Saturday, May 15, 2021

पन्ना टाइगर रिजर्व में युवा बाघिन की संदिग्ध मौत

  •  बाघिन के आगे वाले बाएं पैर में थी सूजन, चल रहा था इलाज 
  •  6 वर्ष की इस युवा बाघिन के चार नन्हे शावक अब हुए अनाथ 

पन्ना टाइगर रिज़र्व की युवा बाघिन पी-213 (32) जिसकी मौत हुई।   

।। अरुण सिंह ।।

पन्ना। बाघों के लिए प्रसिद्ध मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व की युवा बाघिन पी-213 (32) की आज संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस बाघिन के 6-8 माह के चार नन्हें शावक भी हैं, जो मां की असमय मौत होने से अनाथ हो गए हैं। बाघिन के आगे वाले बाएं पैर में सूजन थी, जिससे वह लंगड़ा कर चल रही थी। पता चलने पर इस बाघिन का इलाज भी किया जा रहा था। लेकिन आज सुबह यह बाघिन गहरीघाट परिक्षेत्र के कोनी बीट में मृत पाई गई। कोरोना संक्रमण के इस दौर में जब पर्यटकों के पार्क भ्रमण पर रोक लगी हुई है, ऐसे समय रेडियो कॉलर युक्त इस युवा बाघिन की असमय मौत से पन्ना टाइगर रिज़र्व में हड़कंप मच गया है।  

 क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि बाघिन के पैर में सूजन होने की जानकारी उन्हें 12 मई को मिली थी। जानकारी मिलने पर दूसरे ही दिन से उसका इलाज शुरू करा दिया गया था। आपने बताया कि 13 व 14 मई को उसे (एंटीबायोटिक दवा) 2 इंजेक्शन भी दिए गए। जिससे सूजन कम हुई तथा लंगड़ाना भी बंद कर दिया। लेकिन अप्रत्याशित रूप से अज्ञात कारणों के चलते आज उसकी मौत हो गई। आपने बताया कि बाघिन की मौत कैसे और किस बीमारी के कारण हुई इस संबंध में अभी कुछ भी बता पाना संभव नहीं है। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए यह आशंका भी जाहिर की जा रही है कि कहीं यह बाघिन किसी विषाणु (वायरस) के संक्रमण का शिकार तो नहीं हुई ? जांच रिपोर्ट आने पर ही मौत के असल कारणों का पता चल सकेगा।

 श्री शर्मा ने बताया कि वन्य प्राणी चिकित्सक डॉक्टर संजीव कुमार गुप्ता द्वारा बाघिन के शव का पोस्टमार्टम किया गया है। जिसमें ऐसे कोई भी प्रमाण नहीं मिले जिन्हें मौत की वजह माना जा सके। बाघिन के शरीर में कहीं किसी भी प्रकार की चोट के निशान भी नहीं पाए गए। मौके का निरीक्षण करने पर वहां अवैध गतिविधि के कोई चिन्ह नहीं मिले। इन परिस्थितियों में यही संभावना जताई जा सकती है कि बाघिन की मौत या तो किसी बीमारी के कारण या फिर जहरीले सांप आदि के काटने से भी हो सकती है। क्षेत्र संचालक श्री शर्मा कहते हैं कि प्रथम द्रष्टया बाघिन की मौत का कारण प्राकृतिक प्रतीत होता है। वास्तविकता क्या है यह जांच रिपोर्ट से ही पता चलेगा।


जंगल में ही बाघिन का हुआ दाह संस्कार 

 बाघिन पी-213 (32) की असमय मौत से निश्चित ही पन्ना टाइगर रिजर्व को अपूरणीय क्षति हुई है। इस बाघिन ने अपने पहले लिटर में 4 शावकों को जन्म दिया था। दूसरे लिटर में भी इसने चार शावक जन्मे हैं, जो 6 से 8 माह के हैं और मां के साथ ही रहते थे। बाघिन की मौत होने पर अब इन नन्हे शावकों की जिंदगी असुरक्षित हो गई है। क्षेत्र संचालक श्री शर्मा ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद बाघिन के शव का  नियमानुसार दाह संस्कार किया गया है। इस मौके पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधि सहित पन्ना टाइगर रिज़र्व के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। 

जांच के लिए भेजा जाएगा सैंपल 

वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि जांच के लिए सैंपल विशेष वाहक से भेजा जाएगा। ताकि जांच रिपोर्ट यथाशीघ्र मिल सके। आपने बताया कि सभी प्रकार की जांच कराई जाएगी, जिससे मौत के कारणों की असल वजह का खुलासा हो सके। जांच रिपोर्ट जल्दी मिले, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। क्योंकि यदि किसी बीमारी से मौत हुई होगी तो उसे दृष्टिगत रखते हुए जरूरी कदम उठाना होगा। आपने बताया कि इलाज के दौरान यह बाघिन सुस्त सी दिखती थी।

 अब शावकों की सुरक्षा बड़ी चुनौती

 असमय काल कवलित हो चुकी इस बाघिन के नन्हे चार शावकों की सुरक्षा तथा उनका पालन पोषण अब पार्क प्रबंधन के सामने बड़ी चुनौती है। क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने भी यह स्वीकार किया और कहा कि शावकों की सघन निगरानी शुरू कर दी गई है। शावकों की मॉनिटरिंग के लिए टीम के साथ हाथियों को भी लगाया गया है। कैमरों से भी इन शावकों पर नजर रखी जाएगी। इस संबंध में ऊपर से भी मार्गदर्शन लिया जा रहा है ताकि शावकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा सकें।

एक वर्ष पूर्व इसी बाघिन के शावक की हुई थी मौत 



बाघिन पी- 213 (32) के शावक का क्षत - विक्षत शव।  (फाइल फोटो) 

असमय काल कवलित हुई बाघिन पी- 213 (32) के शावक की एक वर्ष पूर्व संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी। शावक की उम्र उस समय लगभग 15 माह थी। वन कर्मियों को गश्ती के दौरान 3 मई 2020 रविवार को कोनी नाला में शावक का शव क्षत-विक्षत हालत में मिला था। मृत शावक का शव  तक़रीबन  7- 8 दिन पुराना प्रतीत हो रहा था। जवानी की दहलीज में पहुँच चुके इस बाघ की मौत कैसे व किन परिस्थितियों में हुई इसकी वजह व कारणों का खुलासा अभी तक नहीं हो सका है। कोनी नाला जहां शावक का शव सड़ी - गली हालत में मिला था, वह गहरीघाट वन परिक्षेत्र के बीट कोनी का ही इलाका है। पूर्व में भी इस इलाके में दो रेडियो कॉलर वाली बाघिनों की मौत हो चुकी है। फिर इसी इलाके में एक प्रजनन क्षमता वाली युवा बाघिन की मौत होने से तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं, जिनके जवाब मिलना जरुरी है।  

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