- गांव - गांव तेजी से फैल रही कोरोना के कहर की बेल
- वैक्सीन को लेकर भी ग्रामीणों के मन में भय व भ्रांति
पन्ना जिले के सिंहपुर गांव में झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराते संदिग्ध मरीज। (फोटो - संजय सिंह) |
।। अरुण सिंह ।।
पन्ना । कोरोना के कहर की बेल अब महानगरों से निकलकर छोटे शहरों और गांवों में भी तेजी से फैलने लगी है। सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित गांव के मरीज सरकारी अस्पतालों में जाने के बजाय गांव में ही झोलाछाप डॉक्टरों से अपना इलाज करा रहे हैं। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे ग्रामों में पत्थर की चीपों वाली बेन्च व जमीन पर लेटकर बोतल चढ़वाते मरीजों के दृश्य अब आम हैं। जिन्हें देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां ग्रामीण इलाकों में कैसे हालात हैं।
जिला मुख्यालय पन्ना से लगभग 20 किलोमीटर दूर पन्ना-बांदा मार्ग पर स्थित सिंहपुर गांव में झोलाछाप बंगाली डॉक्टर के क्लीनिक में इन दिनों मरीजों की भरमार है। कोरोना के लक्षण वाले संदिग्ध मरीज बड़ी संख्या में आ रहे हैं, जिनका यहां इलाज चल रहा है। सिंहपुर गांव के अलावा इस अंचल के धर्मपुर, खोरा, हरदी, टिकुरहा व रामनगर आदि ग्रामों के भी यही हाल हैं। यहां भी ग्रामीण झोलाछाप डॉक्टरों से ही अपना इलाज करा रहे हैं।
इस क्षेत्र के समाजसेवी संजय सिंह राजपूत ने इसकी वजह का खुलासा करते हुए बताया कि कोरोना को लेकर ग्रामीणों में भारी दहशत है। वे इलाज कराने के लिए सरकारी अस्पतालों में इसलिए नहीं जाते क्योंकि उन्हें डर है कि वहां उनकी कोरोना जांच कराई जाएगी। यदि उनको कोरोना निकल आया तो न कोई उनके पास आएगा और न ही छुएगा। इसके अलावा कोरोना को लेकर तरह-तरह की अफवाहें भी फैली हुई हैं, जिसके चलते गांव के लोग सरकारी अस्पतालों की तरफ रुख करने से कतरा रहे हैं।
हालांकि प्रशासन द्वारा शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की जांच करवाने तथा वैक्सीन लगवाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन इसका खास असर गांवों में नहीं दिख रहा। पन्ना जिले के ज्यादातर गांवों में लोग कोरोना वैक्सीन को संदेह की नजर से देख रहे हैं। ग्रामीणों से वैक्सीन लगवाने बाबत कहने पर उनका जवाब होता है "जब हमें कछु नइयां तो हम काय लगवाइये"। धर्मपुर गांव के एक बुजुर्ग ने बिना लाग लपेट के बताया कि "कोरोना वाली सुई लगवाने के बाद पहले बुखार आउत, फिर आदमी हलाकान हो जात। एक ने लगवाओ, तो चार दिन खटिया में डरो रहो"।
गांव के लोग वैक्सीन नहीं लगवा रहे, उनके मन में भ्रांति और भय ने इस कदर पैठ जमा लिया है कि वह कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं। पंचायत सचिव पुष्पेंद्र सिंह बताते हैं कि सबके पास वैक्सीन को लेकर कोई न कोई किस्सा है। कोई कह रहा है कि फला जगह इस इंजेक्शन के लगने से इतने लोग मर गए, जिन्हें बरसाती में लपेट कर जला दिया गया। कहीं इस महामारी को ही सिरे से नकारा जा रहा है। कुल मिलाकर स्थिति गंभीर हो रही है। गांव-गांव फैली इस तरह की भ्रांतियों और अफवाहों को दूर करना प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती है।
क्षेत्रीय सांसद ने निकाला जागरूकता रथ
वैक्सीनेशन के लिए जागरूकता लाने क्षेत्रीय सांसद द्वारा निकाला गया जागरूकता रथ। (फोटो - आशीष तिवारी) |
कोरोना के इलाज हेतु नई योजना लागू
मध्यप्रदेश में कोरोना मरीजों के निशुल्क इलाज हेतु नई योजना लागू की गई है। जिसके अंतर्गत प्रदेश के गरीब एवं आम आदमी को कोविड-19 का नि:शुल्क इलाज अनुबंधित निजी अस्पतालों में मिल सकेगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि योजना के क्रियान्वयन हेतु आयुष्मान भारत योजना पर निजी अस्पतालों को राज्य सरकार द्वारा विशेष पैकेज दिया जाएगा। सरकार निजी अस्पतालों को इलाज के लिए अनुबंधित करेगी।
वीडियो - कोरोना मरीजों को नि:शुल्क इलाज की सुविधा प्रदान करने के सम्बन्ध में अधिकारियों को दिशा निर्देश देते प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान -
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