Thursday, December 29, 2022

महिला किसानों के लिए गौमूत्र संग्रह बना अतिरिक्त आय का जरिया

  •  प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने समर्थन संस्था ने की थी गौमूत्र संग्रह की पहल 
  •  संस्था के प्रयासों से प्राकृतिक खेती की ओर अब बढ़ रहा किसानों का रुझान 



।। अरुण सिंह ।।   

पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की महिला किसानों ने गौमूत्र संग्रह को अतिरिक्त आय का जरिया बना लिया है। इन महिलाओं द्वारा संग्रहित किया जाने वाला गौमूत्र 20-25 रुपये लीटर की दर से बिक रहा है। अभी हाल ही में कृषि विज्ञानं केन्द्र पन्ना ने 120 लीटर गौमूत्र क्रय कर इन महिला किसानों का मनोबल बढ़ाया है। पन्ना जिले में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए स्वयं सेवी संस्था समर्थन ने गौमूत्र संग्रह की अभिनव पहल की थी। जिससे प्रेरित होकर ग्राम बिल्हा में महिला कृषक राजाबाई पटेल, बिलखुरा में कीर्तन देबी, पुष्पा पटेल तथा विक्रमपुर में राधारानी ने गौमूत्र का संग्रह शुरू किया है। अतिरिक्त आय होने से ये महिला किसान अत्यधिक उत्साहित हैं। इस अभिनव पहल का असर यह हुआ है कि अनेकों गांव में किसान अब जहरीली खेती को छोड़ प्राकृतिक खेती अपनाने की दिशा में अग्रसर हुए हैं। 

समर्थन संस्था के रिजनल क्वार्डिनेटर ज्ञानेन्द्र तिवारी बताते हैं कि पन्ना जनपद के 4 ग्रामों में प्रकृतिक खेती को बढ़ावा देने हेतु समर्थन संस्था ने पहल कर किसानों के साथ निरंतर बैठकों का आयोजन कर किसानों समझाईश देकर प्रेरित किया गया है। फलस्वरूप मौजूदा समय तीन ग्राम के 20-22 किसानों ने प्रकृतिक खेती करने की शुरुआत की है। आपने बताया कि प्रकृतिक खेती में गौमूत्र की अवाश्यकता होती है। सभी किसानों के पास गौमूत्र उपलब्ध नहीं हो पाता है। 

गौमूत्र की उपलब्धता ना हो पाने से दवा और खाद बनाने में दिक्कत होती है, जिसके लिए समर्थन के मैदानी कार्यकर्ताओं के द्वारा गौमूत्र एकत्र करने की पहल की थी। तीन गांव की महिला किसानों ने इस पहल से प्रेरित होकर गौमूत्र संग्रह शुरू किया है। यदि किसी किसान भाई को गौमूत्र की आवश्यकता हो तो ग्राम बिल्हा में राजाबाई पटेल, बिलखुरा में कीर्तन देबी, पुष्पा पटेल तथा विक्रमपुर में राधारानी से सम्पर्क कर गौमूत्र 20 से 25 रुपये प्रति लीटर की दर से प्राप्त कर सकता है। 


ग्राम विलखुरा जनपद पन्ना की पुष्पादेवी विश्कर्मा एवं कीर्तन देवी पटेल ने स्वयंसेवी संस्था समर्थन के सहयोग से प्राकृतिक खेती के लिये उपयोग की जाने वाली दवा एवं खाद बनाने का काम शुरू किया है। उनका कहना है की अभी हमारे जिले के किसान रासायनिक खाद का उपयोग कर रहे हैं, जिससे उनका बहुत पैसा खर्च हो रहा है। घरेलू एवं प्राकृतिक रूप से तैयार किया गया खाद एवं दवा फसल व मिट्टी दोनों के लिए फायदेमंद है। इससे उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ जमीन की उर्वराशक्ति भी कायम रहती है। 

