Friday, August 9, 2024

रामलोटन कुशवाहा को मिलेगा एमपी राज्य जैवविविधता का प्रथम पुरस्कार

  • तीन लाख रुपये के प्रथम पुरस्कार हेतु हुआ चयन 
  • एक सतत संघर्ष का नाम है राम लोटन कुशवाहा

              

तुमड़ी मैन के नाम से प्रसिद्ध साधारण से ग्रामीण वैद्य रामलोटन कुशवाहा। 

।। बाबूलाल दाहिया ।।

विंध्य सहित समूचे मध्यप्रदेश के लिए एक बहुत ही सुखद समाचार मिला है। वह यह कि हमारे अजीज साथी  राम लोटन कुशवाहा को मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा 3 लाख रुपये के प्रथम जैव विविधता पुरस्कार हेतु चुना गया है। इसके दो वर्ष पहले भी अपने मन की बात में प्रधान मंत्री जी उनके कार्यो की प्रशंसा कर चुके हैं।

65 वर्षीय रामलोटन कुशवाहा कोई हाई फाई व्यक्ति नहीं बल्कि मात्र दूसरी कक्षा तक शिक्षा प्राप्त एक साधारण से ग्रामीण वैद्य हैं, जो जड़ी बूटियों से साधारण चिकित्सा करते हैं। परन्तु उनके इरादे उच्चकोटि के हैं। उनका निवास विस्तृत परसमनिया पठार के ठीक तलहटी में पिथौरावाद ग्राम की नई बस्ती में है और पर्यावरण जैव विविधता संरक्षण में विगत 25 वर्षो से काम करने वाली एक संस्था (सर्जना सामाजिक सांस्कृतिक एवं साहित्यिक मंच) के उपाध्यक्ष हैं।

जंगल तो अनेक लोग जाते हैं, पर उसे देखने का नजरिया अलग- अलग होता है। रामलोटन ने महसूस किया कि " जब मैं 10-12 वर्ष पहले परसमनिया पठार के जंगल में जड़ी बूटियों की तलाश में जाता था, तो वह आस-पास ही मिल जाती थीं। पर अब धीरे-धीरे समाप्त सी होती जा रही हैं ? विलुप्तता की यदि यही गति रही तो कुछ वर्ष में तो वह कहीं खोजने में भी नही मिलेंगी। अस्तु वे अपनी छोटी सी वाटिका में उनके बीजों कन्दों आदि को उगाने लगे। वर्ष 2017 में जब मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड के तत्कालीन मेम्वर सेक्रेट्री श्री आर.श्रीनिवास मूर्ति जी एक पांच सदस्यीय टीम को मध्य प्रदेश के 40 जिलों में परम्परागत बीज बचाओ यात्रा में भेजा तो उस दल के एक सदस्य रामलोटन भी हो गए।

परन्तु वहां भी उनकी निगाह जड़ी बूटियों और दुर्लभ प्रकार के सब्जी बीजों पर ही हुआ करती थी। उनने उस यात्रा में इतनी लौकी की अलग-अलग किस्में एकत्र किया कि हमारे साथी जगदीश सिंह यादव, नीलेश कपूर एवं शैलेश सिंह उनका नाम ही (तुमड़ी मेन) रख लिया था। परन्तु तुमड़ी भर नही आज उनकी बगिया में अनेक पेड़ पौधे बनस्पतियों कन्दों की भी अलग-अलग किस्में हैं। यही कारण है कि उनके लिए एक बघेली कहावत ही बन गई है कि- "जउन कहउं न मिलय व राम लोटन के बगिया म मिल जई।" 

इतना ही नही उनके बगिया में देश विदेश के लोग तो आते ही हैं पर जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव श्री सुधीर कुमार, डॉ. एस.पी.रयाल, डॉ राम गोपाल सोनी, श्री आर.श्रीनिवास मूर्ति, पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव श्री बी.एम.एस. राठौर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री बी.बी.सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री चितरंजन त्यागी एवं undp, gef, sgp के कंट्री प्रोग्राम मैनेजर श्री प्रभजोत सोढ़ी नई दिल्ली आदि देश प्रदेश की अनेक हस्तियां भी पधार चुकी हैं।

श्री रामलोटन कुशवाहा को इस उपलब्धि हेतु कोटिशः बधाई एवं शुभकामनाएं।

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