Sunday, February 25, 2024

क्या दुनिया विनाश की ओर जा रही है ?

 

विश्व प्रसिद्ध रहस्यदर्शी ओशो के सर्वाधिक निकट रहने वाले उनके शिष्य और लेखक स्वामी अगेह भारती। 

।। स्वामी अगेह भारती ।।  

विख्यात फिजिसिस्ट स्टीफन हाकिंग ने 2017 में कहा था कि मनुष्य का जीवन पृथ्वी पर 100 वर्ष और है बस. और 600 वर्षो में पृथ्वी आग का एक गोला रह जाएगी. जिसे और जीना हो अभी से दूसरे ग्रहों पर जाने के उपाय करने लगे. पहला खतरा उसने बताया बढ़ता तापमान. दूसरा बताया परमाणु बमों के ढेर. तीसरा तेजी से बढ़ती आबादी. सुझाया एक विश्व सरकार की तत्काल जरुरत. बमो को निष्क्रिय करो.

14 फ़रवरी 2016 को  न्यूज़ नेशन के रात 9.30 बजे के न्यूज़ में बताया गया कि नासा ने महा विनाश का अल्टीमेटम दिया.184 देशों के 15000 वैज्ञानिकों का एक सेमिनार ओरेगॉन स्टेट यूनिवर्सिटी में हुआ. अंत में उन्होंने न्यूज़ रिलीज़ किया  " वर्ल्डस साइंटिस्टस सेकंड वार्निंग टु ह्युमानिटी " (विश्व के वैज्ञानिकों की मानवता को दूसरी चेतावनी)

क्लाइमेंट ट्रेंड की डायरेक्टर डॉ आरती खोसला ने  चेतावनी देते हुए कहा है कि 1.5 डिग्री सेल्सियस तक तापमान बढ़ा तबतो किसी तरह सम्हाला जा सकेगा लेकिन इससे अधिक बढ़ा तो मनुष्य को बहुत बुरे दिन देखने होंगे. गत गर्मी में ही कनाडा का बुरा हाल था. भारत में भी राजस्थान में भी अनेक स्थलों पर बुरा हाल था.

मैं कहना यह चाहता हूं कि भारत में जन्मे बुद्ध पुरुष ओशो इस सब की चेतावनी 1962 से ही देते रहे हैं. वे तो बचने के उपाय भी बताते रहे है. किन्तु नासमझ मीडिया ने उनको सेक्स गुरु टाइटल देकर एक तरह से अलग ही कर दिया है. जबकि उनकी बोली गयी 650 पुस्तकों में एक का नाम है 'सम्भोग से समाधि की ओर '. इसको भी मीडिया ने नाम दे दिया 'सम्भोग से समाधि.' जबकि डॉ. हरिवंश राय बच्चन ने तो कहा कि यह पुस्तक कॉलेजेस में टेक्स्ट बुक होना चाहिए. और शादियों में दहेज़ में दिया जाना चाहिए. इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ़ इंडिया के तत्कालीन सम्पादक खुशवंत सिंह ने 1980 में एडिटोरियल लिखा है कि इस कण्ट्रोवरसियल पुस्तक को जब मैंने देखना शुरू किया तो चकित रह गया. एक एक शब्द अपार प्रज्ञा से भरा है. 16 से 60 वर्ष के हर इंसान को इसे पढना चाहिए.

ऑस्ट्रेलिया व  अमेरिका के जंगलों में आग लगती है तो महीनों लग जाते हैं बुझाने में. गलेशियर  तेजी से पिघल रहे हैं. कुदरत से छेड़ छाड़, टूरीज़्म के नाम पर  होटलों का निर्माण. सारे देश में  पटाखों के कारखाने, रावण, होलिका दहन तत्काल बंद कर देना चाहिए. अपने भीतर के रावण व होलिका को जलाना चाहिए.

दुनिया के वैज्ञानिक जिस तरह चिंतित है उस तरफ राजनीतिज्ञ ध्यान नहीं दे रहे हैं जिनके हाथ में ताकत है. यह चिंताजनक है. ओशो नें अपने आखिरी दिनों में कहा था कि सब एक हो जाओ या एक साथ विदा होने को. तैयार रहो.

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