Friday, July 5, 2019

पन्ना जिले में सुरक्षित प्रसव के दावे साबित हो रहे खोखले

  •   मातृ एवं शिशु मृत्यु का जिले में नहीं थम रहा सिलसिला
  •   प्रसव के दौरान जिला अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत


प्रसूता की मौत के बाद विलाप करते हुये पीएम के लिये जाते परिजन।  
 
अरुण सिंह,पन्ना। शिशु और मातृ मृत्युदर के मामले में वर्षों से प्रदेश व देश में अग्रणी रहा पन्ना जिला अब प्रसव के दौरान होने वाली मौतों के मामले में नया रिकार्ड बनाने की ओर अग्रसर प्रतीत होता है। स्वास्थ्य महकमे द्वारा किये जाने वाले सुरक्षित प्रसव के दावे खोखले साबित हो रहे हैं । क्योंकि जिले में मातृ एवं शिशु मृत्यु का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। विगत 4 जुलाई को जिला चिकित्सालय पन्ना में प्रसव के लिये भर्ती एक महिला एवं उसके गर्भस्थ शिशु की अचानक संदेहजनक परिस्थितियों में मौत होने की खबर जिस तरह से सामने आई है, उससे यहां की व्यवस्थायें एक बार फिर सवालों के घेरे में हैं।
मामले के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार बृजपुर निवासी प्रसूता रेनू लखेरा पति रूपेश लखेरा को प्रसव पीड़ा होने के चलते जिला चिकित्सालय में भर्ती किया गया था। जब उसे भर्ती किया गया था तब उसकी हालत सामान्य थी और सभी जाँच रिपोर्ट भी सामान्य आई थीं। जिसके चलते डॉक्टरों का कहना था कि डिलेवरी सामान्य होगी। लेकिन समय बीतने के साथ और दवाई देने के बाद भी देर रात तक सामान्य रूप से प्रसव न होने के कारण डॉक्टरों की टीम ने निर्णय लिया कि डिलेवरी ऑपरेशन के द्वारा होगी। तब रात लगभग 3 बजे ऑपरेशन की सम्पूर्ण तैयारी के साथ निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. स्मृति गुप्ता ने जैसे ही प्रसूता को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया तब उसकी हालत बिगडऩे लगी। तब पूरी टीम द्वारा प्रसूता की स्थिति को नियंत्रण में करने का प्रयास किया गया। बावजूद इसके हालत और भी गंभीर होती गई और अंतत: प्रसूता रेनू के साथ पेट में ही उसके बच्चे की मौत हो गई।

परिजनों ने किया हंगामा, लगाये आरोप

परिजनों को जैसे ही रेनू की मौत की खबर लगी वह सब सदमे में आ गये और अस्पताल में हंगामा करते हुये अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगाते हुये कहा कि जब हमने रेनू को भर्ती किया था तो वह पूर्णत: स्वस्थ थी और सभी जाँच रिपोर्ट भी सामान्य थीं। डॉक्टरों द्वारा कहा गया था कि सामान्य डिलेवरी होगी फिर ऐसा क्या हो गया कि जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई। परिजनों ने इलाज के दौरान लापरवाही के आरोप लगाये हैं। परिजनों का कहना है कि दो साल पूर्व शादी हुई थी और अब हमारे घर में खुशियां आनी थीं जो अब गम में बदल गईं। परिजन सहित काफ ी संख्या में एकत्रित लोगों ने हंगामा करते हुये जाँच की माँग की तथा दोषियों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की बात कही।

