- पूरे दिन घना कोहरा होने के कारण सूर्य देव के दर्शन हुए दुर्लभ
- रिमझिम बारिश ने बदला मौसम का मिजाज, ठण्ड का प्रकोप
घने कोहरे की चादर के बीच मंदिरों के शहर पन्ना के बाईपास व चौपड़ा मंदिर मार्ग का नजारा। |
।। अरुण सिंह ।।
पन्ना। मंदिरों का शहर पन्ना इन दिनों भीषण शीत लहर और घने कोहरे की चपेट में है। आज शाम को रिमझिम बारिश होने के साथ ही मौसम का मिजाज तेजी से बदला और ठण्ड ने कहर ढाना शुरू कर दिया। मौजूदा समय जिले का अधिकतम तथा न्यूनतम तापमान औसत से नीचे बना हुआ है। तेज ठण्ड तथा कोहरे के कारण आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। बीते कई दिनों से घना कोहरा होने के कारण सूर्य देव के दर्शन दुर्लभ हो गये हैं। पूरे दिन सर्द हवाओं के कारण ठण्ड का प्रकोप कायम रहता है, जिससे लोग रजाई के भीतर दुबकने को मजबूर हैं। कोहरे का आलम यह है कि दिन में भी वाहनों को लाइट जलाकर चलना पड़ रहा है। सुबह के समय तो 10 मीटर दूर का भी साफ दिखाई नहीं देता।
उल्लेखनीय है कि पन्ना शहर इन दिनों शीत लहर की चपेट में है। बर्फीली हवाओं के चलने से ठण्ड के तेवर आक्रामक हो रहे हैं, जिससे आम जन जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। भीषण ठण्ड व घने कोहरे के चलते सुबह जल्दी उठने वाले लोग भी नौ बजे के पहले रजाई नहीं छोड़ रहे। सबसे बुरी दशा रोज कमाने वाले गरीब मजदूरों की है, जिन्हें इस हाड़ कंपा देने वाली शीत लहर में ठिठुरना पड़ रहा है।
नया साल शुरू होने के पहले से ही ठण्ड का यह दौर शुरू हुआ है जो निरन्तर बढ़ता ही जा रहा है। अब तो ठण्ड भीषण शीतलहर में तब्दील हो चुकी है, फलस्वरूप दिन में भी ठिठुरन बनी रहती है। इस शीतलहर का घरेलू कामकाजी महिलाओं की दिनचर्या में जहां खासा असर पड़ा है, वहीं सरकारी कामकाज भी ठण्ड से प्रभावित हो रहा है। बर्फीली हवाओं के तीखे तेवरों का असर सुबह की सैर के सौखिनों पर भी पड़ा है। सुबह ५ बजे से ताजी हवा खाने व चहल कदमी करने के लिये सैर पर निकलने वाले लोग अब कम ही नजर आते हैं।
शीतलहर से बचाव के लिए एडवायजरी जारी
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा वर्तमान मौसम में शीतलहर के दृष्टिगत सुरक्षा के उपाय के संबंध में एडवायजरी जारी की गई है। सर्दी के मौसम में शीतलहर से बचाव के लिए बताया गया है कि जितना संभव हो घर के अंदर रहना चाहिए। ठंडी हवा से बचने के लिए कम से कम यात्रा करें। अपने शरीर को सुखाकर रखें। कपडे़ गीले होने पर तुरंत बदलना चाहिए, जिससे शरीर की उष्मा बनी रहे। मौसम की ताजा जानकारी के लिए संचार माध्यमों के उपयोग सहित नियमित रूप से गर्म पेय पीने और बुजुर्गों एवं बच्चों का विशेष ख्याल रखने की सलाह दी गई है।
यह भी बताया गया है कि शीतदंश के लक्षणों जैसे उंगलियों, पैर की उंगलियों, कानों की लोब और नाक की नोक पर सुन्नता, सफेदी या पीलेपन के प्रति सजग रहें। शीतदंश से प्रभावित हिस्से की मालिश न करें। इससे अधिक नुकसान हो सकता है। इसके अलावा शीतदंश से प्रभावित शरीर के हिस्सों को गुनगुने पानी में डालें और कंपकंपी को नजरअंदाज न करें। यह एक महत्वपूर्ण अग्रिम संकेत है कि शरीर गर्मी खो रहा है। कंपकंपी महसूस होने पर तुरंत घर लौटें।
प्राधिकरण द्वारा हाइपोथर्मिया की स्थिति में बचाव के बारे में अवगत कराया गया है कि व्यक्ति को गर्म स्थान पर ले जाकर कपड़े बदलना चाहिए और शरीर को सूखे कम्बलों, कपड़ों, तौलियों या चादरों से गर्मी दें। शरीर के तापमान को बढ़ाने में मदद करने के लिए गर्म पेय पिलाएं। मादक पेय के सेवन से बचना चाहिए। इसके साथ ही जितनी जल्दी हो सके, व्यक्ति को उचित चिकित्सा उपलब्ध कराना चाहिए। शीतलहर से पहले सुरक्षा के उपाय के बारे में बताया गया है कि सर्दियों के कपड़े पर्याप्त मात्रा में रखें। कपड़ों की कई परतें पहनना भी लाभदायक रहता है। आपातकालीन आपूर्तियों के लिए सभी सामान तैयार रखना चाहिए।
कार्ययोजना तैयार करने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त
जिला कलेक्टर द्वारा जिले में शीतलहर के प्रकोप के दृष्टिगत इससे होने वाली क्षति को कम करने के लिए विभागीय और जिला स्तर पर आवश्यक कार्यवाही तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संशोधित दिशा निर्देश अनुसार कार्ययोजना तैयार करने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। जिला तहसील और विकासखण्ड स्तर पर शीतलहर प्रबंधन के लिए भी नियुक्त लोकसेवकों एवं नोडल अधिकारी को दायित्व सौंपा गया है।
संयुक्त कलेक्टर एवं राहत शाखा के प्रभारी अधिकारी कुशल सिंह गौतम को जिला स्तरीय नोडल अधिकारी बनाया गया है, जबकि समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को अनुभाग स्तरीय, तहसीलदार को तहसील स्तरीय सहायक नोडल अधिकारी, जनपद क्षेत्र में जनपद पंचायत सीईओ को जनपद स्तरीय सहायक नोडल अधिकारी, नगरीय क्षेत्र में नगरीय निकायों के सीएमओ को नगरीय निकाय स्तरीय सहायक नोडल अधिकारी का दायित्व सौंपा गया है। नोडल अधिकारियों को शासन तथा प्राधिकरण के निर्देशानुसार शीतलहर से बचाव के लिए जारी एडवायजरी और निर्देशों का क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं। संबंधित विभागीय अधिकारियों को भी आवश्यक दायित्व सौंपा गया है।
शीतलहर से पशुओं का करें बचाव
पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा वर्तमान में ठण्ड के मौसम के दृष्टिगत शीतलहर से पश्ुाओं के बचाव के लिए सलाह जारी की गई है। विभाग के उप संचालक डा. डी.पी. तिवारी ने बताया कि पशुपालक एवं गौशाला संचालक गौवंश के बचाव एवं रखरखाव का विशेष ध्यान रखें। गौवंश को सर्दी से बचाव के लिए यह ध्यान रखा जाए कि आवास सूखा एवं सुविधाजनक हो तथा गौवंश के लिए पर्याप्त चारा-भूसा की उपलब्धता हो। गौवंश को मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए आवश्यक उपचार और टीकाकरण के लिए भी कहा है।
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