- संरक्षण, निगरानी और प्रबंधन के लिए पीटीआर में ड्रोन दस्ते का हुआ विधिवत गठन
- ड्रोन के संचालन और उपयोग के संबंध में पार्क प्रबंधन ने जारी किया है दिशा-निर्देश
पन्ना टाइगर रिज़र्व का ड्रोन दस्ता तथा जंगल में उड़ता हुआ ड्रोन। |
।। अरुण सिंह ।।
पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में जंगल व वन्य प्राणियों की निगरानी के लिए ड्रोन फोर्स का गठन किया गया है। अब पीटीआर के कोर सहित बफर क्षेत्र में जंगल के चप्पे-चप्पे पर ड्रोन के जरिए नजर रखी जा सकेगी। क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि पीटीआर में ड्रोन दस्ते का विधिवत गठन कर ड्रोन के संचालन व उपयोग के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गये हैं।
उल्लेखनीय है कि पन्ना टाइगर रिजर्व का कोर एरिया 576.13 वर्ग किमी. तथा बफर एरिया 1021.97 वर्ग किमी. है। इतने विस्तृत वन क्षेत्र की सतत निगरानी व सुरक्षा की जिम्मेदारी मैदानी वन अमले के कंधों पर रहती है। अत्यधिक दुर्गम व बड़ा क्षेत्र होने के कारण जंगल के चप्पे-चप्पे पर नजर रखकर अवैध गतिविधियों को नियंत्रित कर पाना बेहद चुनौती से भरा कार्य है। वन क्षेत्र की तुलना में वन कर्मचारियों की संख्या कम है, जिससे पूरे इलाके पर नियमित गश्त संभव नहीं हो पाती। नतीजतन अवैध शिकार, जंगल की कटाई व वन क्षेत्र में होने वाले अतिक्रमण तथा अवैध गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण करने में कठिनाई होती थी। जिसे दृष्टिगत रखते हुए ड्रोन से जंगल की निगरानी करने की योजना बनाई गई है।
क्षेत्र संचालक श्री शर्मा बताते हैं कि ड्रोन की निगरानी से न सिर्फ जंगल व वन्य प्राणियों की हिफाजत होगी अपितु वन अपराधों को रोकने के लिए की जाने वाली कार्यवाही के दौरान विवाद की स्थिति में ड्रोन की मदद ली जा सकेगी। आपने बताया कि अब जंगल की निगरानी, वन्य प्राणियों की सुरक्षा व उनकी गणना के लिए भी नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो काफी मददगार साबित हो रही है। श्री शर्मा ने बताया कि संरक्षित क्षेत्रों में जैव विविधता को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों से निपटने व समाधान तलाशने में भी ड्रोन अत्यधिक कारगर है।
वन विभाग का ट्वीट। |
आपने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व के ड्रोन दस्ते में एक ड्रोन मॉडल 'DJ1फैंटम ड्रोन' लंबे समय तक संचालित करने के लिए पर्याप्त बैटरी के साथ एक समर्पित वाहन व एक सहायक सहित ड्रोन ऑपरेटर शामिल है। श्री शर्मा के मुताबिक वर्तमान में ड्रोन का पन्ना टाइगर रिजर्व में उपयोग की परिकल्पना कानून व्यवस्था को कायम रखने, निगरानी, वन्यजीवों की खोज और बचाव, जंगल की आग को रोकने तथा मानव-पशु संघर्ष को कम करने हेतु की गई है। श्री शर्मा बताते हैं कि भविष्य में ड्रोन का उपयोग वन्यजीव प्रबंधन, ईकोटूरिज्म तथा शैक्षिक उद्देश्यों के साथ-साथ जैव विविधता के दस्तावेजीकरण में भी किया जाएगा। आपने बताया कि बीते डेढ़ महीने की छोटी अवधि में ड्रोन दस्ता अवैध गतिविधियों के कुशल नियंत्रण और निगरानी में फील्ड स्टाफ की सहायता करने में सक्षम साबित हुआ है।
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