Saturday, October 10, 2020

वन बैरियर के पास पकड़ी गई सागौन से लदी पिकअप

  •   वाहन में तिरपाल से छुपा कर रखी गई थीं सागौन की 21 बोगियां 
  •  विश्रामगंज वन परिक्षेत्र में नहीं थम रहा जंगल की अवैध कटाई 
  •  जंगल में हर तरफ नजर आते हैं सागौन के ताजे कटे ठूंठ

अवैध सागौन की बोगियों से लदी पिकअप तथा मौके पर मौजूद वन अमला। 

अरुण सिंह,पन्ना।  मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में शातिर शिकारियों के साथ-साथ लकड़ी तस्करों की भी सक्रियता बढ़ी है। जिसके चलते यहां के समृद्ध और हरे-भरे जंगलों को सुनियोजित तरीके से उजाड़ने का काम चल रहा है। हालात यह हैं कि जिले का कोई भी वन क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां अवैध कटाई और उत्खनन न हो रहा हो। ताजा मामला उत्तर वन मंडल पन्ना के विश्रामगंज वन परिक्षेत्र का है। यहां वन बैरियर माझा के पास शनिवार 10 अक्टूबर को सुबह थाना कोतवाली पन्ना पुलिस ने अवैध सागौन से लदी एक पिकअप पकड़ी है। इस पिकअप वाहन में सागौन की 21 बोगियों को तिरपाल में छुपा कर रखा गया था। पुलिस जैसे ही वहां पहुंची वाहन में सवार लोग सागौन से लदी पिकअप को छोड़कर फरार हो गये।9 जानकारी मिलते ही वन परिक्षेत्र अधिकारी अजय बाजपेई सहित वन अमला भी मौके पर पहुंच गया। वन अमले द्वारा मामले की पड़ताल की जा रही है।

 

उल्लेखनीय है कि उत्तर वन मंडल पन्ना का विश्राम गंज वन परिक्षेत्र सागौन की अवैध कटाई तथा अवैध हीरा खदानों के संचालन को लेकर हमेशा चर्चा में रहता है। तकरीबन 16000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले इस वन परिक्षेत्र में कुछ वर्षों पूर्व तक बेहतरीन किस्म का सागौन हर तरफ नजर आता था, जिसे वन माफियाओं और लकड़ी तस्करों ने तहस-नहस कर दिया है। वर्ष 2016 में इसी वन परिक्षेत्र के बीट माझा व कौवा सेहा में हजारों की संख्या में सागौन के वृक्ष काटे गये थे। जंगल की सुरक्षा में तैनात रहने वाला अमला अवैध कटाई को रोकने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ है। ऐसा प्रतीत होता है कि वन माफियाओं व लकड़ी तस्करों में वन अमले का तनिक भी खौफ नहीं है। तभी तो अवैध सागौन से लदे वाहन सुगमता पूर्वक वन बैरियर से होकर निकल जाते हैं। इससे वन अमले पर सांठगांठ के आरोप भी लगते हैं। मिली जानकारी के मुताबिक सागौन की बोगियों से लदी पिकअप वाहन क्रमांक एमपी 21जी 1976 वन विभाग के माझा बैरियर से होकर ही निकलने वाली थी। लेकिन अचानक वहां पुलिस पहुंच गई और संदिग्ध वाहन नजर आने पर जब उसे रोका तो वाहन में सवार लोग फरार हो गये। पिकअप की तिरपाल हटाने पर उसमें सागौन की मोटी 21 बोगियां लदी हुई थीं, साथ में लकड़ी काटने वाले दो आरा भी रखे हुए थे।

मामले की जानकारी देते हुए वन परिक्षेत्र अधिकारी विश्रामगंज अजय बाजपेई ने बताया कि जप्त हुआ पिकअप वाहन शाहनगर क्षेत्र का है। वाहन मालिक का पता चल गया है। आरोपियों की भी पड़ताल जारी है, जिन्हें शीघ्र ही पकड़ लिया जायेगा। आपने बताया कि पिकअप वाहन में 21 नग सागौन की बोगियां पाई गई हैं,जिनकी अनुमानित कीमत डेढ़ लाख रुपए से अधिक है। वन परिक्षेत्र के किस इलाके में इन सागौन के वृक्षों को काटा गया है, यह पूछे जाने पर रेंजर श्री बाजपेई ने बताया कि अभी इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। आरोपियों के पकड़े जाने पर इस बात का खुलासा हो सकेगा कि यह वृक्ष कहां से काटे गये हैं। मालूम हो कि पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में बाघों की संख्या बढ़ने से कई बाघ बफर व टेरिटोरियल के जंगल में विचरण कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में लकड़ी तस्करों की इस तरह से जंगल में सक्रियता बाघों की सुरक्षा को लेकर भी एक बड़ा खतरा है। इस खतरे की ओर भी जिम्मेदार वन अधिकारियों को समय रहते ध्यान देना चाहिये।

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