- कंकड़ और पत्थरों के बीच मिल जाते हैं वेशकीमती हीरे
- बड़ी संख्या में आज भी यहाँ लोग करते हैं हीरों की तलाश
पन्ना जिले से प्रवाहित होने वाली बाघिन नदी का द्रश्य जहाँ वेशकीमती हीरे मिलते हैं। |
।। अरुण सिंह ।।
पन्ना। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में एक नदी ऐसी भी है, जिसने अब तक सैकड़ो लोगों को रंक से राजा बना दिया है। इस नदी में कंकर और पत्थरों के बीच वेशकीमती हीरे मिलते हैं। यदा कदा जिस किसी के हाथ हीरे लग जाते हैं, उसकी किस्मत चमक जाती है। पल भर में रंक से राजा बना देने वाली रत्नगर्भा बाघिन नदी के आसपास आज भी बड़ी संख्या में लोग हीरों की तलाश करते हैं।
इस अनूठी नदी की उत्पत्ति सुतीक्ष्ण मुनि की तपोभूमि सारंगधर मंदिर के निकट हुई है। यहां से यह नदी इटवां, सिरस्वाहा, बृजपुर, रमखिरिया, गहरा, गजना धर्मपुर होते हुए बृहस्पति कुंड में गिरती है। हैरत की बात यह है कि बाघिन नदी जिले में जहां-जहां से होकर प्रवाहित होती है, उस पूरे इलाके में हीरा मिलता है। बाघिन नदी के कछार में चलने वाली पतालिया, जमुनिहाई, चांदा डबरी, सिरसा द्वारा की खदानें प्रसिद्ध रही हैं। यहां की उथली हीरा खदानों से हर साल करोड़ों रुपए कीमत के हीरे निकलते हैं।
बाघिन नदी के किनारे रमखिरिया गांव के पास विगत चार दशक पूर्व तक एनएमडीसी द्वारा भी हीरों का उत्खनन कराया जाता रहा है। वर्तमान में इस जगह पर अब जवाहर नवोदय विद्यालय संचालित है। लगभग तीन दशक तक एनएमडीसी द्वारा बाघिन नदी के ऊपर संयंत्र चलाया जाता रहा है, जहां से लाखों कैरेट हीरों का उत्पादन हुआ है। 90 के दशक में एनएमडीसी का रमखिरिया प्लांट बंद कर दिया गया और मझगवां में नया संयंत्र स्थापित किया जाकर वहां हीरों का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाने लगा। मौजूदा समय मझगवां स्थित एनएमडीसी प्लांट भी बंद है।
नदी के किनारे कंकर और पत्थरों के बीच हीरों की तलाश करते ग्रामीण। |
जानकारों का कहना है कि रमखिरिया हीरा खदान में एनएमडीसी द्वारा बाघिन नदी के पानी का उपयोग किया जाता रहा है। फलस्वरुप एनएमडीसी के हीरे इस नदी में बह जाया करते थे। नदी में बहे यही हीरे लोगों को मिलते रहे हैं। बाघिन नदी की धार में अब तक कितने लोगों की किस्मत चमकी है, इसकी सही व प्रमाणिक संख्या किसी के भी पास नहीं है। लेकिन इतना तय है कि यह संख्या सैकड़ो में है।
जानकार बताते हैं कि बाघिन नदी का कछार हीरा प्राप्ति के लिए काफी प्रसिद्ध है। इस नदी के पतालिया, जमुनिहाई, चांदा डबरी व सिरसा द्वारा की खदानों में अच्छी किस्म के हीरे निकलते हैं। लेकिन यहां से प्राप्त होने वाले ज्यादातर हीरों की बिक्री चोरी छुपे कर दी जाती है, प्राप्त होने वाले हीरों को हीरा कार्यालय में जमा नहीं किया जाता। ऐसी स्थिति में खदानों से प्राप्त होने वाले हीरों की सही जानकारी नहीं मिल पाती।
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