Saturday, December 5, 2020

अवैध कटाई व अतिक्रमण से मैदान में तब्दील हो रहे जंगल

  •  बेशकीमती वन भूमि पर कब्जा जमाने की फिराक में रहते हैं भू-माफिया 
  •  दक्षिण वन मंडल में सलेहा रेंज के अंतर्गत अतिक्रमण हेतु हो रही कटाई 

सलेहा रेंज अंतर्गत वन भूमि में अतिक्रमण करने की मंशा से पेड़ काटते लोग।  

अरुण सिंह,पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में वन भूमि पर बड़े पैमाने पर हो रहे अतिक्रमण के चलते जंगल धीरे-धीरे मैदान में तब्दील होते जा रहे हैं। सुरक्षा और संरक्षण में कमी तथा वन अमले की उदासीनता और लापरवाही के कारण जहां भूमाफिया बेशकीमती वन भूमि पर कब्जा जमाने की फिराक में रहते हैं, वहीं अवैध हीरा व पत्थर की खदानों तथा अनियंत्रित अवैध कटाई से भी जंगल उजड़ रहे हैं। इसका सीधा प्रभाव वन्य प्राणियों के जीवन पर पड़ रहा है। वन्यजीवों की कई प्रजातियों पर विलुप्ति का खतरा मंडराने लगा है।

जिले के दक्षिण वन मंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र सलेहा के ग्राम मुड़िया के जंगल में कुछ स्थानीय दबंगों द्वारा हरे भरे वृक्षों को काटकर वन भूमि पर कब्जा किये जाने का मामला प्रकाश में आया है। स्थानीय लोगों के अनुसार यह सिलसिला विगत 1 माह से जारी है, जहां लगभग 20 से 25 एकड़ जंगल की जमीन में कब्जा करने की नीयत से भारी भरकम हरे-भरे बृक्षों को उजाड़ा जा रहा है। ऐसा नहीं कि वन विभाग के अधिकारियों द्वारा कार्यवाही नहीं की गई, पूर्व में इस वन भूमि में किसी अन्य व्यक्ति द्वारा कब्जा कर जंगल की कटाई की जा रही थी, जिसके खिलाफ वन परिक्षेत्र अधिकारी, बीट गार्ड एवं वन रक्षकों द्वारा कार्रवाई करते हुये वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया था, जिससे उक्त व्यक्ति जंगल की कटाई और कब्जा छोड़ने को मजबूर हो गया था, परंतु कुछ दिनों बाद कुछ अन्य व्यक्तियों द्वारा ग्राम मुड़िया के जंगल कि उक्त भूमि में कब्जे की नियत से पेड़ों की कटाई शुरू कर दी गई है। बताया जाता है कि  स्थानीय दबंग वनों की कटाई करवा कर जमीन पर कब्जे की कोशिश कर रहे हैं। वन भूमि पर अतिक्रमण करने वालों को राजनीतिक पहुंच रखने वाले कुछ  लोगों का संरक्षण प्राप्त होने की वजह से वन विभाग के कर्मचारी भी अतिक्रामकों का सामना करने से डरते हैं। मिली जानकारी के मुताबिक जंगल में हो रही अवैध कटाई की सूचना मिलने पर वन परिक्षेत्र अधिकारी सलेहा वन अमले के साथ कार्यवाही हेतु मौके पर पहुंचे, परंतु इसकी पूर्व सूचना अवैध कटाई करने वालों को मिलने पर वह मौके से फरार हो गये। इससे यह आशंका भी जताई जा रही है कि मैदानी वन अमले की किसी न किसी रूप में माफियाओं से सांठ - गांठ है। वन परिक्षेत्र अधिकारी के अनुसार वनों की कटाई या कब्जा की कोशिस करने वालों को बख्सा नहीं जायेगा, ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाई की जायेगी।

उल्लेखनीय है कि देश में वन भूमि पर सबसे ज्यादा अतिक्रमण मध्यप्रदेश में हो रहा है। वन विभाग के संरक्षण शाखा की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में प्रतिवर्ष साढे 700 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि पर खेती और आवास बनाने के नाम पर अतिक्रमण हो रहा है। रिपोर्ट में यह बात भी स्वीकार की गई है कि वन भूमि से अतिक्रमण हटाने में मात्र 20 फ़ीसदी ही सफलता मिल पाती है इसकी मुख्य वजह वोट बैंक की राजनीति मानी जा रही है। रिपोर्ट में पिछले 3 साल के अतिक्रमण आंकड़ों का हवाला देकर कहा गया है कि 13209 हेक्टेयर में अतिक्रमण हुआ जबकि मात्र 10 39 हेक्टेयर वन भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराने में वन महकमा सफल हो पाया। प्रदेश में वन भूमि पर अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है इसे हटाने में प्रतिवर्ष करीब 50 सुरक्षाकर्मी घायल होते हैं। वन भूमि में अतिक्रमण की गंभीर होती जा रही इस समस्या के स्थाई निदान हेतु कारगर पहल जरुरी है। 

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