- कोविड के चलते जन्मोत्सव में शामिल नहीं हो सके श्रद्धालु
- मंदिर परिसर में भारी संख्या में तैनात रहा पुलिस बल
मंदिरों के शहर पन्ना स्थित बल्देव जी का भव्य मंदिर। |
पन्ना। भव्य प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध मध्यप्रदेश के पन्ना शहर में स्थित सुप्रसिद्ध बलदाऊ जी मंदिर में शनिवार को आज दोपहर ठीक 12 बजे हलधर जी का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम का भव्य और अनूठा मंदिर पन्ना शहर में स्थित हैं। शनिवार हलछठ के दिन इसी विश्व प्रसिद्ध बल्देव जी के मंदिर में भगवान बलराम का जन्मोत्सव परम्परागत ढंग से मनाया गया।
इस मौके पर मंदिर को बड़े ही आकर्षक ढंग़ से सजाया गया था। हर साल हरछठ पर्व पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहाँ बलदाऊ जी की एक झलक पाने के लिए उमड़ पड़ते थे, लेकिन कोविड-19 के चलते जन्मोत्सव में श्रद्धालु शामिल नहीं हो सके। बड़ी संख्या में लोग पहुंचे जरूर थे लेकिन मंदिर में तैनात पुलिस बल व अधिकारियों ने उन्हें मंदिर में अंदर प्रवेश करने से रोक दिया, जिससे श्रद्धालु नाखुश दिखे।
दिन को दोपहर 12 बजे राजपरिवार के सदस्यों, प्रशासनिक अधिकारियों तथा मंदिर समिति के सदस्यों की मौजूदगी में हलधर का जन्मोत्सव धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया गया। जैंसे ही घड़ी की सुईयों ने 12 बजने का संकेत दिया हलधर के जयकारों से बलदाऊ मंदिर गूंज उठा। मंदिर के गर्भग्रह में परम्परागत तरीके से जन्म संस्कार, आरती तथा भगवान के जन्म दर्शन हुये।
जन्मोत्सव उपरांत महिलाओं ने गाये बधाई गीत
भगवान बलदाऊ जी की मनमोहक झांकी के दर्शन। |
पन्ना के ऐतिहासिक बलदाऊ जी मंदिर में आज सुबह से ही श्रद्धालुओं की चहल-पहल बढ़ गई थी, जिसमें महिलाओं की संख्या सर्वाधिक देखी गई। दोपहर के 12 बजते ही जैसे ही बलदाऊ जी का जन्मोत्सव सम्पन्न हुआ तो वहां उपस्थित महिलाओं ने बधाई गीत गाने शुरू कर दिये, जिससे मंदिर प्रांगण का वातावरण और भी धार्मिक हो गया। महिलाओं ने व्रत रखकर भगवान बल्देव जी की पूजा करके परिवार व समाज की खुशहाली की माँग की गई। महिलायें इस दिन व्रत रखकर पुत्र के दीर्घायु होने की कामना के साथ हलछठ की पूजा करती हैं। मंदिर में पहुँचने वाले श्रद्धालुओं को हलछठ की पूजा के लिये आवश्यक व्यवस्थायें मंदिर समिति द्वारा की गई थी। भगवान के जन्मोत्सव के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया।
पूर्व और पश्चिम की स्थापत्य का अनूठा संगम है यह मन्दिर
पवित्र नगरी पन्ना में स्थिति श्री बल्देव जी मन्दिर की निराली छटा आज देखते ही बनती है। इस विशाल और भव्य मन्दिर का निर्माण तत्कालीन पन्ना नरेश महाराजा रूद्रप्रताप सिंह ने लगभग 145 वर्ष पूर्व सन् 1876 में करवाया था। यह मन्दिर पूर्व और पश्चिम की स्थापत्य कला का अनूठा संगम है। बाहर से देखने पर यह मन्दिर लन्दन के प्रसिद्ध सेन्टपॉल चर्च का प्रतिरूप नजर आता है। इस मन्दिर की स्थापत्य कला और अनुपम सौन्दर्य को निहारकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। भगवान श्री कृष्ण की सोलह कलाओं के प्रतीक मन्दिर निर्माण में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होते हैं। मन्दिर में प्रवेश हेतु 16 सोपान सीढ़ी, 16 झरोखे, 16 लघु गुम्बद व 16 स्तम्भ पर विशाल मण्डप है। मन्दिर का शिखर स्वर्ण कलश से सुशोभित है। महाराजा रूद्रप्रताप सिंह को कृषि से अत्यधिक लगाव था, इसलिये उन्होंने हलधर भगवान श्री बल्देव जी की नयनाभिराम कृष्णवर्णी प्रतिमा मन्दिर के गर्भग्रह में प्रतिष्ठित कराई थी। यह अनूठा मन्दिर राज्य की पुरातात्विक धरोहर में शामिल किया गया है।
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