Friday, December 25, 2020

नेवलों के अस्तित्व पर मंडरा रहा है खतरा

  •  इसके मुलायम बालों से ब्रश बनाने के लिए बड़ी संख्या में हो रही हत्या  
  • सोचिये, चंचल आंखों वाले इस प्यारे से जीव का क्या ऐसा अंजाम उचित है ?


कैनवस पर रंगों से खेलने के कुछ लोगों के शौक के चलते मेरे इस दोस्त की जान खतरे में है। कलर ब्रश बनाने के लिए हर साल पचास हजार से ज्यादा नेवलों की हत्या की जा रही है। यह इस कदर भयानक है कि इस छोटे से रोडेंट के सामने भी अस्तित्व का खतरा पैदा होता जा रहा है। 

वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो की टीम ने बीते दस सितंबर को बिजनौर जिले के शेरकोट गांव में छापा मारा। टीम को यहां से भारी मात्रा में नेवले के बाद बरामद हुए। नेवले के यह बाल कुल 155 किलोग्राम थे। जबकि, 55 हजार तैयार ब्रश भी यहां से बरामद किए गए। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके लिए कम से कम तीस हजार नेवलों की हत्या की गई होगी। 

भारत में नेवलों की कुल मिलाकर छह स्पीशीज पाई जाती हैं। इंडियन ग्रे मंगूज, स्माल इंडियन मंगूज, रडी मंगूज, क्रैब ईटिंग मंगूज, स्ट्रिप नेक्ड मंगूज और ब्राउन मंगूज। इसमें इंडियन ग्रे मंगूज सबसे ज्यादा कॉमन हैं। नेवलों को वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के शिड्यूल दो के भाग दो मेें सूचीबद्ध किया गया है। इस आधार पर इनके शिकार, पकडऩे आदि पर सात साल तक की जेल हो सकती है। 

लेकिन, सभी अन्य कानूनों की तरह ही भारत में वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन कानूनों की भी हालत है। कलर ब्रश बनाने के लिए बुरी तरह से इनका शिकार किया जा रहा है। अनुमान है कि हर साल पचास हजार से ज्यादा नेवले मारे जा रहे हैं। हर नेवले से 40 ग्राम के लगभग बाल निकाला जाता है। जिसमें से 20 ग्राम बाल ब्रश बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसी बाल के लिए इसकी हत्या की जा रही है। जानकारों का कहना है कि नेवले के बालों से कलर ब्रश बनाने का व्यापार ज्यादा पुराना नहीं है। हाल के कुछ वर्षों में यह बेहद तेजी से बढ़ा है। 

कलाकार अपने रंगों में ज्यादा बारीकी और कारीगरी हासिल करने के लिए इन ब्रशों का इस्तेमाल करते हैं। बिना यह जाने कि उनकी इस कला की कीमत यह छोटा सा, प्यारा सा जीव अपनी जान देकर चुका रहा है। 

इसकी उत्सुक और चंचल आंखों को देखिए। क्या ये इस अंजाम का हकदार है।

@संजय कबीर की फेसबुक वॉल से साभार 

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