Monday, June 17, 2019

पन्ना जिले के लिये अभिशाप है केन-बेतवा लिंक परियोजना


  •   जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिव्यारानी सिंह  ने परियोजना का किया विरोध
  •   मामले को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री को दुष्परिणामों से कराया जायेगा अवगत
  •   बाघों से आबाद पन्ना टाइगर रिज़र्व डुबाने नहीं दिया जायेगा 


पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिव्या रानी सिंह 

अरुण सिंह,पन्ना। केन-बेतवा लिंक परियोजना पन्ना जिले के लिये अभिशाप साबित होगी, इसलिये पिछले दो दशकों से विवादों में घिरी इस लिंक परियोजना का न सिर्फ पुरजोर विरोध किया जायेगा अपितु इसके दुष्परिणामों से प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ जी से मुलाकात कर उन्हें हकीकत से अवगत कराया जायेगा। यह बात जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष श्रीमति दिव्यारानी सिंह  ने आज प्रदेश सरकार के 6 माह पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित प्रेसवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि परियोजना के डूब क्षेत्र में पन्ना टाईगर रिजर्व का बड़ा हिस्सा आ रहा है, जिससे बाघों का रहवास न सिर्फ नष्ट हो जायेगा बल्कि पन्ना टाईगर रिजर्व दो हिस्सों में विभाजित हो जायेगा। जिससे वन्य प्राणियों विशेषकर बाघों की मॉनीटरिंग सही ढंग से सम्भव नहीं हो पायेगी।
जिला कांगे्रस अध्यक्ष ने पत्रकारों को बताया कि पन्ना जिले में वैसे भी पानी की कमी है, भू-जल की स्थिति चिन्ताजनक है। यहां 6सौ फिट गहराई पर भी अपेक्षित पानी नहीं मिलता। यदि केन नदी को एक जगह रोककर उसके नैसर्गिक प्रवाह को बाधित कर दिया गया तो ग्राउण्ड वाटर खत्म हो जायेगा, नतीजतन केन नदी के किनारे बसे ग्रामों में भी लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ेगा। ऐसी स्थिति बनने पर दर्जनों ग्रामों के लोगों को पलायन करने के लिये मजबूर होना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि केन नदी ऊपर और बेतवा नीचे है, इसलिये केन का पानी तो बेतवा में चला जायेगा, लेकिन यहां सूखा पडऩे व पानी की जरूरत होने पर बेतवा का पानी केन में नहीं आ सकता। इसलिये यह परियोजना इस अंचल के लिये न्याय संगत नहीं कही जा सकती। जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 10 वर्ष पूर्व पन्ना टाईगर रिजर्व बाघ विहीन हो गया था। जिसे बाघ पुनर्स्थापना योजना के तहत एक बार फिर से आबाद किया गया है। अब केन-बेतवा लिंक परियोजना के द्वारा बाघों के इस बसेरा को डुबोने की तैयारी की जा रही है, जिसे पन्ना जिले के लोग किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।
मालुम हो कि केन-बेतवा लिंक परियोजना में शामिल केन नदी की कुल लम्बाई 427 किमी है। ढोढऩ में जहां बांध बन रहा है, वहां से केन नदी की डाउन स्ट्रीम की लम्बाई 270 किमी है। बांध में कांक्रीट डेम का हिस्सा 798 मीटर और मिट्टी के बांध की लम्बाई 1233 मी. है। बांध की ऊँचाई 77 मी. है। ढोढऩ बांध से बेतवा नदी में पानी ले जाने वाली ङ्क्षलक कैनाल की लम्बाई 220.624 किमी होगी। बांध का डूब क्षेत्र पन्ना टाईगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में शामिल है। मौजूदा समय पन्ना टाईगर रिजर्व में 40 से भी अधिक बाघ हैं, इसके अलावा इस वन क्षेत्र में बड़ी तादाद में दुर्लभ प्रजाति के अनेकों जीव-जन्तु भी हैं। योजना में इस वन क्षेत्र के डूब में आ जाने से बाघों सहित अन्य जीव-जन्तुओं को अपना रहवास छोड़ पलायन करना पड़ेगा। यही वजह है कि पर्यावरण एवं वन्य जीव प्रेमी तथा कई समाजसेवी संस्थायें इस विवादित लिंक परियोजना को पर्यावरण के विरूद्ध बताते हुये इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं। जिला कांग्रेस अध्यक्ष सहित जिले के कांग्रेसजनों ने भी लिंक  परियोजना को विरोध में मुहिम छेडऩे की बात कही है। इस मौके पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिव्यारानी सिंह, वरिष्ठ कांग्रेस नेता रवीन्द्र शुक्ला, पुष्पेन्द्र सिंह परमार, केशव प्रताप सिंह, मनीष शर्मा, दीपचन्द्र अग्रवाल सहित अनेकों कांग्रेस नेता व पदाधिकारी मौजूद रहे।
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