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने वाले कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि खेतों में जिस तरह से हम यूरिया और डीएपी का उपयोग कर रहे हैं, उससे आने वाले 50 साल में भूमि बंजर हो जाएगी। प्रतिवर्ष यूरिया और डीएपी की खपत बढ़ती जा रही है, इससे किसानों की लागत बढ़ने के साथ उपज की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है। धरती की सेहत खराब हो रही है और आमजन बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इससे बचने का एकमात्र उपाय प्राकृतिक खेती है। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति तो बढ़ेगी ही, किसानों की लागत भी घटेगी।

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Friday, December 23, 2022

राष्ट्रीय वाॅलीबाल चैम्यिनशिप का हुआ समापन, गुजरात और पश्चिम बंगाल की टीम ने जीता ख़िताब

  • देश के विभिन्न राज्यों की टीमों के खिलाड़ियों ने अपनी उत्कृष्ट खेल प्रतिभा का किया प्रदर्शन
  • तलैया फील्ड मैदान का नाम जुगल किशोर मैदान किया गया, बनाया जाएगा इनडोर स्टेडियम 


पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना शहर में 16  से 22 दिसम्बर तक नेशनल वॉलीबाल महिला-पुरुष चैंपियनशिप के महामुकाबले का खेल प्रेमियों ने भरपूर लुत्फ़ लिया। अंतिम मुकाबला गुरुवार की शाम गुजरात व हरियाणा की पुरुष टीम के बीच हुआ। इस बेहद रोमांचक और कांटे के मुकाबले में गुजरात की टीम ने हरियाणा को हराकर ख़िताब अपने नाम किया। जबकि पश्चिम बंगाल की महिला टीम ने राजस्थान की टीम को आसानी से हराकर 3-0 से जीत हासिल की।  

पन्ना में आयोजित २५वीं राष्ट्रीय वाॅलीबाल चैंपियनशिप के समापन अवसर पर गुरूवार की शाम अपने वर्चुअल संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में खेल की नई संस्कृति का विकास होगा। पन्ना में राष्ट्रीय वॉलीबॉल चैम्पियनशिप के कारण आनंद और उत्सव का माहौल है। यहां के तलैया फील्ड मैदान का नाम जुगल किशोर जू मैदान किया जाएगा, इसे इनडोर स्टेडियम भी बनाया जाएगा। प्रतियोगिता का शुभारंभ 16 दिसम्बर को किया गया था। इस दौरान पुरूष एवं बालिका वर्ग में देश के विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश की टीमों के खिलाड़ियों ने अपनी उत्कृष्ट खेल प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

मुख्यमंत्री श्री चैहान ने प्रदेश की साढ़े 8 करोड़ जनता की ओर से खिलाड़ियों का स्वागत और अभिनंदन किया। साथ ही वृहदस्तरीय खेल प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए सांसद सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों, जिला एवं पुलिस प्रशासन की सराहना भी की। उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश की खेल प्रतिभाओं के प्रोत्साहन से खिलाड़ी निरंतर विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। आगामी दिनों में प्रदेश में नेशनल यूथ गेम का आयोजन भी किया जाएगा। सीएम ने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया और शुभकामनाएं दीं।


25वीं राष्ट्रीय वाॅलीबाॅल चैम्पियनशिप में पुरूष वर्ग में गुजरात एवं हरियाणा तथा महिला वर्ग में पश्चिम बंगाल एवं राजस्थान टीम के बीच फाइनल मैच खेला गया। पुरूष वर्ग में गुजरात विजेता और हरियाणा की टीम उप विजेता रही। इसी प्रकार कर्नाटक की टीम तीसरे एवं उत्तर प्रदेश की टीम चैथे स्थान पर रही। महिला वर्ग में पश्चिम बंगाल विजेता और राजस्थान की टीम उप विजेता रही, जबकि गुजरात की टीम तृतीय व तमिलनाडु की टीम चैथे स्थान पर रही। अलग-अलग वर्ग में विजेता टीम को 51 हजार रूपए और प्रत्येक खिलाड़ी को 3-3 हजार रूपए का पुरस्कार, गोल्ड मेडल एवं ट्राॅफी प्रदान की गई। उप विजेता टीम को 31 हजार रूपए एवं प्रत्येक खिलाड़ी को 2-2 हजार रूपए का पुरस्कार, सिल्वर मेडल प्रदान किया गया। तृतीय स्थान की टीम को 21 हजार रूपए व चतुर्थ स्थान की टीम को 11 हजार रूपए की पुरस्कार राशि प्रदान की गई। 