जेठ ने लगाये गुमराह करने के आरोप

रेनू लखेरा के जेठ रत्नेश लखेरा ने बताया कि मैं बहू को लेकर आया था जिस समय उसे भर्ती किया गया था उस समय वह बिल्कुल सामान्य थी। रात करीब 11 बजे हमें डॉक्टरों ने बताया कि ऑपरेशन से डिलेवरी होगी। जिस पर हमारे द्वारा हां कह दिया गया। डॉक्टरों द्वारा हमें दवाईयों का पर्चा थमा दिया गया जिस पर हम बाहर मेडिकल स्टोर से दवाईयां लेकर आये। जैसे ही हमने दवाई लाकर दीं तो डॉक्टर बोले कि ऑपरेशन में रक्त की आवश्यकता पड़ेगी उसकी व्यवस्था करें, तब हम ब्लड बैंक गये वहां बताया गया कि आपको जितना ब्डल चाहिये उसके बदले उतना ब्लड देना पड़ेगा। जिस पर मैं तैयार हो गया और वापस लौटकर डॉक्टरों के पास आया तब तक रात काफ ी हो चुकी थी। जैसे ही मैं ऑपरेशन थियेटर के पास पहुँचा तब डॉक्टरों ने हमसे बात ही नहीं की। लगभग दो घण्टे तक हम लोग परेशान रहे। रात 3 बजे मेरी बहू को ऑक्सीजन व बॉटल लगाकर बाहर परिजनों के पास लिटा दिया और मुझे दूर ले जाकर बताया गया कि हार्ट अटैक आ जाने से रेनू की मौत हो गई है अब कुछ नहीं हो सकता। घटना को लेकर जिला अस्पताल में हंगामा कर रहे परिजन व अन्य लोगों को मौके पर पहुँची पुलिस द्वारा जाँच कर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया। साथ ही उन्हें समझाईश दी गई तब कहीं जाकर परिजन शांत हुये और शव को पीएम के लिये भेजा गया।

इनका कहना है...

0  प्रसूता बुधवार दोपहर को भर्ती की गई थी सामान्य प्रसव की संभावना थी दवाई के बाद भी बच्चेदानी का मुँह नहीं खुलने पर रात को ऑपरेशन की तैयारी की गई। पूरी टीम की उपस्थिति में जैसे ही बेहोशी का इंजेक्शन लगाने लगे उसी समय प्रसूता की हालत बिगडऩे लगी। डॉक्टरों द्वारा आधे घण्टे तक प्रयास किया गया लेकिन हालत बिगड़ती गई और उसकी मौत हो गई। शव का पीएम कराया गया है रिपोर्ट आने के बाद अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उस पर कार्यवाही की जायेगी।
डॉ. एस.एस. त्रिपाठी, सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय पन्ना

दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर 




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जुड़वा बच्चों को जन्म देने के बाद प्रसूता की हुई मौत

 जिला चिकित्सालय पन्ना में ऑपरेशन थियेटर के बाहर विलाप करते परिजन।    
 
 जिला चिकित्सालय पन्ना में प्रसव के दौरान जच्चा बच्चा की मौत को अभी  चौबीस घण्टे भी  नहीं बीते थे कि चिकित्स्कीय  लापरवाही और व्यवस्थाओं  कमी के चलते एक और महिला  की मौत हो गई।  महिला  मौत का यह मामला  पवई सामुदायिक  स्वास्थ्य केन्द्र से सामने आया। जहां एक गर्भवती महिला सविता सोनी पति केदार नाथ सोनी निवासी पवई ने दो मासूम बच्चों को जन्म दिया। उसके बाद उसकी अचानक तबीयत बिगड़ गई। वहां के डॉक्टरों ने उसे तत्काल पन्ना जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया जहां आते ही उसकी मौत हो गई।

इनका कहना है...

 जब हम पवई स्वास्थ्य केन्द्र गये तो वहां के डॉक्टर ने सारी रिपोर्ट देखकर सविता को स्वस्थ बताया था और डिलेवरी करा दी। जिसके बाद ही महिला की तबीयत अचानक बिगडऩे लगी और मुझे लगता है कि उसकी मौत हो गई थी। लेकिन डॉक्टरों ने ऑक्सीजन लगाकर पन्ना के लिये रेफर कर दिया और यहां के डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया है।
  • केदार नाथ सोनी, मृतिका के पति, निवासी पवई 
 प्रसूता को खून की कमी थी दो दिन पहले ही मैंने पन्ना जिला चिकित्सालय जाने के लिये कहा था लेकिन वह नहीं गये और उन्होंने सलाह न मनाते हुये यहीं डिलेवरी कराई। महिला को अत्यधिक ब्लीडिंग होने से हालत गंभीर होती चली जा रही थी जिस कारण उसे जिला चिकित्सालय पन्ना के लिये रेफ र कर दिया गया था।
  • डॉ. एम.एल. चौधरी, बीएमओ उपस्वास्थ्य केन्द्र पवई 

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