Saturday, September 19, 2020

बाघों की मौत व जाँच से पन्ना टाइगर रिज़र्व में हाई अलर्ट

  • सुरक्षा के चलते 7 वर्षीय बाघिन पी-433 का निकाला गया रेडियो कालर
  •  खाल सहित तीन आरोपियों की गिरफ़्तारी होने पर मची है खलबली  

रेडियो कॉलर निकाले जाने के बाद आराम करती बाघिन पी-433  


अरुण सिंह, पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिज़र्व में आज 7 वर्षीय बाघिन  पी-433 का रेडियो कॉलर निकाला गया है। क्षेत्र संचालक के.एस. भदौरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि पन्ना बाघ पुर्नस्थापना योजना के तहत कान्हा से लाई गई अनाथ बाघिन टी-4 की तीसरे लिटर की संतान पी-433 का रेडियो कॉलर टाइट हो गया था। रेडियो कॉलर टाइट होने की बजह से बाघिन को परेशानी हो रही थी। मालुम हो कि जुलाई 2013 में जन्मी  इस बाघिन को 11 दिसंबर 2014 को रेडियो कॉलर पहनाया गया था, उस समय इसकी उम्र महज ढेड़ वर्ष थी।

उल्लेखनीय है कि बीते 8 माह के दौरान पन्ना टाइगर रिज़र्व में जिस तरह से संदिग्ध परिस्थितियों में एक रेडियो कॉलर युक्त बाघिन सहित 5 बाघों की मौत हुई है और केन नदी में सिर विहीन बाघ का शव मिला है, तभी से पन्ना टाइगर रिज़र्व सुर्ख़ियों में बना हुआ है। स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एस.टी.एस.एफ) भोपाल एवं जबलपुर और वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो जबलपुर के संयुक्त दल ने गत दिवस जबलपुर में 03 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से वन्य-प्राणी तेन्दुए की एक नग खाल और वन्यप्राणी चीतल की खाल बरामद हुई है। इन आरोपियों में दो पन्ना जिले के व एक आरोपी पडोसी छतरपुर जिले का है। इनकी गिरफ़्तारी के बाद से पन्ना टाइगर रिज़र्व सहित जिले में खलबली मची हुई है। लोगों को उम्मीद है कि बाघ का सिर काटने वाले आरोपी भी जल्द पकडे जायेंगे। जाँच टीमों द्वारा की जा रही छापेमारी व सक्रियता बढ़ने के बाद से पन्ना टाइगर रिज़र्व हाई अलर्ट पर है। 

बाघिन  पी-433 का रेडियो कॉलर निकाले जाने के सम्बन्ध में क्षेत्र संचालक श्री भदौरिया ने बताया कि इसके रेडियो कॉलर को हटाने हेतु काफी समय से प्रयास जा रहा था, किन्तु वह सही स्थान पर लोकेट नहीं हो पा रही थी। शनिवार को आज हिनौता परिक्षेत्र के गंगऊ बीट में लोकेशन मिलने पर तत्काल रेस्क्यू दल द्वारा मौके पर पहुंच कर बाघिन को सफलतापूर्वक ट्रंकुलाइज कर रेडियो कॉलर निकाला गया। रेडियो कॉलर टाइट होने के कारण उसके गले में 02 छोटे-छोटे घाव पाये गये, जिसका मौके पर उपचार किया गया। आवश्यक उपचार उपरान्त बाघिन को स्वछंद विचरण हेतु स्वस्थ्य हालत में वन क्षेत्र में छोड़ा गया तथा उसकी निगरानी निरंतर जारी है। आपने बताया कि बाघिन का स्वास्थ्य सामान्य पाया गया है। पूरी कार्यवाही क्षेत्र संचालक के मार्गदर्शन व जराण्डे ईश्वर रामहरि उप संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व के नेतृत्व में डॉ. संजीव कुमार गुप्ता वन्यप्राणी चिकित्सक के तकनीकी मार्गदर्शन में पूर्ण की गई। कार्यवाही में डॉ. आर.के. गुरुदेव, सहायक संचालक पन्ना एवं अमर सिंह प्रभारी परिक्षेत्र अधिकारी हिनौता, हाथी महावतों एवं अन्य कर्मचारियों का सराहनीय योगदान रहा।

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