- नन्हे मेहमानों के आने से टाइगर रिजर्व में खुशी का माहौल
- पन्ना में बाघों के साथ-साथ बढ़ रहा हाथियों का भी कुनबा
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| हथिनी अनारकली अपने दोनों नवजात शिशुओं के साथ, पास ही खड़े वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव गुप्ता |
।। अरुण सिंह ।।
पन्ना। बाघों के लिए प्रसिद्ध मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिज़र्व में बाघों के साथ-साथ हांथियों का कुनबा भी बढ़ रहा है। यहाँ की हथिनी अनारकली ने एक साथ दो मादा बच्चों को जन्म दिया है। आमतौर पर हथिनी एक ही बच्चे को जन्म देती है, पन्ना टाइगर रिज़र्व के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी हथिनी ने तक़रीबन 3 घण्टे के अंतराल में दो बच्चों को जन्म दिया है। इन नन्हे मेहमानों के आने से पन्ना टाइगर रिज़र्व में खुशी का माहौल है। इन नये मेहमानों के आने के साथ ही पीटीआर में हांथियों का कुनबा बढ़कर 21 हो गया है।
वन्यप्राणी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव कुमार गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि हथिनी अनारकली ( 57 वर्ष ) ने शुक्रवार को दोपहर 2.20 बजे खैरईया में अपने पहले बच्चे को जन्म दिया। जन्म देने के उपरांत हथिनी नन्हे बच्चे को वहां से लेकर हिनौता हांथी कैम्प पहुंची और यहाँ पर शाम 5.50 बजे दूसरे बच्चे को जन्म दिया। दोनों नवजात बच्चे व मां पूरी तरह से स्वस्थ हैं। डॉ. गुप्ता ने बताया कि इसके पूर्व उन्होंने न तो कहीं देखा और न ही सुना कि किसी हथिनी ने एक साथ दो बच्चों को जन्म दिया है। पन्ना में यह अजूबा पहली बार देखने को मिला है।
उन्होंने बताया कि हथिनी व उसके नन्हे शिशु की समुचित देखरेख तथा विशेष भोजन की व्यवस्था की जा रही है। हथिनी को दलिया, गुड, गन्ना तथा शुद्ध घी से निर्मित लड्डू खिलाये जा रहे हैं ताकि दोनों नन्हे शिशुओं को पर्याप्त दूध मिल सके। हथनी व उसके शिशुओं की देखरेख व निगरानी के लिए स्टाफ की तैनाती की गई है। गौरतलब है कि पन्ना टाईगर रिजर्व में वनराज व गजराज दोनों के ही कुनबे में वृद्धि हो रही है, जो निश्चित ही प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से एक शुभ संकेत है। वर्तमान में पन्ना टाईगर रिजर्व के पास कुल 21 हाथी हो गये हैं, जिनमें से 05 नर एवं 16 मादा हांथी हैं। इनमें 11 वयस्क, 3 अर्द्ध वयस्क एवं 7 बच्चे सम्मिलित हैं।
सोनपुर के मेले से पन्ना लाई गई थी अनारकली
हथिनी अनारकली के पन्ना आने की भी दिलचस्प दास्तान है। बताया गया है क़ि 18 वर्ष की उम्र में हथिनी अनारकली को जून 1986 में सोनपुर के मेले से पन्ना लाया गया था। तभी से यह हथिनी पन्ना टाइगर रिज़र्व में हांथियों के कुनबे में शामिल है। पन्ना टाइगर रिज़र्व में तक़रीबन 39 वर्ष तक अपनी सेवाएं देने के साथ इस हथिनी ने हांथियों के कुनबे को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अनारकली ने पन्ना टाइगर रिज़र्व में अब तक 6 बार बच्चों को जन्म दिया है। छठवीं बार इस हथिनी ने दो मादा बच्चों को जन्म देकर चर्चा में है।
पन्ना टाइगर रिज़र्व के महावत बताते हैं कि अनारकली ग़स्ती के काम में बेहद निपुण है। वन क्षेत्र में शिकारियों व लकड़ी चोरों की आहट मिलने पर हथनी अनारकली उस दिशा में पत्थर बरसाने लगती हैं। जब हथिनी अपनी सूंड से पत्थर मारती है तो शिकारी जान बचाकर भागने को मजबूर हो जाते हैं। मानसून सीजन में बाघों की निगरानी व जंगल की सुरक्षा का दायित्व यहाँ के हाथी बखूबी निभाते हैं। टाइगर रिजर्व के पहुंच विहीन क्षेत्रों में जहां नदी नालों के कारण मैदानी वन अमला नहीं पहुंच पाता, ऐसे इलाकों में टाइगर रिजर्व के प्रशिक्षित हाथी मुस्तैदी के साथ गस्त करते हैं। हाथियों की मदद से टाइगर रिजर्व के बेहद संवेदनशील इलाकों में भी गस्त संभव हो जाती है।
नवजात शिशुओं के साथ हथिनी का वीडियो :
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