Sunday, September 20, 2020

पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वनों का होना आवश्यक - खनिज मंत्री

  • वनों में रहने वाले लोग वनों को हानि नहीं पहुंचाते
  • वनाधिकार पट्टों का मंत्री श्री सिंह ने किया वितरण 

 

वनाधिकार पट्टों के वितरण कार्यक्रम में मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह पट्टे वितरित करते हुये। 

अरुण सिंह,पन्ना। प्रदेश के साथ जिला स्तर पर वनाधिकार पट्टों का वितरण कार्यक्रम प्रदेश के खनिज साधन एवं श्रम विभाग मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वनों का होना आवश्यक है। वन ग्रामों का विस्थापन न करते हुए उन्हें वहीं मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना चाहिये। 

इस अवसर पर मंत्री श्री सिंह ने उपस्थितों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारे वनवासी भाई लम्बे समय से जिस भूमि पर खेती करके अपना जीवन यापन कर रहे थे उनके पास उसका कोई मालिकाना हक नही था। प्रदेश शासन द्वारा इन गरीब परिवारों के हित में निर्णय लिया गया कि इन्हें उस भूमि का मालिकाना हक दिया जाये। जिससे उस भूमि पर उनका अधिकार सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि वन ग्रामों में रह रहे लोगों को विस्थापित न करते हुए उनको उन्ही के गांव में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए। वनों में रहने वाले लोग वनों को हानि नहीं पहुंचाते। विशेषकर हमारे आदिवासी समाज के लोगों का जीवन वनों पर आधारित है। वनों से मिलने वाली फसलें आंवला, महुआ, चिरौंजी एवं अन्य औषधीय फसलों पर शासन द्वारा उनका अधिपत्य निर्धारित किया गया है। इसलिए इनके द्वारा वनों का संरक्षण किया जाता है। उन्होंने कहा कि वन विभाग द्वारा विभिन्न विकास कार्यो के लिए कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए। जिससे क्षेत्र का विकास हो। उन्होंने कहा कि हमारे यहां के जंगलों में बांस पैदा होता है इस बांस से अनेक आकर्षक सामग्री तैयार की जा सकती है। इसलिए जिले में बांस शिल्प आधारित रोजगार को बढावा देने के लिए लोगों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। यहां के जंगलों में पाए जाने वाली औषधीय फसलों में विशेषकर आंवला मुरब्बा के विक्रय के लिए बाजार उपलब्ध कराया जाना चाहिए। इसके अलावा अन्य औषधीय फसलों के उत्पादन तैयार करने का प्रशिक्षण देकर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाना चाहिए। 

इस अवसर पर कलेक्टर संजय कुमार मिश्र द्वारा बताया गया कि वनाधिकार पट्टों के लिए जिले में त्रिस्तरीय समिति गठित की गयी थी। ग्राम स्तर की समिति द्वारा प्रकरणों को तैयार कर विकासखण्ड स्तरीय समिति को भेजा गया। इसके उपरांत विकासखण्ड स्तर पर जांच करने के उपरांत अनुशंसा सहित जिला स्तर पर भेजा गया। जिला स्तरीय समिति द्वारा 1264 वनाधिकार के प्रकरणों का अनुमोदन कर पट्टे तैयार किए गये। जिनका वितरण आज से किया जाएगा। कार्यक्रम स्थल पर 50 पट्टों का वितरण कर वनाधिकार पट्टे वितरण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष रविराज सिंह यादव ने कहा कि हमारे आदिवासी भाईयों की लम्बे समय से मांग थी कि उन्हें जिस भूमि पर खेती कर रहे हैं उसका मालिकाना हक मिले। उन्होंने राजस्व और वन भूमि के विवाद का निराकरण किये जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जिससे क्षेत्र के विकास कार्य न रूकें। सम्पन्न हुए इस कार्यक्रम में वन मण्डलाधिकारी द्वय श्रीमती मीना मिश्रा, गौरव शर्मा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बालागुरू के, अपर कलेक्टर  जे.पी. धुर्वे, बुन्देलखण्ड विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष जयप्रकाश चतुर्वेदी,  रामबिहारी चौरसिया,  सतानन्द गौतम के साथ जिला स्तरीय अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं हितग्राही उपस्थित रहे। 

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