Sunday, April 5, 2020

निजी व शासकीय चिकित्सालयों को हर समय तैयार रहने के निर्देश

  •  कलेक्टर ने निजी चिकित्सालय  एवं शासकीय चिकित्सालय की व्यवस्थाओं का लिया जायजा 
  •  जिले की राजस्व सीमाओं को सीलकर बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की हो रही स्क्रीनिंग 


नगर के मदर टेरेसा चिकित्सालय का निरीक्षण करते हुये कलेक्टर कर्मवीर शर्मा साथ में अधिकारी। 

अरुण सिंह,पन्ना। प्रदेश को कोरोना वायरस प्रभावित राज्य घोषित किए जाने के बाद पन्ना जिला प्रशासन द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं। जिले की राजस्व सीमाओं को सील करने के साथ बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का पंजीयन एवं स्क्रीनिंग की जा रही है। इसके अलावा जिले के प्रत्येक नागरिक का सर्वे कर सर्दी, जुखाम, बुखार, गला दर्द, सांस की तकलीफ आदि से पीडित व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा है। कोरोना के संदिग्ध एवं पीडित मरीजों को रखकर उपचारित करने के लिए नगर के निजी चिकित्सालय मदर टेरेसा एवं शासकीय चिकित्सालय में की गयी व्यवस्थाओं का शूक्ष्मता पूर्वक निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिये गये।
कलेक्टर  कर्मवीर शर्मा द्वारा संबंधित अधिकारियों के दल के साथ सर्वप्रथम नगर के मदर टेरेसा चिकित्सालय का निरीक्षण किया गया। इस चिकित्सालय में 45 बेड हैं। चिकित्सालय प्रबंधन को पूर्व में दिए गए निर्देशानुसार वार्ड को पूरी तरह आइसोलेशन करने के साथ रोगियों के प्रवेश जांच एवं निकासी की पृथक पृथक व्यवस्था की गयी है। कलेक्टर द्वारा चिकित्सालय प्रबंधन को निर्देश दिए गए हैं कि चिकित्सालय एवं चिकित्सक दल को हरसमय तैयार रखा जाये।
कलेक्टर ने मदर टेरेसा चिकित्सालय के निरीक्षण के उपरांत शासकीय जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान साथ में चल रहे मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि चिकित्सालय को 2 भागों में बांट दिया गया है। इसी प्रकार ओपीडी भी अलग अलग कर दी गयी हैं। चिकित्सालय के एक हिस्से में सामान्य रोगियों का उपचार करने की व्यवस्था की गयी है। वहीं दूसरे भाग में कोरोना वायरस के संभावित मरीजों के उपचार की व्यवस्था की गयी है। चिकित्सालय के इस भाग को आईसोलेशन किया गया है।  सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि प्रतिदिन जिला चिकित्सालय को पूरी तरह सेनेटाईज किया जाता है। चिकित्सालय के चारोें ओर साफ सफाई के साथ प्रतिदिन कीटनाशक दवा का छिडकाव कराया जा रहा है।
कलेक्टर श्री शर्मा द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए गए कि खण्ड स्तर पर गठित किए गए 4-4 चिकित्सक दलों को हर समय तैयार रखा जाए। जिले में कहीं भी संदेहयात्मक रोगी प्राप्त होता है तो उसे उसके घर में ही क्वारेंटाईन करने की व्यवस्था की जाए। घर पर निगरानी रखते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि संबंधित मरीज होम क्वारेंटाईन से बाहर न आ सके। उस मोहल्ले को पूरी तरह सेनेटाईज करने के साथ लोगों का आवागमन बंद करने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आजीविका मिशन के स्व सहायता समूहों द्वारा सेनेटाईजर एवं मास्क तैयार कर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अब चिकित्सा स्टाफ के लिए मेडिकल ड्रेस तैयार की जा रही है जिसका उपयोग रोगियों के परीक्षण एवं मिलने जुलने के दौरान चिकित्सक दल द्वारा किया जाएगा।

जांच के लिए अब तक भेजे गये 13 नमूने, सभी निगेटिव

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एल.के. तिवारी द्वारा बताया गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा महामारी घोषित नोबल कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए जिले में निरंतर कार्यवाही जारी है। इनमें विदेश से आए 08 लोगों को पूर्व से ही कम्युलेटिव किया गया है। अन्य राज्यों से 05 अप्रैल को 443 व्यक्ति का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इस प्रकार बाहर से आए कुल 10912 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है। जिले के 605 व्यक्तियों का स्क्रीनिंग की गयी। जिले में अब तक 13731 लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इनमें आज दिनांक को 28 लोगों को होम क्वारेन्टाईन किया गया है। अब तक जिले में कुल 1257 व्यक्तियों को होम क्वारेन्टाईन में रखा गया है। कोरोना ओपीडी में सर्दी, खांसी के 89 व्यक्तियों की जांच आज की गयी। अब तक जिले में कोरोना ओपीडी से 1375 व्यक्तियों की जांच की जा चुकी है। आज दिनांक को 4 नमूने लिए गए। अब तक 17 नमूने लिए जा चुके हैं। जिसमें जांच के लिए 13 नमूने भेज गए थे जो सभी निगेटिव पाए गए हैं।
जिले की कार्यरत आरआरटी मोबाईल टीम के द्वारा जिले के ग्रामों का भ्रमण कर चिन्हित होम क्वारेन्टाईन घरों में पहुंचकर स्वैच्छिक होम आइसोलेशन का स्टीकर चस्पा कर ऐसे व्यक्तियों की कलाई में सील लगाने का कार्य किया गया हैै। नोबल कोरोना वायरस संक्रमण के नियंत्रण हेतु जिले में 30 आयुष चिकित्सक, 10 लैब टैक्नीशियन तथा 10 फार्मासिस्ट का वॉक इन इन्टरव्यू के माध्यम से 03 माह हेतु अस्थाई रूप से नियोजित कर लिया गया है। इनकी मोबाइल टीम बनाकर विकासखण्ड अजयगढ में विशेष रूप से स्क्रीनिंग, फॉलोअप एवं परीक्षण कार्य हेतु लगा दिया गया है।
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