 इस अवसर पर किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने कहा कि पन्ना में राष्ट्रीय वाॅलीबाल चैम्पियनशिप का सफल आयोजन पन्ना सहित बुंदेलखंड और मध्य प्रदेश के लिए ऐतिहासिक दिन है। विश्व के 221 देशों में बुलेटिन के माध्यम से इस खेल का व्यापक कव्हरेज पहुंचाया जा रहा है। पन्ना की विशेष पहचान के लिए भी यह कारगर होगा। इसके अलावा चैम्पियनशिप के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर चयनित खिलाड़ी निश्चित ही अपने परिवार, समाज एवं प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने कहा की स्वस्थ्य रहने के लिए खेल जरूरी है। खेल के बिना जीवन में रस नहीं है। इसके माध्यम से जीवन जीने का अलग आनंद है। उन्होंने खिलाड़ियों से एशियाई और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक प्राप्त कर देश का नाम रोशन करने की अपेक्षा भी की।

इस अवसर पर सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय वाॅलीबाॅल चैम्पियनशिप में खिलाड़ियों ने खेल भावना का परिचय दिया है। इस दौरान लघु भारत की झलक भी देखने को मिली। प्रतियोगिता से जुड़े लोगों ने अथक परिश्रम कर इस आयोजन को सफल बनाया है। इसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को पन्ना में आत्मीयता का भाव देखने को मिला है। आगामी दिनों में वाॅलीबाॅल एकेडमी खोलने का प्रयास भी किया जाएगा। 

प्रभारी मंत्री रामकिशोर कांवरे ने कहा कि खेल का आयोजन खिलाड़ियों के लिए हुनर और क्षमता प्रदर्शन का बेहतर माध्यम साबित हुआ है। उन्होंने खिलाड़ियों सहित प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से खेल आयोजन से जुड़े पदाधिकारियों को बधाई दी। विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक ने कहा कि सांसद श्री शर्मा के प्रयास से पन्ना में खेल के आयोजन से यह विश्व के नक्शे पर आया है। आगामी फरवरी माह में जी 20  देश के प्रतिनिधिमंडल का पन्ना भ्रमण होना भी सौगात है। मुख्य कोच श्रीधरन ने कहा कि छोटे शहर पन्ना में राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट के सफल आयोजन ने सभी को गौरवान्वित किया है। पुलिस व प्रशासन की टीम ने भी सभी आवश्यक सहयोग प्रदान किया। उन्होंने कहा कि उत्कृष्ट प्रदर्शन वाले खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में खेलने का अवसर प्राप्त होगा। उन्होंने भविष्य में इनडोर ग्राउण्ड में एशियन वाॅलीबाॅल चैम्पियनशिप की उम्मीद भी जताई।

इस अवसर पर खनिज साधन एवं श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मीना राजे, नपाध्यक्ष श्रीमती मीना पाण्डेय सहित अन्य जनप्रतिनिधि, कलेक्टर संजय कुमार मिश्र, पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीणा, म.प्र. वाॅलीबाल एसोसिएशन के अध्यक्ष रूद्र प्रताप सिंह एवं एसोसिएशन के पदाधिकारीगण, पत्रकारगण व बड़ी संख्या में खेलप्रेमी दर्शक उपस्थित रहे।

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Wednesday, December 7, 2022

पन्ना के जंगल में तार के फंदे से झूलता मिला युवा नर बाघ, शिकार की आशंका

  • पन्ना के बाघों पर क्या फिर मंडराने लगा खतरा ?
  • अब कोर क्षेत्र के बाहर सुरक्षा के बेहतर इंतजाम जरुरी 



