरक्षित और संरक्षित रखने के लिए बाउण्ड्रीवाल निर्माण के लिए 8 लाख रूपए राशि की स्वीकृति भी प्रदान की गई है। इसके अलावा अजयपाल पर्यटन स्थल के पहुंचमार्ग की सड़क चौड़ीकरण निर्माण कार्य के लिए 6 करोड़ रूपए तथा खनिज कार्यालय पन्ना के सामने स्थित शासकीय भूमि पर हीरा कार्यालय भवन निर्माण के लिए 1 करोड़ 41 लाख की स्वीकृति भी प्रदान की गई है। पन्ना जिले में डायमण्ड पार्क स्थापना के लिए 3 करोड़ 98 लाख रूपए राशि का आवंटन भी किया गया है। उम्मीद की जाती है कि नवीन हीरा कार्यालय भवन का निर्माण होने के साथ ही इस कार्यालय में वर्षों से रिक्त पड़े पदों को भी भरा जायेगा ताकि हीरा कार्यालय का कार्य ठीक ढंग से संपादित हो सके।
उल्लेखनीय है कि पन्ना स्थित देश के इकलौते हीरा कार्यालय में हीरा अधिकारी सहित हीरा पारखी एक सीनियर व तीन जूनियर, इंस्पेक्टर के तीन पद, ऑफिस सुपरिटेंडेंट एक पद, लिपिक चार पद, हवलदार तीन पद, सिपाही तीस पद, मेठ तीन पद, क्षेत्रीय सहायक एक पद, ड्राइवर एक पद, चौकीदार दो पद तथा भृत्य के दो पद स्वीकृत हैं। लेकिन मौजूदा समय इस ऑफिस में हीरा पारखी सहित कुल पांच कर्मचारी बचे हैं जो किसी तरह एक कमरे में सिमट चुके हीरा कार्यालय को चला रहे हैं। मौजूदा समय नवीन कलेक्ट्रेट भवन में हीरा कार्यालय महज एक छोटे से कमरे में संचालित है, जिसमें बैठने तक को जगह नहीं है। हालात ये हैं कि हीरा कार्यालय का आधे से भी अधिक सामान महेन्द्र भवन स्थित पुराने ऑफिस में पड़ा हुआ है।
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