- 13 राज्यों के 62 जिलों में फंसे हुये हैं पन्ना जिले के प्रवासी श्रमिक
- जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है राज्यों में फंसे श्रमिकों की मदद
प्रवासी मजदूर लॉकडाउन होने के उपरांत पैदल ही अपने गांव की ओर जाते हुये। |
अरुण सिंह, पन्ना । मध्यप्रदेश के पन्ना जिले से देश के विभिन्न राज्यों में जाने वाले प्रवासी मजदूर अभी भी बड़ी संख्या में फंसे हुये हैं। मिली अधिकृत जानकारी के मुताबिक 13 राज्यों के 62 जिलों में 6633 श्रमिक फंसे हुए हैं। कोरोना वायरस संक्रमण रोकथाम के लिए देश में लॉकडाउन होने के उपरांत पन्ना जिले के अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों की पन्ना जिला प्रशासन द्वारा मदद की जा रही है। इन सभी श्रमिकों को आवास, भोजन एवं स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए कलेक्टर कर्मवीर शर्मा द्वारा उन जिलों के कलेक्टरों से विभिन्न माध्यमों से सम्पर्क कर व्यवस्था की गई है। विभिन्न राज्यों से सतत सम्पर्क बनाये रखने का दायित्व सुश्री रचना त्रिपाठी डिप्टी कलेक्टर को सौंपा गया है। वे समय-समय पर संबंधित जिले के अधिकारियों से सम्पर्क कर जानकारियों का आदान प्रदान करती हैं। आवश्यक होने पर संबंधित अधिकारी की बात जिला कलेक्टर श्री शर्मा से कराई जाती हैै। जिससे जिले से बाहर अन्य राज्यों में फंसे व्यक्तियों की सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से की जा रही हैं।
जिला स्तर पर स्थापित जिला कोरोना नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार आंध्रप्रदेश के रंगारेड्डी में 20 व्यक्ति, दिल्ली में 11, ईस्ट दिल्ली में 4, न्यू दिल्ली में 120, नोयडा में 12, साउथ वेस्ट दिल्ली में 957, गोआ के डिवोलिंग में 5, कालमगोट में 100, नार्थ गोआ में 2 व्यक्ति, गुजराज के जामनगर में 27, कच्छ में 5, कानोज में 6, मेहसाना में 3, पंचमहल में 15, सूरत में 267 व्यक्ति, हरियाणा के चरखीडडरी में 40, डडरी में 35, डुडहला में 10, फरिदाबाद में 100, गुडगांव में 1853, गुरूग्राम में 50, हिसार में 143, झांझर में 2, पालम में 5, पालगांव में 2, रीवाडी में 95 व्यक्ति, जम्मू के गांधीनगर में 40, राजोडी में 15, जम्मू में 300 व्यक्ति, कर्नाटक के कटुमोटापा में 7, उडाप्पी में 6, बेंगलुरू में 6 व्यक्ति को सभी तरह की जीवनयापन संबंधी सुविधाए दी जा रही है। इसी प्रकार महाराष्ट्र के अहमदनगर में 13, चंडीगढ में 20, कंडवाई में 3, खेरगढ में 50, मुम्बई में 106, पालघर में 52, पुणे में 422, रायगढ में 634, सतारा में 16, सेंघली में 70, शेरगंवा में 12, थाडे में 55 व्यक्ति, पंजाब के पठानकोट में 8, राजस्थान के अजमेर में 26, अलवर में 338, चौपंगी में 8, गणपतीनगर में 10, हनुमानगढ में 10, जयपुर में 9, कोटा में 2 व्यक्ति, तेलंगना के हेदराबाद में 84, सहागराड्डी में 2 व्यक्ति, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 2, कानपुर में 2, मेरठ में 10, प्रयागराज में 5, रोहतक में 5, सिकंदराबाद में 26 व्यक्ति तथा उत्तराखण्ड के देहरादून में 70 एवं सतनगर में 300 व्यक्ति को सुविधायें दी जा रही हैं।
अन्य राज्यों व जिलों से अब तक 11976 लोग आये
कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन होने के कारण जिले के अन्य राज्यों एवं जिलों में फंसे व्यक्तियों को शासन की मदद से जिले में लाया गया। 27 मार्च तक जिले में 5498 व्यक्ति आ चुके थे। उसके बाद 6478 व्यक्तियों का आना जिले में हुआ। अब तक जिले में 11976 लोग बाहर से आये हैं। इन सभी का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इन आने वाले व्यक्तियों में बहुत से पूर्णतः स्वस्थ हैं जिन्हें उनके घर जाने दिया गया। जिले में विभिन्न जनपद पंचायत एवं नगरीय निकाय में ठहरे हुए व्यक्तियों एवं बेसहारा, बेघर परिवारों को दोनो समय भोजन देने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा विभिन्न केन्द्रों में रह रहे परिवारों के बच्चों को दूध, बिस्किट वितरित किया जा रहा है। यह व्यवस्थायें जिले के विभिन्न समाज सेवी संस्थाओं एवं जिला प्रशासन के सहयोग से किया जा रहा है।घुमक्कड आदिवासी परिवारों को दी गयी खाद्यान्न सामग्री
घुमक्कड आदिवासियों को खाद्यान्न प्रदान करते अधिकारी। |
शहर दर शहर, गांव दर गांव भ्रमण कर जडी बूटी बेंचने वाले घुमक्कड आदिवासियों का परिवार अजयगढ तहसील के पास ग्राम पिष्टा में वर्तमान में रह रहा था। लॉकडाउन होने के कारण इनका भ्रमण और व्यवसाय पूरी तरह बंद हो जाने के कारण इनके सामने जीविकोपार्जन की समस्या खडी हो गयी थी। इस आशय की सूचना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा को मिली तो उन्होंने सीईओ जनपद पंचायत को निर्देश दिये कि उन परिवारों से मिलकर उन्हें उचित मूल्य दुकान से खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराई जाये। वहां रहे रहे 28 परिवारों को बगैर किसी राशन कार्ड के खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराई गयी। उन सभी को शासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने की समझाईश दी गयी। उन्हें यह भी निर्देश दिए गये कि इस दौरान लॉकडाउन चल रहा है अपने घर पर ही रहें। बाहर आना जाना बिल्कुल भी न करें।
कोरोना संकट से निपटने मिल रही सहायता राशि
पूर्व मंत्री सुश्री कुसुम सिंह महदेले चेक प्रदान करते हुये। |
कोरोना वायरस संक्रमण का देश में संकट उत्पन्न होने के साथ प्रदेश को संक्रमित प्रदेश घोषित किए जाने के उपरांत विभिन्न संगठनों एवं व्यक्तियों ने सहायता राशि देना प्रारंभ कर दिया गया है। इसी क्रम में पूर्व मंत्री एवं विधायक सुश्री कुसुम सिंह महदेले ने प्रधानमंत्री सहायता कोष के लिए एक लाख रूपये की राशि का चेक तहसीलदार सुश्री दीपा चतुर्वेदी को प्रदान किया। इसी प्रकार जिले के अन्य लोगों द्वारा भी मुख्यमंत्री सहायता कोष एवं रेडक्रास सोसायटी में सहायता राशि प्रदान की जा रही है।
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