।। अरुण सिंह ।।  

पन्ना। बाघों से आबाद हो चुके मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिज़र्व से लगे उत्तर वन मंडल अंतर्गत पन्ना रेंज के तिलगवां बीट में एक युवा नर बाघ का शव तेंदू के पेड़ से लटकते मिला है। पन्ना के जंगल में निर्भयता से विचरण करने वाले इस शानदार वन्य प्राणी ने खुद फांसी नहीं लगाई बल्कि यह शिकारियों द्वारा जंगल में लगाये गये फंदे की चपेट में आ गया और असमय उसकी दर्दनाक मौत हो गई। मौके पर पेड़ से लटकते बाघ को देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो उसे फांसी पर लटकाया गया है। शिकार की इस सनसनीखेज वारदात से पन्ना टाइगर रिज़र्व के बाघों पर  एक बार फिर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। मृत बाघ के शव से दुर्गन्ध आ रही है जिससे प्रतीत होता है कि इसकी मौत तीन-चार दिन पूर्व हुई होगी लेकिन बाघ के फंदे में फंसने व मौत की खबर वन अमले को मंगलवार की शाम को लगी।  

मौके पर आज सुबह पहुंचे सीसीएफ छतरपुर संजीव झा ने बताया कि तक़रीबन दो वर्ष की उम्र के इस नर बाघ की मौत तार के फंदे से हुई है। फंदा लगाने वाले शिकारियों की खोजबीन की जा रही है। इसके लिए डॉग स्क्वाड का भी सहारा लिया जा रहा है। श्री झा ने बताया कि भोपाल से एसटीएफ की टीम भी पन्ना आ रही है जो शिकार के इस मामले की तहकीकात करेगी। 


मौजूदा समय पन्ना टाइगर रिजर्व में 70 से भी अधिक बाघ हैं जो टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र सहित बफर क्षेत्र के जंगलों में स्वच्छंद रूप से विचरण कर रहे हैं। अपने लिए नए ठिकाने की तलाश में पन्ना टाइगर रिज़र्व के बाघ कोर व बफर क्षेत्र से बाहर टेरिटोरियल के जंगल में भी विचरण कर रहे हैं जहाँ वे शिकारियों द्वारा फैलाये गए जाल में फंसकर असमय काल कवलित हो जाते हैं।   

मालूम हो कि इसके पूर्व बाघों की इतनी संख्या पन्ना टाइगर रिजर्व में कभी नहीं रही, इस लिहाज से पन्ना टाइगर रिजर्व इस समय शिखर पर है। लेकिन कामयाबी की इस सफलतम कहानी को बनाये रखना वन अधिकारियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। थोड़ी सी चूक और लापरवाही भी बड़े खतरे की वजह बन सकती है। इसलिए जंगल में मॉनिटरिंग सिस्टम को और बेहतर बनाना समय की जरूरत ही नहीं अनिवार्यता भी है। 


मृत बाघ का पोस्टमार्टम पन्ना टाइगर रिज़र्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता द्वारा किया गया। तदुपरांत बाघ के शव को वहीं जंगल में ही आला वन अधिकारियों व एनटीसीए के प्रतिनिधि की मौजूदगी में जला दिया  गया।  

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Monday, December 5, 2022

पानी के लिए सबसे ज्यादा परेशान होती हैं गांव की महिलाएं : मीना सिंह

  • पन्ना जिले की ग्राम पंचायत रक्सेहा में आयोजित हुआ जल संवाद
  • विदेशी प्रतिनिधियों ने भी इस संवाद में साझा किया अपना अनुभव

जल संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित करती जिला पंचायत पन्ना की अध्यक्ष मीना सिंह। 

