पक्षी सदा से मनुष्यों का मन मोहते आए हैं । हमारे साहित्य, कला, संस्कृति और लोक कथाओं में उनका विशेष स्थान रहा है। हिमालय पार करने वाला उनका रोमांचक सफर हो, या हमारे आंगन में जोड़ा बनाने और घोंसला बनाने का उनका जीवन कलाप, पक्षी हमें प्रकृति की सुंदर दुनिया को जानने और सराहने का अवसर देते हैं। सारस की शान से लेकर पपीहे की मधुर तान तक, हर प्रजाति की अपनी अनूठी कहानी है, जो हमारे जीवन को समृद्ध बनाती है।
बर्ड वॉचिंग (Bird Watching) के शौकीनों के लिए पन्ना टाईगर रिजर्व का जंगल किसी जन्नत से कम नहीं है । लगभग 543 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले पन्ना टाईगर रिजर्व के कोर एरिया का खूबसूरत जंगल तथा बीचों-बीच प्रवाहित होने वाली केन नदी में तीन सौ से भी अधिक प्रजातियों के रंग-बिरंगे पक्षी देखने को मिलते हैं। टाईगर रिजर्व के भ्रमण हेतु आने वाले पर्यटको में बर्ड वॉचिंग के शौकीनों की संख्या बढ़ी है। पक्षियों पर रिसर्च कर रहे विश्व स्तर के कई पक्षी विशेषज्ञ पक्षी दर्शन के लिए यहाँ पहुंचते हैं।
विदित हो कि पूर्व में पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र टाईगर हुआ करता था। पार्क भ्रमण के दौरान पर्यटकों को यदि टाईगर देखने को नहीं मिला तो वे बड़े निराश होकर यहां से जाते थे। पार्क प्रबंधन व मैदानी अमला भी सिर्फ टाईगर को लोकेट करने में ही लगा रहता था लेकिन अब प्रबन्धन व पर्यटक दोनों का ही रूझान बदला है। टाईगर के अलावा भी अब पर्यटक अन्य दूसरे वन्य प्राणियों, पक्षियों व वनस्पतियों के बारे में अधिक से अधिक जानना चाहते हैं। पर्यटकों के रुझान में आया यह बदलाव निश्चित ही शुभ संकेत है। प्रकृति, पर्यावरण व जैव विविधता के संरक्षण में यह बदलाव मददगार साबित होगा।
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