।। अरुण सिंह ।। 

पन्ना। हवा, पानी और भोजन जीवन की अनिवार्य आवश्यकता है, इनके बिना जीवन संभव नहीं है। देश के अधिकांश गांवों में आज भी पेयजल के लिए महिलाओं को भटकना पड़ता है। इस विकट समस्या के निराकरण हेतु जल जीवन मिशन की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को की थी। इस मिशन के तहत भारत के सभी दूर-सुदूर गाँवों के हर घर तक शुद्ध पेय जल पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है जिसे 2024 तक पूरा किया जाना है।

जल जीवन मिशन का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन हो ताकि ग्रामीणों को सुगमता से शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके, यह जरुरी है। इस दिशा में स्वयंसेवी संस्था समर्थन द्वारा पन्ना जिले के 40 गाँव में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के साथ मिलकर जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन में मदद कर रही है। जल एवं स्वच्छता तदर्थ समित के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक करने का काम भी किया जा रहा है। इसी तारतम्य में समर्थन संस्था के तत्वाधान में पन्ना जिले की ग्राम पंचायत रक्सेहा में जल संवाद का आयोजन हुआ। जिसमे वैश्विक स्तर पर जल व स्वच्छता पर काम कर रहे WHH की Irene Gai और Benjamin Harris ने भी भाग लिया और दुभाषिये के जरिये ग्रामीणों से संवाद करते हुए अपने अनुभवों को भी साझा किया।


इस मौके पर जिला पंचायत पन्ना की अध्यक्ष मीना सिंह ने कहा कि मैं खुद गांव से हूँ इसलिए यह बहुत अच्छी तरह से जानती हूँ कि गांव की महिलाओं को सबसे ज्यादा पानी के लिए परेशान होना पड़ता है। हर घर तक शुद्ध पेय जल पहुँचाने का प्रधानमंत्री के संकल्प को हमें अपना संकल्प बनाना है। जब यह हमारा संकल्प बनेगा तभी हर घर नल से जल योजना का क्रियान्वयन सही तरीके से हो सकेगा। जिला पंचायत पन्ना की अध्यक्ष ने कहा कि अंतिम छोर में खड़ा व्यक्ति जब खुशहाल होगा तभी सही अर्थों में समृद्धि आयेगी। उन्होंने जल संरक्षण पर जोर दिया और कहा कि बारिश के समय गांव का पानी गांव में रहे इसके लिए उपाय करने होंगे। जल संवाद कार्यक्रम को जिला पंचायत उपाध्यक्ष संतोष सिंह यादव, जनपद सीईओ श्री पटेल, पुष्पराज सिंह, कृषक दयाराम सिंह, अंजू सिंह ग्राम रहुनिया, रामशिरोमणि सरपंच ग्राम पंचायत दिया तथा राहुल निगम ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम का प्रभावी संचालन समर्थन संस्था के ज्ञानेन्द्र तिवारी ने किया जबकि आभार प्रदर्शन रक्सेहा सरपंच शेफाली दास ने किया।         

हर दिन प्रति व्यक्ति 55 लीटर मिलेगा स्वच्छ जल

जल जीवन मिशन के तहत चलाए गए इस कार्यक्रम को हर घर जल का नाम दिया गया है। इसके तहत प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 55 लीटर स्वच्छ एवं सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराया जाता है। 3.6 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली इस योजना को 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह योजना पूरे देश में तेजी से लागू की जा रही है। 

उल्लेखनीय है कि जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन की स्थिति प्रदेश के आधे से ज्यादा जिलों में बहुत खराब है। एमपी के 33 जिलों में तो अभी तक आधा काम भी नहीं हो पाया है। मध्य प्रदेश के 51 हजार 548 गांवों में से शासन ने छह हजार 747 गांवों में योजना के तहत 100 फीसदी काम पूरा होने का दावा किया, लेकिन जब जांच की गई तो महज दो हजार 110 गांव ही सत्यापित हो पाए। प्रदेश के तीन जिले छतरपुर, सतना और पन्ना में तो इस मिशन के बहुत बुरे हाल हैं, यहां केवल 22 फीसदी के लगभग कार्य हो पाया है। 

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